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अदाणी फाउंडेशन द्वारा जैविक खेती पर जोर, प्रशिक्षित महिला किसानों को मिले निःशुल्क किट

सिंगरौली/माडा रविवार माडा तहसील अंतर्गत महान इनर्जेन लिमिटेड के पड़ोस के गांवों के 35 महिला किसानों को अदाणी फाउंडेशन द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र, वैढ़न के माध्यम से जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शुक्रवार को आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पोषण वाटिका के निर्माण हेतु खेतों की तैयारी, रोपाई का तरीका, नर्सरी लगाने की विधि, फसलों में लगने वाली बीमारियां और उनके उपचार, जैविक दवा बनाना एवं उसका उपयोग करने के बारे में विस्तृत जानकारी देना है। इस सम्बन्ध में स्थानीय महिला किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ जय सिंह एवं उनकी टीम के द्वारा विस्तारपूर्वक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया गया। प्रशिक्षण के उपरांत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सभी महिला कृषकों को टमाटर एवं भिंडी के बीज वितरित किए गए।

अदाणी फाउंडेशन द्वारा जैविक सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु इस साल लगभग 100 वर्मी कंपोस्ट बेड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशिक्षण के एक दिन उपरांत प्रशिक्षित महिलाओं के बीच निःशुल्क किट वितरित की गयी जिसमें सब्जियों की सर्वोत्तम किस्म के बीज, जैविक दवा और वर्मी कंपोस्ट खाद थे। 50 महिला कृषकों को वितरित इस किट में करेला, बरबटी,लौकी, भिंडी, धनिया, मिर्ची, टमाटर एवं बैगन जैसे सब्जियों के बीज के साथ ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र, अग्नि अस्त्र जैसे जैविक खाद व कीटनाशक और एक किलो वर्मी कंपोस्ट खाद का पैकेट दिया गया। अदाणी फाउंडेशन द्वारा ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक मुहिम चलाई जा रही है जिसके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में बर्मी कंपोस्ट, ऑर्गेनिक कीटनाशक, लिक्विड फर्टिलाइजर, नीमास्त्र, जीवामृत जैसी ऑर्गेनिक पद्धति से उत्पादित सामग्री को सस्ते खर्च में गोबर, गौमूत्र एवं हरे पत्तों के सहायता से बनाया जा रहा है।

प्रशिक्षण के दौरान अदाणी फाउंडेशन के अधिकारी मनोज प्रभाकर एवं उनकी टीम के द्वारा महिला किसानों को बताया गया कि आज हमारे समाज में तेजी से बढ़ रही बीमारियों के लिए गलत खान-पान विशेष तौर पर जिम्मेदार है। बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। यदि किन्हीं के पास खेती करने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है, तो वो ऑर्गेनिक सब्जियां घरों के खाली जगह अथवा छत पर भी उगा सकते हैं।

अदाणी फाउंडेशन द्वारा समय-समय पर पोषण वाटिका पर मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जाता रहा है। इस दौरान सैकड़ों स्थानीय पुरुष एवं महिलाओं को कार्यशाला आयोजित कर बताया गया है कि कैसे वे अपने आसपास बचे हुए जमीन के छोटे-छोटे हिस्से में पोषण वाटिका बनाकर सालों भर अपने घरों के लिए जरूरत की सब्जियां उगा सकते हैं। लाभार्थी ग्रामीणों को बताया गया कि सब्जियों में मौजूद पोषक तत्वों के कारण इसका सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। उच्च गुणवत्ता की सब्जियां प्राप्त करने के लिए एवं पौधों के अच्छे विकास के लिए पोषक तत्व प्रयोग करना बहुत जरूरी है।

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