SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले में शासकीय विभाग में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों की पसंदीदा जगह बना हुआ है.
जिले में बाहर से आने वाले अधिकारी कर्मचारी एवं जिले से बाहर जाने वाले अधिकारी कर्मचारी भी सिंगरौली जिले को लेकर काफी उत्साहित दिखाई पड़ते हैं।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग के ही बीते दिनों ट्रांसफर हुए एक पुलिस अधिकारी के द्वारा विभागीय संपत्ति पर सेंधमारी कर दी गई जिसकी खबर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों तक नहीं है। पुलिस विभाग से गायब हुए समारोह में कोई छोटे-मोटे सामान नहीं है इन सामानों में जी आई पाइप सहित टीवी फ्रिज तक है बड़ी हैरानी की बात है कि विभागीय सामान को प्राप्त कर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा संबंधित अधिकारी को एनओसी तक प्रदान कर दी गई है। एवं संबंधित अधिकारी जिले से जा भी चुके हैं।
कई कीमती सामान साथ लेकर चले गए जिम्मेदार अधिकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत कई वर्ष पूर्व जब निगाही में संचालित होने वाले पुलिस लाइन के लिए एनसीएल कंपनी के निगाही परियोजना के सीजीएम द्वारा सोफा सेट प्रदान किया गया था इसके साथ ही जिले के पूर्व आईपीएस अधिकारी रुडोल्फ अलवारिष ने अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस लाइन के लिए फ्रिज प्रदाय किया गया था इसके साथ ही पुराने सीसीटीवी कंट्रोल रूम में लगे एयर कंडीशनर, एलईडी टीवी सहित रेडियो शाखा के 17 नग जी आई पाइप को भी संबंधित अधिकारी अपने साथ ले गए पुलिस विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जिस तरह से लापरवाही कर लाखों का सामान बिना वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान से गुपचुप तरीके से अपने साथ लेकर जाने की हिमाकत की है वह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि लाखों रुपए के सामान के साथ में अधिकारी जिले को अलविदा कह कर चले गए एवं जिले के जिम्मेदार अधिकारी को संबंधित मामले की जानकारी ही नहीं है।
दरअसल जिस अधिकारी को लेकर हम बात कर रहे हैं उन पर कई तरह की वित्तीय अनियमितता का आरोपी लग चुका है ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ सिंगरौली जिले में ही उनके ऊपर इस तरीके के आरोप लगे थे बीते कई जिलों में सेवाएं देने के उपरांत उक्त अधिकारी पर इस तरह के आरोप लगने के साथ-साथ आरोप की जांच पर प्रमाणित भी पाई जा चुके हैं जिले से लाखों का सामान इस तरह से लेकर चले जाना जिले के विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत को भी प्रकट करता है ।
लगातार कई आरोप लगने के बावजूद भी संबंधित अधिकारी के ऊपर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण विभागीय अधिकारी भी कार्रवाई करने से बचते नजर आते दिखाई पड़ते हैं। आखिरकार गायब हुए सामान की भरपाई कौन करेगा क्या इस पूरे मामले पर कोई जांच होगी या फिर इसमें भी खानापूर्ति कर इसे भी फाइलों में दबा दिया जाएगा।