SINGRAULI NEWS : सरई तहसील अन्तर्गत धिरौली खनन परियोजना के आसपास के गांवों में ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन द्वारा प्रथम चरण में दस सोलर लाइट लगाई गई है।
रात में बिजली गुल होने की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी होती थी। ऐसे में सोलर स्ट्रीट लाइट लगने के बाद गांव के लोगों को काफी फायदा हुआ है। रोशनी पर्याप्त हो इसके लिए हर पोल पर 20 वाट के ट्यूब लगाए गए हैं। इन लाइटों की खासियत यह है कि यदि किसी कारण से 72 घंटे अगर खराब मौसम के कारण सूर्य की रोशनी नहीं मिलती है, तब भी ये गांवों की गलियों को रोशन करेंगे।
प्रथम चरण के अंतर्गत बासी, धिरौली, झलरी, सुलियरी टोला, बासी बेरदहा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खनुआ में दस सोलर लाइट लगाई गई हैं। इस इलाके में कुछ ऐसा गांव भी है.
जहां सघन जंगल के वजह से बिजली अब तक नहीं पहुंच पायी है। गांव की सड़कें और गलियां भी अब शहर की तरह जगमग हो रही हैं। अदाणी फाउंडेशन द्वारा गांव-गांव में सोलर लाइट लगाए जाने पर ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। रात के समय अंधेरे या बिजली कटौती की वजहों से जहां हो रही दिक्कतों से ग्रामीणों को निजात मिली है वहीं लाइट लग जाने से इलाके में आवागमन बढ़ा है और लोगों में सुरक्षा की भावना भी मजबूत हुई है।
आनेवाले कुछ दिनों में अदाणी फाउंडेशन द्वारा पड़ोसी गांवों के स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और पंचायत भवनों जैसे सार्वजानिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर कई सोलर लाइट लगाने की योजना है। गांवों में सोलर लाइट लगने से बिजली की बचत होगी।
कार्बन के उत्सर्जन में भी कमी आएगी। जिससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। खास बात यह है कि इन लाइटों को ऑन-ऑफ करने के झंझट से भी छुटकारा रहेगा। ऐसे कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा प्रबंधन के बारे में लोगों को जागरूक करना है.
पिछले कुछ महीने में अदाणी फाउंडेशन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता के ऐसे कई आयोजन कराए गए हैं,
जिससे लोग पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करने के लिए प्रेरित हो सकें। मई महीने में आयोजित एक शिविर में प्राकृतिक संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस शिविर में ‘मिशन लाइफ’ और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के विषयों पर ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया गया। क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण के महत्व और प्लास्टिक प्रदूषण के विनाशकारी परिणामों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और एक स्थायी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रम पूरे वर्ष स्थानीय विद्यालयों, पंचायती संस्थानों, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों एवं ग्रामीण बाजारों जैसे सार्वजानिक स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे।