Close

SINGRAULI NEWS : रिलायंस शासन पावर परियोजना के विरोध में सिद्धि खुर्द निवासी करेगा आत्मादाह

SINGRAULI NEWS : दिनांक 26/7/ 2023 को सिंगरौली जिले में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह का आगमन होने जा रहा है हालांकि प्रदेश के मुखिया के इस आगमन को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं.

अधिकतर लोग इसे चुनावी दौरा बता रहे हैं ऐसे में जिले की अपनी समस्याओं को लेकर कई पीड़ित मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहे हैं । सीएम शिवराज जिले वासियों को कई सौगात सिंगरौली जिले में 26 जुलाई 2023 को सुबह 10:00 बजे आ रहे हैं। जिला बनने के बाद से लगातार सिंगरौली जिले में जिस तरह से औद्योगिक इकाइयों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है वहीं जमीनों का अधिग्रहण एवं विस्थापन भी बहुत तेजी से हुआ ऐसे ही एक विस्थापन को लेकर विस्थापित लगातार कई माह से धरने में बैठे हुए हैं.

धरने पर बैठने के बावजूद भी इनकी सुनवाई ना होने से नाराज विस्थापित अब कठोर कदम उठाने की तरफ अग्रसर हो चुके हैं विस्थापितों की मांग को नजरअंदाज करने के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर सिंगरौली के बगल में लंबे समय से भूख हड़ताल पर बैठे विस्थापित सामूहिक रूप से रिलायंस सासन पावर परियोजना के विरोध में आत्मदाह करने का निर्णय लिया है।

धरने पर बैठे सती प्रसाद रजक का कहना है कि हम सभी विस्थापित ग्रामवासी ग्राम हरहवाँ झांसी टोला सिद्धि खुर्द सिद्धि कला तियरा सामूहिक रूप से रिलायंस सासन पावर परियोजना एवं जिला प्रशासन के बीच हुए समझौता दिनांक 25/10 /2019 के पालन कराए जाने के लिए दिनांक 25/4/ 2022 को ज्ञापन देकर दिनांक 11/5/ 2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन शिवपहरी में 12/ 5/ 2023 से सत्याग्रह आंदोलन तथा भूख हड़ताल कलेक्ट्रेट परिसर सिंगरौली के बगल में कर रहे हैं लेकिन आज लगभग 14 माह बीत जाने के बाद भी अब गांव के लोग थक हार गए हैं.

जिससे कि धरने पर भी अधिक लोग नहीं आ पा रहे। सती प्रसाद रजक ने बताया कि हमने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न समस्याओं का निराकरण अति शीघ्र कराने की मांग की है अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो मैं कल मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल पर आत्मदाह करने को मजबूर रहूंगा जिसमें जो भी जनधन की हानि होगी उसका संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

विस्थापन नीति का पालन हमेशा से जिले में एक चर्चा का विषय बना रहा है जिले में लगातार बढ़ते विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने में सहायक जिला प्रशासन से चूक हो रही है.

जिस कारण से विस्थापित आए दिन जिला प्रशासन के समक्ष अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आवेदन देते नजर आते रहते हैं। कई बार तो विस्थापितों ने विस्थापन नीति को महज ढकोसला तक बताया है विस्थापितों के साथ विस्थापन नीति का पालन ना होने का यह कोई पहला मामला नहीं है

जिले के विभिन्न हिस्सों में औद्योगिक इकाइयों द्वारा किसानों की जमीन लेकर किसानों को भी साबित कर दिया गया एवं जिन नियम शर्तों को आधार बनाकर किसानों की जमीन ले ली गई उन नियमों का हवाला देते हुए कई बार विस्थापितों ने वादाखिलाफी का आरोप तक लगाया है।

https://udnews.net/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a comment
scroll to top