Kuno National Park: चीतों को संक्रमण से बचाने के लिए मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में मानसूनी सीजन में वापस बाड़े में शिफ्ट किया जा रहा है। 13 चीते (पार्क के कुल 15 चीतों में से) बड़े बाड़ों में हैं, जबकि दो चीते अभी भी खुले जंगल में हैं। उन्हें भी बाड़े में स्थानांतरित करना है, लेकिन एक मादा चीता निर्वा का रेडियो कॉलर खराब हो गया है, जो कूनो प्रबंधन को परेशान करता है क्योंकि वह निर्वा की सेटेलाइट नहीं ट्रैक कर पाती है। अब पेट्रोलिंग टीमें चीता के पगमार्क की मदद से उसे खोजने में जुटी हुई हैं-
दो चीतों को कूनो नेशनल पार्क में बाड़ों से बाहर खुले जंगल में छोड़ा गया था। दोनों महिला चीता हैं। इनमें से एक मादा चीता अज्ञात है। कूनो प्रबंधन को भी इस चीते को समझना मुश्किल हो रहा है। आपको बता दें कि मादा चीते के गले में लगा कॉलर भी खराब है, इसलिए चलते समय उसकी ट्रांसमीटर पर इसका संकेत नहीं मिलता।
दो दिनों तक खोज करने वाली टीम
अब कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में सिर्फ दो मादा चीता निर्वा और धात्री हैं. निर्वा का रेडियो कॉलर खराब हो गया है, जिससे वह अपनी सेटेलाइट नहीं ट्रैक कर सकती। डॉक्टरों की टीम को वास्तविक स्थान ट्रेस नहीं होने से ट्रैंक्युलाइज करना मुश्किल हो रहा है, हालांकि ये अभी पार्क की सीमा में ही हैं। पिछले दो दिनों से, ट्रेकिंग टीम एक अफ्रीकी मादा चीता की तलाश में ड्रोन कैमरा और पगमार्क के साथ काम कर रही है। प्रबंधन ने कॉलर ID नेटवर्किंग को ठीक करने के लिए भी तकनीकी टीम से मदद मांगी है।
Cuno Management ने की पुष्टि
स्वास्थ्य जांच के बाद सभी 13 चीते स्वस्थ हैं, स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बाड़े में भी शिफ्ट किए जाएंगे दो खुले जंगल। हां, निर्वा को खोजने में मुश्किल है, लेकिन हमारी पेट्रोलिंग टीम मादा चीता द्वारा छोड़े गए पगमार्क के आधार पर उसे खोज रही है। वह एक दो बार नजर भी आई है, इसलिए चिंता की जरूरत नहीं है।
रोजाना नई-नई मुसीबत सामने आ रही हैं
कूनों नेशनल पार्क में समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। पहले चीतों की झड़प हुई, फिर कॉलर आईडी से संक्रमण से उनकी मौत हुई। बाद में, सभी चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए साउथ अफ्रीका से एक अलग दल को कूनो भेजा गया। इसके लिए जंगल से चीतों को पकड़कर बाड़े में लाया गया है।13 चीते (कुल 15) बाड़े में लाए गए हैं।