बलिया ( ब्यूरो अनिल सिंह )-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा बैरिया में अंतरराष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण दिवस के रुप में मनाया गया होली ।
शाखा की प्रमुख राजयोगिनी बीके पुष्पा दीदी ने होली के त्योहार का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि होली का त्योहार आत्मा का ज्ञान के अनेक रंगों के साथ ईश्वरीय रंग में रंगने के यादगार में हम सभी होली का त्योहार मनाते है। इसलिए पहले होलिका दहन के रूप में अपनी सारी बुराई को जलाते हैं।
फिर दूसरे दिन परमात्मा की संतान के रूप में एक दूसरे से गले मिलते जुलते हुए प्रेम सौहार्द के साथ होली का त्योहार मनाते है। उन्होंने होली के तीन अर्थ बताते हुए कहा कि हो ली माना जो बात हो गई उसको भूल जाना है।
दूसरा होली मन से आत्मा परमात्मा की हो गई। तीसरा होली माना आत्मा मन ,वचन ,कर्म से पवित्र होकर परमात्मा की हो गई। इस दौरान राजयोगिनी बीके समता दीदी ने कहा कि राष्ट्र की पहचान महिला से होती हैं । महिला समाज की धुरी होती हैं। इसलिए महिला को आध्यात्मिक जागृति जरूरी है ।
क्योंकि महिला जगेगी , बीतो समाज जगेगा , समाज जगेगा , तो पूरा राष्ट्र जगेगा । इसलिए सतयुग त्रेता में नारी का सम्मान था। द्वापर व कलयुग में नारियों को पर्दे के अंदर अनेक बंदिसो के तहत रखा गया जिससे नारियों के मूल्य का पतन होता गया । इसलिए नारी के विकास से ही राष्ट्र का विकास होता है।
इसलिए 1936 में निराकार शिव परमात्मा ने अपने साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा भारत को स्वर्ण युग (विश्वगुरु) बनाने के लिए महिलाओ को अग्रदूत बनाया ।उन्होंने कहा की नारी अबला नहीं हैं । हर एक नारी शक्ति स्वरूपा है। इसी शुभकामना के साथ उपस्थित सभी लोगो को तिलक लगाकर कर मुंह मीठा कराया गया। इस दौरान राजयोगी बीके अजय भाई के साथ अनेक भाई बहन मौजुद रहे।