Close

Singrauli: CM Shivraj ने भी माना सिंगरौली मध्य प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर

Singrauli: CM Shivraj ने भी माना सिंगरौली मध्य प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर
SINGRAULI: सूबे के मुख्यमंत्री (CM )आज भोपाल स्थित गोवर्धन पूजा में सम्मिलित होने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे जहां पर उन्होंने भी माना कि मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में सिंगरौली कटनी एवं ग्वालियर है प्रदूषित शहरों में शुमार होने के बावजूद भी अब तक इस दिशा में जिम्मेदारों के द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है
 विगत दिनों हिंदुओं का पवित्र त्यौहार दीपावली के अवसर पर भारत देश के सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा पर्यावरणीय विसंगतियों को लेकर पटाखों पर प्रतिबंध के संबंध में दिशा निर्देश जारी हुए थे सिंगरौली सहित कटनी और ग्वालियर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया आपको बताते चलें कि असंतुलित पर्यावरण को लेकर एवं बढ़ते प्रदूषण के कारण अब लोगों को भी इससे अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है गौरतलब हो कि सिंगरौली जिले में दर्जनों औद्योगिक इकाइयां स्थापित है इनमें से अधिकतर ऊर्जा उत्पादन के लिए जानी जाती हैं तो दूसरे कोयला उत्पादन के लिए। जिस तरह से सिंगरौली SINGRAULI जिले में प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है वह अब चिंताजनक स्थिति में तब्दील होता जा रहा है जिले के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण का कहर स्पष्ट तौर पर दिखाई पड़ता है
SINGRAULI: जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में आमतौर पर वृक्षों की पत्तियां हरी दिखाई पड़ती है परंतु संबंधित क्षेत्रों में अब वृक्षों की पत्तियां भी काली पड़ने लगी है इतना ही नहीं जिले के रहवासियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है आमतौर पर घरों पर सुबह कोयले की काली परत दिखाई पड़ती है क्षेत्र में तेजी से प्रदूषण फैलाने में सड़क मार्ग से हो रहे कोयला परिवहन को भी कम नहीं आंका जा सकता है लगभग प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में ट्रकों के माध्यम से कोयला परिवहन किया जा रहा है
निर्धारित मानकों का पालन ना होने से जिन रास्तों से होकर यह कोयला लोड ट्रक गुजरते हैं वहां आसपास की क्षेत्रों में सड़कों सहित कोयले का अंबार नजर आने लगा है कई इलाके तो ऐसे भी हैं जहां लोगों की थालियों मैं परोसी जाने वाला चावल भी कोल्डेस्ट के कारण काला पड़ जाता है और यह सब नजारा आमतौर पर मोरवा गोरबी कसर गोंद वाली बरगवां जैसे क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है

प्रदूषण को दरकिनार कर डीएमएफ फण्ड को छीन ले गए CM मुख्यमंत्री

एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान Chief Minister Shivraj Singh Chouhan ने भी माना कि सिंगरौली जिले में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है
तो वहीं दूसरी तरफ जिले से प्राप्त होने वाले रेवेन्यू एवं उस रेवेन्यू से प्राप्त हुए डीएमएफ की राशि जिले को विकसित एवं क्षेत्र विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस राशि पर नजर लगने के बाद से अब डी एम एस की राशि को भी जिले के हाथ से छीन लिया गया आपको बताते चलें कि लगभग कई सौ करोड़ रुपए जिले को विकसित करने के लिए डीएमएस की राशि प्राप्त होती थी परंतु जिले के सर्वांगीण विकास को लेकर अब इस राशि को तय करने का अधिकार स्वयं मुख्यमंत्री ने अपने हाथों में ले लिया है इससे जिले की जरूरतों को पूरा करने में बेहद असर पड़ता भी दिखाई पड़ रहा है सिंगरौली जिले में अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखा जा रहा है प्रदेश के 16 नगर निगम में से एक नगर निगम सिंगरौली जिले में भी है
SINGRAULI नगर निगम क्षेत्र में ही अब तक शहर के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाली नालियों की भी दरकार है अब तक इस राशि से जहां सड़कों में नालियों एवं सड़कों का जाल बिछाया जा सकता था अब उसके लिए भी जिला मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाकर देखने को मजबूर हो गया है। सिंगरौली जिले में सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत चीजों पर अभी भी काम होना बाकी है

क्षेत्रीय प्रदूषण pollution नियंत्रण कार्यालय की कार्यशैली सवालों के घेरे में

एयर क्वालिटी इंडेक्स के लगातार हाई रहने के उपरांत भी जिले में स्थापित क्षेत्रीय प्रदूषण pollution     नियंत्रण कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है एक तरफ जहां विभागीय अधिकारियों पर यह जिम्मेदारी थी कि जिले में होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए
तो वहीं दूसरी तरफ यह देखने में आ रहा है कि भले ही जिले में क्षेत्रीय प्रदूषण pollution नियंत्रण कार्यालय की स्थापना कई वर्षों पहले हो चुकी है परंतु इस कार्यालय के स्थापित होने के बावजूद भी जिले में प्रदूषण का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है स्थितियां अब गंभीर होती नजर आ रही हैं परंतु लगातार बढ़ते प्रदूषण पर लगाम कस पाना शायद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के अधिकारियों के बस की बात नहीं है

फ्लाई एस का प्रबंधन पर नाकाम प्रशासन एवं कंपनियां

सिंगरौली जिले में स्थापित कई विद्युत संयंत्रों से निकलने वाले फ्लाई एस का ठोस प्रबंधन नहीं हो पा रहा है आमतौर पर बांध बनाकर इन फ्लाई एस का निष्पादन कंपनी को एकमात्र विकल्प सोचता है अब तक जिले में हजारों टन राशि इकट्ठी हो चुकी है एवं आम तौर पर तेज हवाओं के साथ यह जहरीली राख आसपास के क्षेत्रों में लोगों का जीना मुहाल कर रखा है जिस तादात में यह रात दिन रात निकल रही है उसका सही तरीके से प्रबंधन ना होने के कारण अब यह फ्लाईऐश जिले के लिए मुसीबत बन बैठा है
 आमतौर पर जितने भी फ्लाई एस को डंप करने के लिए बड़े स्तर पर तालाब बनाए गए हैं वह सभी लबालब लगभग भर चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ कंपनियों के इन राख डैम के फूटने की भी घटनाएं निकल कर सामने आ चुकी है जिससे की जान माल का भी भारी नुकसान हुआ था यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में सिंगरौली जिला सिर्फ एक राख का ढेर ही नजर आएगा।।

पर्यावरण संरक्षण मुक्तिधाम तक ही है सीमित

पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में जिला प्रशासन सहित समाजसेवियों के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के नाम पर मात्र मुक्तिधाम पर ही पौधे लगाने का क्रम जारी है हालांकि जिले में स्थापित दर्जनों औद्योगिक इकाइयों के द्वारा वृक्षारोपण के नाम पर कोरमपूर्ती ।
अब शायद कंपनियां एवं जिला प्रशासन को फ्लाई एस के संबंध में सिर्फ इतना ही ज्ञात हो पाया है कि यह पौधे राख के ढेर को खत्म कर सकते हैं जो कि वैज्ञानिक तथ्यों को भी दरकिनार कर रहा है आमतौर पर पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई एस का ढेर एवं इसके निष्पादन को लेकर जो प्रयास किए जा रहे हैं वह पूर्णता नाकाफी हैं

https://udnews.net/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a comment
scroll to top