Close

SINGRAULI NEWS : नाम कबाड़ी और काम करोड़ों का , इस कारोबार पर किसी का नहीं कोई नियंत्रण

SINGRAULI NEWS  : इन दिनों धड़ल्ले से कबाड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। नगर में जगह-जगह कबाड़ कारोबारियों का कब्जा है।

नगर में एक दर्जन से अधिक कबाड़ के बड़े व्यवसायी हैं, जो साल में करोड़ों का कारोबार करते हैं। शुरू-शुरू में एक दो एजेंट रखकर शहर से कबाड़ इकट्ठा करा के खरीदते हैं,बाद में इनके एजेंट बढ़ जाते हैं। कबाड़ी इनसे कम कीमत में कबाड़ का सामान खरीदकर थोक में मोटी रकम कमाते हैं।

बैढन कोतवाली क्षेत्र में सबसे बड़ा कबाड़ का काम इंडस्ट्रियल क्षेत्र के मुहाने पर बेखौफ तरीके से चल रहा है बलियरी मुख्य मार्ग के किनारे जहां जगह मिल रही वहीं पर नया कबाड़खाना खुल जा रहा है, माजन कला, माजन बग़ीचा, कचनी, नवानगर के क्षेत्र में कई कबाड़ की दुकानें चल रही हैं।।

सूत्र बताते है वैढ़न शहर से महीने में 5 से 10 ट्रक कबाड़ बाहर रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है। इस धंधे में कोई टैक्स, कोई रोक-टोक न होने से कोई भी व्यक्ति कहीं भी कबाड़ की दुकान खोल लेता है। नियमानुसार कोई भी दुकान खोली जाती है तो बाकायदा लाईसेंस लेना होता है,

लेकिन बिना लाइसेंस व अनुमति के किए जाने वाले कबाड़ के व्यवसाय की शुरूआत बस एक स्टाक रजिस्टर से होती है। खरीदी-बिक्री किए गए सामान को दर्ज किया जाता है। उनके पास खरीदी-बिक्री की कोई रसीद भी नहीं होती है। इस फायदे को देखकर दिनोदिन कबाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है। देखा जाए तो कबाड़ व्यवसाय के लिए शासन ने कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए हैं।

इसके लिए लाइसेंस जरूरी होता है,लेकिन न कोई लेता है न इस पर किसी का ध्यान जाता है। इसी का फायदा उठाकर करोड़ों का यह कारोबार अवैध रूप से खूब फल-फूल रहा है। शुद्व मुनाफा कमाकर बड़े कबाड़ी करोड़ों की संपत्ति के स्वामी बन रहे हैं। इस बारे में अधिकारियों के बीच इस कारोबार के बारे में चर्चा जरूर है, लेकिन ठोस कार्रवाई कब होगी इस बारे में सभी मौन हैं।

बच्चों व किशोरों को भी उपयोग

कई मामले ऐसे भी उजागर हुए हैं, जिनमें कबाड़ी बच्चों व किशोरों से चोरी का माल खरीदते हैं। वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गरीब तबके के किशोरों को चोरी करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे बच्चों व किशोर घरों के आसपास फेंके गए कचरे में से कबाड़ बीनते हैं।

बाद में ये बच्चे नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं और नशे की लत की पूर्ति के लिए चोरी के धंधे में उतर आते हैं। यहीं चुराए गए सामानों को कबाड़ियों को बेचते हैं। कबाड़ का व्यवसाय करने वालों पर पुलिस की निगाह न होने से इनके हौंसले बुलंद हो गए हैं, ये बेधड़क चोरी के सामानों की खरीद-बिक्री के काम में लगे हैं।

कबाड़ में खूब बिकता है चोरी का सामान

कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल बाइक व अन्य चोरियों के सामानों को बेधड़क खरीद रहे हैं,चोरी का सामान अक्सर कबाड़ियों के यहां बेचा जाता है।

अक्सर भवन निर्माण में उपयोग होने वाली छड़ें, वाहनों के चक्के, लोहा, सोलर प्लेट, साईकिल,बाइक चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। साईकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिर्पोट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती।

बाइक चोरी की रिर्पोट तो लिखी जाती है,लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलती। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान व घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती सामान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर करोड़ों कमाते हैं।

सक्रिय कबाड़ कारोबारी

जिले में यह प्रमुख कारोबारी सक्रिय, कबाड़ के कारोबार में अंधाधुन कमाई होने की वजह से हर आम और खास इस कारोबार से जुड़ा हुआ है बैढ़न , नवानगर आदि क्षेत्रों में जो लोग कबाड़ के कारखाने चला रहे हैं ।

इनके अलावा कई छोटे बड़े कबाड़ कारोबारी हैं जो चोरी का कबाड़ खरीदने बड़े कारोबारियों को बेचते हैं जितने भी बड़े कारोबारी हैं उनका पुलिस से लेकर कोल खदानों में तैनात सरकारी सुरक्षा गार्डों और निजी सुरक्षा गार्डों से बेहतर तालमेल बना रहता है ताकि कोई भी चोरी के कबाड़ को पकड़े ना। इस लिए तालमेल बनाने के लिए सभी को हर माह उसका हिसाब पूरी ईमानदारी के साथ पहुंचता है।

https://udnews.net/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a comment
scroll to top