SINGRAULI NEWS : मध्य प्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2018 से 2023 के इस कार्यकाल समाप्ति की ओर है।
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी नेताओं को अपने क्षेत्र एवं जनता की याद आने लगी है जिसके कारण नेता क्षेत्र में भ्रमण करते देखे जा रहे हैं। 2023 के आखरी कुछ माह में जनता फिर अपनी सरकार चुनेंगी यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों के लिए अग्निपरीक्षा सामने आ रही है.
सिंगरौली जिले के 3 विधानसभा में भाजपा का वर्चस्व लहरा रहा है वहीं अब आगामी आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने वाली बात होगी कि तीनों विधानसभा में कौन सा विधायक कितने पानी में है इन सभी का जवाब अब जनता आने वाले चुनाव में वोट कर बताएगी की कौन सा नेता जनता के विश्वास में खरा उतरता है।
देवसर विधानसभा में विकास कोसों दूर
सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा ऐतिहासिक महत्व एवं सांस्कृतिक धरोहर के लिए पहचाने जाने वाला क्षेत्र आज विकास से कोसों दूर है ।
युवा विधायक के रुप में अपने राजशी ठाठ बाट और सियासी अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले देवसर विधानसभा के विधायक सुभाष रामचरित्र वर्मा को क्षेत्र की जनता ने भरपूर प्यार दिया ।लेकिन विकास के कई वादे अधूरे रह गए आगामी विधानसभा का सफर भी विधायक जी के लिए किसी चुनौती से कम दिखाई नहीं पड़ रहा है। वहीं विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे गांव जो आज भी हैं जनप्रतिनिधि का रास्ता ताक रहे हैं
जहां विकास तो आज तक नहीं पहुंची और ना ही पहुंचे विधायक जी।जिसका अंदाज भारतीय जनता पार्टी के नेताओ सहित विधायक को भी भली भांति है।ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में यह सीट किसी अन्य पार्टी के लिए आसान होती नजर आ रही है।
क्षेत्र की जनता ने 2018 में अपने क्षेत्र के विकास करने के लिए सुभाष रामचरित्र वर्मा को भारी मतों से विजई बनाकर खूब प्यार और दुलार देकर विधानसभा में भेजा था। लेकिन विधायक सुभाष रामचरित्र वर्मा के कार्यकाल का समय लगभग पूरा होने के बाद भी विधायक जी द्वारा किए गए वादे आज भी अधूरे नजर आ रहे हैं।
देवसर विधानसभा में आरोप-प्रत्यारोप
सिंगरौली जिले के विधानसभा देवसर क्षेत्र में लोगों का सबसे बड़ा समस्या रोजगार और उद्योग धंधों को लेकर है। यह विधानसभा क्षेत्र कृषि का केंद्र है
जिसके अलावा यहां कृषि का काम प्रमुख रूप से होता है यहां के किसान गेहूं चने मक्का मसूर प्याज आलू लहसुन इत्यादि की फसल मूल रूप से उगाते हैं। क्षेत्र में लोगों की सबसे बड़ी समस्या रोजगार उद्योग धंधों को लेकर है कि नहीं होने से क्षेत्र में बेरोजगारी का फैक्टर बनकर उभरी हुई है यही नहीं इसे दूर करने के लिए यहां लोग क्षेत्रीय विधायक से विकास की मांग कर रहे हैं। जनता का कहना है कि क्षेत्र के विधायक से बात करने पर वह कहते हैं कि क्षेत्र में कई काम अभी किए जाने बाकी हैं कई विकास योजनाएं मंजूर कर ली गई हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर विकास नहीं करने का आरोप मढ़ रहे हैं।
विधानसभा क्षेत्र Assembly Area में नामी-गिरामी औद्योगिक कंपनियां फिर भी युवा रोजगार से दूर
करीब डेढ़ दशक पूर्व सिंगरौली को सिंगापुर बनाने का ख्वाब दिखाया गया था,इसके बाद बेरोजगारी दूर करने के लिए एक से एक नामी गिरामी औद्योगिक कंपनियां स्थापित कराई गई, देवसर विधानसभा क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा औद्योगिक कंपनियां स्थापित हैं।
लेकिन नतीजा यह निकला कि देवसर विधानसभा आज इन कंपनियों की भार झेलते झेलते चीख रही है क्योंकि कंपनियों के स्थापित होने से देवसर विधानसभा क्षेत्र वासियों का कोई विशेष लाभ होता नजर नहीं आ रहा है, विधानसभा देवसर का विकास कितना हुआ है यह किसी से छिपा नहीं है यह जितने भी देवसर विधायक सुभाष रामचरित्र वर्मा के कार्यकाल में विकास संबंधी प्रोजेक्ट चालू किए गए सभी आधे अधूरे पड़े हुए हैं.
इसके अलावा कंपनियों को अपनी जमीन एवं घर सौंप देने के बाद लोग बेघर तथा बेरोजगार हो गए हैं कितने विस्थापितों को नौकरी मिली हुई है यह भी किसी से छिपी नहीं है विधानसभा क्षेत्र Assembly Area में कई लोग बेघर होकर सड़कों पर हैं इतना ही नही इलाके की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में भी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है बेरोजगारी का दंश झेलने वाले युवा नशे की लत में सराबोर है वहीं कई युवा आपराधिक गतिविधियों में भी संलिप्त पाये गए हैं ।
एवं सड़क हादसों में जान गवाने वाले लोगों की तादात भी देवसर विधानसभा के लोगों की एक बड़ी समस्या है। स्थिति में यह कहना गलत नहीं होगा कि कंपनियों के स्थापित कर सिंगरौली को सिंगापुर बनाने वादा कर सिर्फ ख्वाब दिखाया गया था। जो आज तक पूरा नहीं हो सका है, फिलहाल भाजपा को यदि आगामी विधानसभा चुनाव assembly elections में पिछली बार की तरह डंका बजाना है तो इन सभी समस्याओं पर गंभीर कदम उठाना होगा।
इनका कहना है
भारतीय जनता पार्टी Bharatiya Janata Party के विधायक सिंगरौली जिले के तीनों विधानसभा में विद्यमान हैं जिसका परिणाम यह है कि जिले को मिलने वाला डिस्ट्रिक्ट मंडल फंड भी अब जिले के हिस्से से लूट कर ख्वाब दिखाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भोपाल लेकर चले गए जिस कारण से जिले के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों का विकास पूरी तरह से रुक गया है सिंगरौली जिला सर्वाधिक टैक्स देने वाला जिला मध्य प्रदेश में है लेकिन शिवराज सिंह सिंगरौली जिले को सिंगापुर का झुनझुना पकड़ा करके केवल लूटने का काम कर रहे हैं और सिंगरौली जिले के तीनों विधायक बिना किसी विजन के कार्य कर रहे हैं और अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं.
जहां पर देवसर विधानसभा में एक छोटा सा रेलवे क्रॉसिंग न बन पाना 5 साल के विधायक जी के विकास कार्यों को दर्शाता है जहां प्रतिदिन सड़कों पर हजारों का जाम लगता है वहीं पर आए दिन सड़क दुर्घटना से सिंगरौली जिले में हो रही मौत का सबसे बड़ा कारण या भाजपा सरकार है जो न तो कोई बाईपास का निर्माण कर रही है और ना ही कोई नई रोड जिससे कोयले का परिवहन किया जा सके बनाने का कार्य कर रही है.
रहा सवाल रोजगार का तो जिले में तमाम ओबी कंपनियां विद्यमान है और जिले के युवा दर-दर भटक रहे हैं नौकरी सिर्फ उनकी लगती है दिल की सिफारिश या लेटर पैड जनप्रतिनिधियों का लाभान्वित हो करके दिया जाता है तीनों विधानसभा की स्थिति विकास के नाम पर देनी है जनप्रतिनिधियों की हिम्मत उनके खुद के मुख्यमंत्री से यह पूछने की नहीं है कि आखिर जिले के विकास में खर्च होने वाले डीएमएस की राशि आप भोपाल क्यों ले गए।
प्रवीण सिंह चंदेल (काग्रेस ग्रामीण महामंत्री) सिंगरौली