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सुरक्षा मानकों में बेपरवाह एनसीएल दूधिचुआ परियोजना

SINGRAULI NEWS : देश के विभिन्न फैक्ट्री एवं पावर प्लांटों को ऊर्जा की अत्यधिक जरूरत है और एनसीएल उस उर्जा को पहुंचाने में अपना अग्रिम सहयोग दे रहा है।

एनसीएल की सभी परियोजनाओं में सैलो के माध्यम से जल्द से जल्द कोयला लोड कर पावर प्रोजेक्ट एवं फैक्ट्रियों को पहुंचाने में अहम रोल अदा करता है जिसको लेकर एनसीएल ने बड़े-बड़े टेंडर भी निकाल रखे हैं और कई बड़ी एजेंसियां बाहर से आकर माइंस के अंदर अपना कार्य कर रही है । इन कंपनियों के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कराए जा रहे कार्यों से कई बार दुर्घटनाएं भी सामने आ रही हैं।

NCL Dudhichua Project एनसीएल दूधिचुआ परियोजना में आए दिन हादसों का सिलसिला जारी है लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी एनसीएल दूधिचुआ प्रबंधक सबक नहीं ले रहे हैं।लापरवाही के कारण आए दिन दुर्घटना हो रही है और जानलेवा घटनाओं के बाद प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही करने के बजाय चुप्पी साध लेना चर्चा का विषय बना हुआ है।

जाने क्या है पूरा मामला

NCL Dudhichua Project  एनसीएल दूधिचुआ प्रोजेक्ट में कार्य कर रही संविदा कार एजेंसी जेपीडब्ल्यू के द्वारा पुलिया निर्माण का कार्य कराया जा रहा है जिसमें नियमों को ताक पर रखकर व गुणवत्ता विहीन कार्य मजदूरों से कराया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार एनसीएल दूधिचुआ परियोजना में जेपीडब्ल्यू इंफ्राटेक कंपनी के द्वारा सैलो से लेकर शक्ति नगर रेलवे स्टेशन तक रेल लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके बीच में कई पुलो का निर्माण भी कराया जा रहा है।

निर्माण के कार्य में लगे मजदूर ऊंचाई में बिना सेफ्टी बेल्ट के काम कर रहे हैं मजदूरों को अन्य सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराया गया है जान जोखिम में डालकर मजदूर कार्य कर रहे हैं जिसमें संविदा कार एनसीएल दूधिचुआ परियोजना के प्रबंधक की अनदेखी की वजह से कभी भी गंभीर हादसा के होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

एनसीएल दूधिचुआ परियोजना NCL Dudhichua Project  में संविदा कार जेपीडब्ल्यू के द्वारा कराए जा रहे कार्यों में सुरक्षा की लगातार अनदेखी की जा रही है मजदूरों को ना तो सेफ्टी बेल्ट प्रदान किया गया है ना ही जूते टोपी व अन्य सामान प्रदान किए जा रहे हैं.

मजदूर बिना सुरक्षा उपकरणों के जान जोखिम में डालकर काम करते देखे जा रहे हैं इस वजह से कई बार मजदूर दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं। बीते दिनों जेपीडब्लू कंपनी की वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसमें वाहन चालक बाल-बाल बच गया था। जिसके बाद भी कंपनी द्वारा कोई भी सुरक्षा के उपकरण मजदूरों को उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।

संविदा कार जेपीडब्ल्यू द्वारा तैयार किए जा रहे पुलो के निर्माण में लगभग 30 से 40 मजदूर संलग्न है जो स्ट्रक्चर खड़ा करने के साथ ही अन्य कार्य कर रहे हैं इन मजदूरों को बगैर बेल्ट टोपी उपलब्ध कराए बिना ही कार्य कराया जा रहा है। और दूसरी तरफ एनसीएल दूधिचुआ परियोजना सुरक्षा के नाम पर ढिंढोरा पीटते नजर आ रहा है।

हम आपको बताते चलें की एनसीएल दूधिचुआ परियोजना NCL Dudhichua Project में जेपीडब्ल्यू को सैलो से लेकर शक्ति नगर रेलवे स्टेशन तक रेल लाइन बिछाने का कार्य मिला हुआ है जिसे लगभग 2 वर्ष तक कार्य पूरा कर एनसीएल NCL को सुपुर्द करना है जिससे ज्यादा से ज्यादा कोयले की ढुलाई की जा सके पावर प्रोजेक्टर को लेकिन जेपीडब्ल्यू संविदा एजेंसी के द्वारा जिस तरह से श्रमिकों से काम कराया जा रहा है देखने पर तो यही लगता है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है ना तो सुरक्षा के मानदंडों का ध्यान दिया जा रहा है नाही गुणवत्ता पूर्वक कार्य कराया जा रहा है।

संविदा एजेंसी contracting agency को कई पुल पुलिया का निर्माण करना है और मट्टी बिछाने है रेलवे ट्रैक के लिए हो रहे पुल निर्माण में मजदूरों से बिना सेफ्टी के ही गड्ढों में धकेल दिया जा रहा है और उनसे कार्य कराया जा रहा है जो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है वही रेलवे ट्रैक के लिए जो मिट्टी इन्हें लेनी है उसे भी यह नहीं ले रहे हैं सीधे खदानों से ओवी लाकर डाल दिया जा रहा है और मनमाने तरीके से कार्य किया जा रहा है ।

जानवरों की तरह भरकर लाई जा रहे श्रमिक।

यदि हम बात करें एनसीएल दूधिचुआ परियोजना NCL Dudhichua Project में संविदा कार जेपीडब्ल्यू कंपनी में कार्य करने वाले श्रमिकों की तो श्रमिकों को जानवरों की तरह एक ही वाहन में लगभग 25 से 30 श्रमिकों को भरकर कंपनी द्वारा कराए जा रहे कार्य स्थल पर पहुंचाया जा रहा है.

यह श्रमिकों से भरी गाड़ी एनसीएल दूधिचुआ प्रबंधक के कार्यालय के मुख्य द्वार से होकर गुजर रही है फिर भी जिम्मेदारों ने आंखें बंद कर रखी है। कई बार मजदूरों से भरे वाहन पलटने से कई हादसे होना सामने आ चुका है फिर भी कंपनी प्रबंधक द्वारा सारे मामलों से नजरें घुमा लेना खुद में एक सवाल खड़ा हो रहा है।

आपको बताते चलें कि ऐसा नहीं कि इन सब को देखरेख करने के लिए बकायदा एनसीएल में अधिकारी और इंजीनियर नियुक्त किए गए एनसीएल मुख्यालय से लेकर प्रोजेक्ट तक जो हो रहे कार्य को समय-समय पर जाकर देखते हैं.

लेकिन हो रहे निर्माण कार्य सब भगवान भरो से चल रहा है संविदा एजेंसी भी मस्त और अधिकारी भी मस्त यदि एक घटना हो जाए तो इसका को कितना हर्जाना भरना पड़ सकता है यह शायद एनसीएल भली भाती समझता है फिर भी नियमों को ताक पर रखकर रेलवे लाइन का कार्य कराया जा रहा है कहीं ना कहीं एनसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से इतने बड़े स्तर पर बिना सुरक्षा के कार्य कर रही है संविदा एजेंसी

इनका कहना है।

इस पुरे मामले में जब एनसीएल के जनसम्पर्क अधिकारी राम विजय सिंह से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि जो काम हो रहा है ये काम डायरेक्ट एनसीएल का नहीं है ये काम इरकॉन या राइट्स के जरिये हो रहा होगा। ये रेलवे का काम इनके द्वारा कराया जा रहा होगा। इसके बारे में आप को उनसे ही बात करना होगा। फिर भी हम एक बार अपने सिविल जीयम को अपडेट कर देंगें।

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