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फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रहे युवक के मामले पर जीएम ने साधी चुप्पी

SINGRAULI NEWS : नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड Northern Coalfield Limited की परियोजना के गोरबी ब्लॉक बी परियोजना में एनसीएल कर्मी के द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है।

जिसके बाद पूरे एनसीएल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि एनसीएल गोरबी ब्लॉक बी NCL Gorbi Block B में फर्जी दस्तावेज आधार पर युवक नौकरी कर कंपनी को लाखों का चूना लगा रहा है जिसका मामला प्रकाश में आते ही एनसीएल के जनरल मैनेजर के द्वारा संबंधित कर्मी को बचाने का प्रयास किया जा रहा।

सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले पर शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता की ओर से बताया गया है कि कंपनी में ही कंपनी के एक कर्मचारी द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर पदोन्नति के लिए प्रयोग किया गया है। जिसकी शिकायत के बाद विभागीय जांच के उपरांत कर्मी दोषी भी पाया गया है मामले के सामने आने के बाद कंपनी प्रबंधन के हाथ पाँव फूल गए वहीँ अब इस पूरे मामले पर कंपनी के जिम्मेदार लीपापोती करने में जुटे हुए हैं।

जाने क्या है पूरा मामला

सिंगरौली जिले के नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड Northern Coalfield Limited के गोरबी बी की परियोजना में एनसीएल के कर्मी के द्वारा अपने विभाग में लिखित तौर पर एक व्यक्ति की शिकायत की गई है जिसमें कि शिकायतकर्ता का आरोप है.

कि एनसीएल की गोरबी परियोजना में ही कार्यरत मोहम्मद जिन्ना नामक कर्मी के द्वारा पदोन्नति के लिए कूट रचित एवं गलत तरीके से फर्जी मार्कशीट बनाकर पदोन्नति का लाभ ले लिया गया संबंधित मामले का हवाला देते हुए कर्मी ने बताया कि इस पूरे मामले में पदोन्नति के लिए जिन दस्तावेजों का प्रयोग किया गया है वह संबंधित विद्यालय से संपर्क करने के उपरांत विद्यालय की प्रबंधकों ने स्पष्ट कर दिया कि जिस विद्यार्थी का नाम ले रहे हैं वह विद्यालय में कभी अध्ययनरत रहा ही नहीं है।

इस पूरे मामले की शिकायत के उपरांत परियोजना अधिकारियों द्वारा एक टीम बनाकर संबंधित मामले की जांच कराई गई है वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो संबंधित मामले में जिस तरह से आरोप लगाए गए हैं। वह जांच उपरांत सही पाए गए अब इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट विभाग में जमा करने के उपरांत संबंधित मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाखों रुपए की चपत का आरोप

नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड के गोरबी परियोजना में कार्यरत कर्मचारी मोहम्मद जिन्ना के द्वारा जालसाजी करके नौकरी में पदोन्नति का लाभ लेने का आरोप लगा है .

यदि इन आरोपों को माने तो संबंधित आरोपों में यह बात निकल कर सामने आ रही है कि एनसीएल कर्मी मोहम्मद जिन्ना के द्वारा कंपनी को पदोन्नति मिलने के बाद से कर्मचारी के द्वारा एनसीएल कंपनी को कई लाख रुपए की चपत लगाई जा चुकी है अब इस पूरे मामले के सामने आने के बाद एनसीएल गोरबी प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी ही संबंधित मामले में अब मामले में अभियुक्त को बचाने की फिराक में लगे हुए हैं।

वही इस पूरे मामले पर शिकायत के उपरांत की गई कार्रवाई पर विभागीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी पर गौर करें तो इस पूरे मामले पर भ्रष्टाचार सहित भ्रष्टाचारी को संरक्षण जैसी बात निकल कर सामने आ रही है बड़ा सवाल तो यह भी है कि इस पूरे मामले में आखिरकार परियोजना के प्रबंधक आखिरकार खामोश क्यों बैठे हुए हैं।

कंपनी प्रबंधक पर लगा भ्रष्टाचार सहित भ्रष्टाचारी को संरक्षण देने का आरोप

विभागीय सूत्रों की माने तो जिस तरह से एनसीएल कर्मी मोहम्मद जिन्ना द्वारा पदोन्नति के लिए उपयोग किए गए कूटनीति का आरोप जांच टीम द्वारा सिद्ध होने के बाद भी कंपनी प्रबंधक द्वारा उसे हीला हवाली करना कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को जीएम द्वारा संरक्षण देने जैसा साबित हो रहा है

कथित एवं लिखित तौर पर एनसीएल कर्मी के द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी में पदोन्नति के मामले में की गई शिकायत पर एनसीएल गोरबी परियोजना में अब इस पूरे खेल पर से पर्दा उठने को ही है परंतु परियोजना के जिम्मेदार अधिकारी ही इस पूरे मामले पर अभी भी लीपापोती एवं पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो यह भी प्रतीत होता है कि संबंधित मामले की जांच के उपरांत आरोप सही पाए गए हैं.

ऐसे में अब तक परियोजना प्रबंधन की तरफ से संबंधित मामले पर विभागीय सहित पुलिस से भी इस पूरे मामले की शिकायत नहीं की गई है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित मामले में परियोजना के प्रबंधक इस पूरे मामले पर पर्दा डाले में जुटे हुए हैं या यूं कहे कि संबंधित मामले में कर्मी को संरक्षण देने का कार्य परियोजना प्रबंधक के द्वारा किया जा रहा है।

इनका कहना है

संबंधित मामले में विभागीय जांच चल रही है इसलिए कुछ कहने पाना संभव नहीं है विभागीय जांच होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि क्या फर्जीवाड़ा हुआ है।

राम विजय सिंह (जनसंपर्क अधिकारी एनसीएल)

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