SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले के निवासी को लेकर झारखंड पुलिस कड़ी मशक्कत कर रही है.
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में सिंगरौली निवासी प्रवीण तिवारी पिता चंद्र शेखर तिवारी एवं मलकीत सिंह पिता बक्सी सिंह खिलाफ कई संगीन धाराओं में लगभग दशक पूर्व में प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था ।मलकीत सिंह मोरवा थाना क्षेत्र के नेहरू नगर के रहने वाले हैं वही सिंगरौली जिले के रहने वाले दूसरे आरोपी प्रवीण तिवारी मोरवा थाना क्षेत्र के भगत सिंह कॉलोनी के रहने वाले हैं। मैग्नीज आयरन की कालाबाजारी कर धन अर्जित करने की चाह में अवैध कार्य के दलदल में समा गए। एक तरफ जहां अनैतिक कार्य करके धन उपार्जन को लेकर प्रयास किया गया वहीं दूसरी तरफ सत्ता के गलियारों में प्रवेश कर खुद के लिए ढाल तैयार करने में जुट गए। दरशल पूरा मामला राजनीतिक संरक्षण एवं अनैतिक कार्यों के संरक्षण का है जिसमें की संबंधित अभियुक्त बचने के फिराक में राजनीति का दामन थामे हुए हैं ।संबंधित मामले में सत्ता पक्ष का होने के कारण प्रशासनिक अमला भी संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई करने में नाकाम हो रहा है
ऐसे में प्रशासनिक अमले की कार्यशैली को राजनीति के आगे नतमस्तक कहना गलत नहीं होगा वह संबंधित मामले में यदि सूत्रों की माने तो सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में राजनैतिक सरपरस्ती के कारण ही अब तक संबंधित अभियुक्त गणों जोकि सिंगरौली के रहने वाले हैं उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है और वे काफी लंबे समय से कोर्ट के नोटिस के बावजूद भी फरार चल रहे हैं जिसमें न्यायपालिका के आदेशों की खुलेआम अवहेलना है।
जाने पूरा मामला
संबंधित मामले की यदि बात करें तो यह पूरा मामला झारखंड के जिला रामगढ़ के कुज्जु थाने का है। दरअसल मिली जानकारी के अनुसार 10 जून 2010 को जिला रामगढ़ के थाना कुज्जू के तत्कालीन थाना प्रभारी को गुप्त सूचना मिली कि अवैध रूप से जामदा चाईबासा से चोरी के मैग्नीज आयरन का परिवहन यूपी 64 एच 1356 के द्वारा किया जा रहा जो कि नया मोड़ की तरफ आ रहा ।थाना कुजू को सूचना मिलने के उपरांत कुजू पुलिस हरकत में आई एवं संबंधित मामले पर पुलिस ने जाल बिछाया एवं घेराबंदी कर नया मोड़ राष्ट्रीय राजमार्ग 33 से गाड़ी संख्या यूपी64 यच1356 की घेराबंदी कर रुकवाया परंतु चालक द्वारा गाड़ी को मौके से भगाने का प्रयास किया कुछ आगे जाने के बाद चालक द्वारा गाड़ी रोककर भागने का प्रयास किया जिसमें पुलिस ने पीछा कर चालक मलकीत सिंह एवं गाड़ी में सवार अन्य प्रेम कुमार , रविकांत , गणेश कुमार को मौके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के द्वारा ट्रक पर लोड मैग्नीज आयरन से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई जिस पर दस्तावेज का ना होना बताया गया । पुलिस अनुसंधान में पाया गया कि मैगनीज आयरन को ट्रक में लोड कराने वाले मोहम्मद शकील एवं वाहन स्वामी एवं ट्रक चालक सहित सवार लोगों के खिलाफ पुलिस ने संबंधित मामले में कार्रवाई करते हुए 414/120बी भारतीय दंड विधान के तहत कार्रवाई की।चोरी करना एक गंभीर अपराध है।
चोरी का सामान खरीदना एवं बेचना भी अपराध है। इसी प्रकार चोरी के सामान को छुपाना, चोर की मदद करना भी एक अपराध है। आईपीसी की धारा 414 के तहत चोरी का सामान छुपाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। आइए जानते हैं कि यदि पीड़ित व्यक्ति, ऐसे अपराधी को माफ कर दे तो क्या कोर्ट उसे सजा नहीं देगा।
आईपीसी की धारा 414
चोरी का सामान छुपा कर चोर की मदद करना IPC की धारा 414 का अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होता है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायालय द्वारा की जा सकती है। सजा- इस अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
जांच पड़ताल की गई जिसमें कि संबंधित मामले का खुलासा हो गया, जिस समय पुलिस ने ट्रक को पकड़ने का प्रयास किया उस समय ट्रक चालक और उसके साथियों ने भागने का असफल प्रयास किया था ।जिसके बाद पुलिस ने संबंधित मामले में कार्रवाई करते हुए प्रारंभिक संख्या 151 10 जून 2010 को दर्ज कर मामले को विवेचना में ले लिया एवं मामले में अनुसंधान जारी रहा।एवं10 जून को ही आरोपीगणों की गिरफ्तारी कर पुलिस ने 11 जून 2010 को कई अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया । संबंधित मामले में सूत्र बताते हैं कि न्यायालय ने अभियुक्तों को कारावास भेज दिया था इस पूरे मामले में 9 माह की सजा के दौरान अभियुक्तों को 8 मार्च 2011 को न्यायालय ने जमानत देते हुए राहत दी थी।
सूत्र बताते हैं कि जमानत पर बाहर आने के बाद कुछ अभियुक्तगणों ने झारखंड को अलविदा कह दिया न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण कोर्ट में सुनवाई के दौरान लगातार अभियुक्तगणों को पेश करने हेतु गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया था परंतु संबंधित अभियुक्तों में से कुछ अभियुक्त आज तक न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं जिनकी झारखंड की कुजू थाने की पुलिस लगातार तलाश कर रही है
इनका कहना है
इस पूरे मामले पर झारखंड के रामगढ़ जिले के कुजू थाना के थाना प्रभारी दिनेश कुमार से फोन पर बातचीत की गई मामले में उनका कहना है कि काफी पुराना मामला है बिना डायरी देखें इस पर कुछ कह पाना उचित नहीं होगा।