SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले के मोरवा क्षेत्र के रहने वाले पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रवीण तिवारी ने पत्रकार वार्ता कर खुद के मामले में सफाई पेश की है ।
भाजपा नेता मैगनीज आयरन की कालाबाजारी के मामले में झारखंड के कुजू थाने मामला पंजीबद्ध है , एवं संबंधित मामला न्यायालय में विचाराधीन है सिंगरौली जिले में मामले को लेकर अखबार के माध्यम से इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी संबंधित मामले में आरोपी बने प्रवीण तिवारी ने इस पूरे मामले को लेकर पत्रकार वार्ता कर अपनी बातों को मीडिया कर्मियों के सामने रखा।
अपनी बातों को रखते हुए प्रवीण तिवारी ने कहा कि संबंधित मामले में उनके खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है यह बात सही है एवं उक्त मामले में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जिस ट्रक से मैगनीज आयरन की कालाबाजारी की जा रही थी उक्त समय में उन्होंने 2010 में ही ट्रक खरीदा और किसी को 4 माह में ही बेच देने की बात कह रहे हैं ।
जबकि सूत्र बतातें हैं कि 2007 में खरीदा गया।10 जून 2010 को झारखंड के जिला रामगढ़ के थाना कुज्जू के तत्कालीन थाना प्रभारी को गुप्त सूचना मिली कि अवैध रूप से जामदा चाईबासा से चोरी के मैगनीज आयरन का परिवहन यूपी 64 एच 1356 के द्वारा किया जा रहा जो कि नया मोड़ की तरफ आ रहा ।थाना कुजू को सूचना मिलने के उपरांत कुजू पुलिस हरकत में आई एवं संबंधित मामले पर पुलिस ने जाल बिछाया एवं घेराबंदी कर नया मोड़ राष्ट्रीय राजमार्ग 33 से गाड़ी संख्या यूपी64यच1356 की घेराबंदी कर रुकवाया परंतु चालक द्वारा गाड़ी को मौके से भगाने का प्रयास किया कुछ आगे जाने के बाद चालक द्वारा गाड़ी रोककर भागने का प्रयास किया जिसमें पुलिस ने पीछा कर चालक मलकीत सिंह एवं गाड़ी में सवार अन्य प्रेम कुमार , रविकांत , गणेश कुमार को मौके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के द्वारा ट्रक पर लोड मैगनीज आयरन से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई जिस पर दस्तावेज का ना होना बताया गया । पुलिस अनुसंधान में पाया गया कि मैगनीज आयरन को ट्रक में लोड कराने वाले मोहम्मद शकील एवं वाहन स्वामी एवं ट्रक चालक सहित सवार लोगों के खिलाफ पुलिस ने संबंधित मामले में कार्रवाई करते हुए 414/120बी भारतीय दंड विधान के तहत कार्रवाई की थी ।
भाजपा शासनकाल में हुआ अरबों रुपये का भ्रष्टाचार
पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रवीण तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई देते हुए कहा कि मेरे द्वारा सिंगरौली जिले में चल रहे कोयले में मिलावट के मामले में शिकायत करने के बाद से मुझे लगातार बदनाम एवं प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रवीण तिवारी ने आरोप लगाया है कि सिंगरौली जिले में विगत 1 वर्षों से कोयले में व्यापक पैमाने पर मिलावट का खेल जारी रहा है कोयले में स्टोन डस्ट की मिलावट कर एक तरफ जहां तापीय विद्युत परियोजनाओं को हानि पहुंचाई गई है जोकि राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है.
अपनी बातों को रखते हुए श्री तिवारी ने यह भी कहा कि रेलवे रैक में लोड होने वाला कोयला पूर्ण रूप से शुद्ध कोयला नहीं होता है इसमें आधा कोयला तो वहीं आधा स्टोन डस्ट मिलाकर लोड किया जाता है एक रैक लोड होने मैं लगभग 2 करोड़ रुपये तक के कोयले को गायब कर दिया जाता है। यदि हम श्री तिवारी की बातों पर गौर करें तो 1 दिन में औसतन यदि 10 रेलवे रैक कोयले का डिस्पैच किया जाता रहा है तो लगभग 2 करोड़ का कोयला प्रतिदिन गायब होता रहा है ऐसे में यह मामला अरबों रुपए का सालाना पहुंच जाता है।
संबंधित मामले में जिस तरह से प्राइवेट तिवारी ने आरोप लगाया है इनके आरोपों को यदि सच माना जाए तो संबंधित मामले में जिला प्रशासनिक अमला जिसमें की पुलिस माइनिंग विभाग के साथ-साथ जिले में स्थित कोयला उत्पादन के लिए जानी जाने वाली कंपनियां रेलवे प्रशासन सहित आरपीएफ सभी इस पूरे मामले में दोषी प्रतीत होते हैं।
इशारे इशारे में प्रदेश के भाजपा नेताओं पर साधा निशाना
पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा नेता प्रवीण तिवारी ने अपनी बातों को रखते हुए इशारे इशारे में भाजपा नेताओं को ही कटघरे में खड़ा कर दिया दरअसल जब प्रवीण तिवारी से संबंधित मामले में चल रहे कोयले में मिलावट के खेल को लेकर सवाल किया गया तो इस पूरे मामले पर उन्होंने कहा कि शायद इस मामले में जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों तक इसकी जानकारी नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ संबंधित मामले में खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि पूर्व में उनके द्वारा ही पत्र लिखकर कोयले में मिलावट के खेल की शिकायत की गई थी सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं के ऊपर भी श्री तिवारी ने कई गंभीर आरोप मढ़े हैं। प्रवीण तिवारी ने इस बात को भी स्वीकार किया कि कोयले में मिलावट के इस खेल में भाजपा सहित कांग्रेस की भी नेता सम्मिलित है जिन को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है ऐसे में सवाल यह उठता है.
कि सत्ता पर काबिज भाजपा के नेता का संबंधित मामले में विरोध करना एवं भाजपा के ही नेताओं पर आरोप लगाना कहां तक उचित है। जबकि इस पूरे मामले पर सिंगरौली जिले में पदस्थ वर्तमान पुलिस कप्तान के द्वारा 200 केबल के साथ में मिलावट संबंधी मामले की सूचना के बाद आनन-फानन में छापेमारी कार्रवाई की गई थी हालांकि इस पूरे मामले पर पुलिस के हाथ खाली ही रहे थे।