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prime minister’s residence : पीएम आवास में पात्रता नही ,अधिकारियों की मेहरबानी महत्वपूर्ण

SINGRAULI NEWS  (शशी कांत कुशवाह): बेघर एवं गरीबों को आवास उपलब्ध कराने को लेकर सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा भारत देश के सभी बेघर नागरिकों को आवास दिया जाता है,
आवास योजना के तहत जिन लोगों के पास अपना खुद का घर नहीं है, उन लोगों को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता देकर उनके घर का निर्माण कराया जाता है ताकि वह एक खुशहाल जीवन जी सकें, प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा लोग अपना पक्का मकान बनवा सकते हैं। इस योजना के शुरू होने के बाद से देश के सभी प्रदेशों इस योजना को गति मिली परंतु जल्द ही यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई जहां पर गरीबों को आवास मिलना चाहिए था वह गरीबों को ना मिलकर बिचौलियों के हत्थे चढ़ गया सही मायने में यदि बात करें तो गरीबों को मिलने वाले आवास जमकर बंदरबांट किया गया संबंधित मामला सिंगरौली जिले का है जहां पर आज भी पात्रता रखने वाले परिवार कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है वही अधिकारियों की लापरवाही एवं बेपरवाह रवैया केकर ऐसे परिवार जो कि इस योजना के लिए पात्र ही नहीं थे उन्हें नियमों को ठेंगा दिखाते हुए प्रधानमंत्री आवास आवंटित कर दिया गया।

बसंत बिहार कॉलोनी बता रही है मामले की हकीकत

नगर पालिक निगम सिंगरौली क्षेत्र में स्थित गनियारी क्षेत्र के बसंत विहार कॉलोनी में निर्मित हुए प्रधानमंत्री आवास को लेकर शुरू से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं इन आरोपों को लेकर जिम्मेदारों ने कार्रवाई तो दूर संबंधित आरोप को ही अनसुना कर दिया। गरीबों के नाम से निर्मित किए गए इन मकानों में जहां गरीबों को मकान आवंटित किया जाना था निगम अधिकारियों की मेहरबानी से ऐसे परिवारों को या मकान आवंटित करा दिया गया जिनके पास में कई लग्जरी वाहन उपलब्ध है उन्हें मामले में पात्र बता दिया गया। ऐसे परिवार जो कि इस योजना के तहत पात्र थे उन्हें मकान आवंटित ना कर अपात्र को मकान आवंटित करने का आरोप गरीब परिवार के लोगों ने लगाया है।
प्रधानमंत्री आवास (prime minister’s residence) कालोनी का निर्माण नगरपालिक निगम सिंगरौली के वार्ड क्र0 41 गनियारी में कराया गया है किन्तु आज भी कालोनी में विभिन्न प्रकार की समस्यायें मौजूद है । केन्द्र व राज्य से अनुमोदित कुल 2568 आवास का निर्माण किया जाना था और उसमें से 1534 (ई.डब्लू.एस.) लोगों की मार्जिन मनी जमा कराई गई थी किन्तु किसी कारणवश अब तक में मात्र 1204 आवास का ही निर्माण हो पाया है। जिससे शेष 1364 आवास का निर्माण कराने के लिए प्रशासन पिछले 3 सालों से प्रयासरत है परन्तु अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जिससे कई लोगों को घर नहीं मिल पाया जबकि उनका पैसा जमा है। कालोनी को शहर से काफी दूर बसाया गया है ।
वर्तमान समय में निवासरत कॉलोनी वासियों के द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से बाउंड्री वॉल निर्माण कराए जाने का आग्रह कई बार किया जा चुका है परंतु इस मामले पर अधिकारी कुंभकरण निद्रा में सो चुके हैं। संबंधित कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास अब तक जिन परिवारों को आवंटित किया गया है वह नियमों को ताक पर रखकर किया गया दरअसल विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में अधिकारियों के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है.
यदि सूत्रों की माने तो सूत्रों का कहना है कि अपात्र परिवारों को मकान आवंटित कर दिए गए जिसमें नियमों को ताक पर रखा गया एक तरफ जहां प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को 10 तरह से भी ज्यादा दस्तावेज आवेदन के साथ जमा करना था मनमानी रवैया के कारण हितग्राहियों से थोड़े बहुत दस्तावेज लेकर आवास को आवंटित कर दिया गया। संबंधित हितग्राहियों के द्वारा दस्तावेजों को ना दिया जाना एवं कई ऐसे हितग्राही भी इसमें शामिल है जो कि एनसीएल सहित अन्य प्रदेशों के रहने वाले हैं । कई ऐसे भी हितग्राही हैं जिनके नाम पर दो दो प्रधानमंत्री आवास को आवंटित किया गया है मामले में भ्रष्टाचार की बात उठने के बाद से निगम अधिकारियों के द्वारा टीम गठित कर मामले की जांच भी करा दी गई।

जांच टीम की जाँच से होगा बड़ा खुलासा

नगर पालिक निगम सिंगरौली क्षेत्र में निर्मित हुए प्रधानमंत्री आवास में भ्रष्टाचार की बात निकल कर सामने आने के बाद मेयर इन काउंसिल के द्वारा निगम की एक सामूहिक टीम बनाकर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की बात कही गई थी विभागीय सूत्र बताते हैं कि संबंधित मामले में अधिकारियों के द्वारा फोरम पूर्ति करते हुए जांच कर दी गई फना की जांच टीम के हाथ कुछ भी नहीं लगा एवं जांच टीम के हाथ खाली रहे ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि संबंधित मामले में भ्रष्टाचार की बात को अधिकारियों ने जांच के मामले क्लीन चिट दे दी। जांच टीम के द्वारा किए गए प्रधानमंत्री आवास की जांच में जिस ब्लॉक की जांच की गई है उसी ब्लाक में कई ऐसे हितग्राही है मौजूद हैं जिन्होंने 22 मकान ले रखा है वही कुछ फाइलों के गायब होने की भी बात निकल कर सामने आ रही है दस्तावेजों की बात करें तो जांच टीम को हितग्राहियों के द्वारा दिए गए दस्तावेजों में भी कमी नजर नहीं आई जबकि हितग्राहियों के द्वारा पूर्ण दस्तावेज जमा ही नहीं कराएगा।

इनका कहना है

संबंधित मामले पर नगर पालिक निगम सिंगरौली के उपायुक्त  ने बताया कि संबंधित मामले की जांच के लिए महापौर द्वारा टीम गठित की गई थी। जिसकी जांच कर टीम ने रिपोर्ट महापौर को सौंप दी है।
वी.पी उपाध्याय
उपायुक्त नगर पालिक निगम सिंगरौली

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