सागौन,शीशम,महोगनी के पौधा रोपण कर आदिवासी आर्थिक रूप से बनेंगे सशक्त
SINGRAULI NEWS : आधुनिक समाज में कई प्रगति के बावजूद,आदिवासी लोग अक्सर सबसे गरीब जातीय समूहों में से हैं। आदिवासी दिवस उन चुनौतियों को पहचानने का मौका देता है.
जिनका इन लोगों को आज भी सामना करना पड़ रहा है, साथ ही सुधार के लिए उनकी दृढ़ता और संघर्ष का सम्मान करना है। लगभग 104 मिलियन लोग (भारत की जनसंख्या का 9% से अधिक) इस श्रेणी में आते हैं। हिंडालको महान का सी.एस.आर.विभाग ने विश्व आदिवासी दिवस पर एक महत्वपूर्ण पहल किया है।
उन्होंने आदिवासी समुदायों के लिए एक उद्यमशील कदम उठाया है और निःशुल्क ब्यवसायिक पौधों की वितरण की कार्ययोजना की घोषणा की है। इस कदम से सागौन, शीशम और महोगनी जैसे पौधे आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेंगे। यह पहल आदिवासी समुदायों के लिए एक सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।हिंडालको महान के सी.एस.आर.विभाग द्वारा आदिवासीयो को सागौन, शीशम,महागुनी पौधों का वितरण करने का निर्णय लिया है,जिसमे आदिवासी किसानों को यह पौधे प्रदान किये जायेंगे,
वे इस तरह के पौधों का रोपण अपने खेतों पर करके आने वाले वक्त में बेशकीमती लकड़ियों के रूप में मांग को देखते हुये बेहतर लाभ की संभावना है,वही फर्नीचर निर्माताओं के नजरिये से आंकड़े को देखे सिर्फ़ एक एकड़ में सागौन और महोगनी का रोपण कर बारह साल में करोड़ो रूपये कमाये जा सकते हैं,
इस पौधा वितरण अभियान व पहल से आदिवासी किसानों के आर्थिक हालात सुधरेंगे।इस पहल के माध्यम से, हिंडालको महान ने आदिवासी समुदायों को स्वतंत्रता से अपने व्यवसायों को संचालित करने का अवसर प्रदान किया है। यह पौधे न केवल आदिवासी समुदायों के आर्थिक विकास में मदद करेंगे,बल्कि उनके पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे। यह पहल भारतीय समाज में समृद्धि और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।