SINGRAULI NEWS : सीधी सिंगरौली को जोड़ने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग 39 को लेकर एक तरफ जहां जिले से लेकर संसद तक चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ एक दशक से ज्यादा के समय से थे।
निर्माणाधीन इस राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाल स्थिति में जनता सफर करने को मजबूर है राष्ट्रीय राजमार्ग 39 सड़क पर चलना आज किसी भी बड़ी समस्या से कम नहीं है जिम्मेदारों के द्वारा भले ही इस सड़क को लेकर कोरमपुरा किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ सड़क को लेकर कार्य करने वाले संविदा कार की रीति एवं नीति पर भी उंगलियां उठने लगी है।
संबंधित कंपनी लगभग 1 वर्ष से ज्यादा के समय से 120 किलोमीटर की सड़क को निर्माण करने में प्रयासरत है परंतु जैसे-जैसे यह समय बीतता जा रहा है वह भी संविदाकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है अब इसे संविदाकार की मनमानी कहे या लापरवाही जनता को सुगम सड़क दे पाने में यह संविदाकार की असमर्थता सी प्रतीत होने लगी। परंतु इन सब के बीच तिरुपति बालाजी के द्वारा निर्मित कैंप के बैचिंग प्लांट सहित कंपनी के द्वारा प्रयोग होने वाले रेत को लेकर भी स्थानीय लोगों के द्वारा कई आरोप लगाए गए हैं।
चोरी की रेत प्रयोग का है आरोप
सिंगरौली जिले के बरगवां क्षेत्र के गड़रिया कनई बाईपास में स्थित तिरुपति बालाजी कॉरपोरेशन लिमिटेड को राष्ट्रीय राजमार्ग 39 निर्माण कार्य करने का कार्य मिला है परंतु स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी के द्वारा आसपास के क्षेत्र में रेत का अवैध कार्य करने वाले ट्रैक्टर कारोबारी से रेत ली जाती रही है.
एक तरफ जहां कंपनी प्रबंधन कुछ पैसे बचाने को लेकर अवैध कार्यों को करने वाले लोगों को संरक्षण दे रहा है वही कंपनी में अवैध रेत को खपाने के चक्कर में रेत के अवैध कारोबारी लगातार आसपास के नदी नालों से अवैध रूप से रेत उत्खनन कर कंपनी प्रबंधन को बेचकर मुनाफा कमाने में लगे हैं । प्रशासनिक अमले के द्वारा चलाए जा रहे अवैध कारोबारी के विरुद्ध अभियान को ठेंगा दिख रहा है।
कई सैकड़े अवैध ट्रैक्टरों से पहुँची रेत
तिरुपति बालाजी कंपनी में स्थानीय स्तर पर के लोगों आरोप लगाया है कि कंपनी के द्वारा प्रयोग की जा रही रेत क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार करने वाले कारोबारियों से सस्ते दामों पर खरीद कर एक तरफ जहां कंपनी अपने पैसे बचा रही है.
वहीं दूसरी तरफ आसपास के क्षेत्रों को रेत माफियाओं के द्वारा पैसे कमाने की होड़ में क्षेत्र स्थित नदी नालों को खोखला करने का कार्य किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी के द्वारा भारी मात्रा में अवैध कारोबारियों से अवैध रेत खरीदी गई है सैकड़ों अवैध रूप से संचालित ट्रैक्टरों से यह रेत खरीदी जा चुकी है यदि इस पूरे मामले की जांच हो तो ऐसे में एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा हो सकता है ऐसा भी नहीं है कि इस संबंधित मामले की खबर प्रशासनिक अमले को नहीं है स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है.
कि इस पूरे मामले को लेकर वन विभाग से लेकर संबंधित थाना को इस पूरे मामले की जानकारी कई बार दी जा चुकी है। पूर्व में गडरिया क्षेत्र में स्थित वन चौकी में पदस्थ वन कर्मी पर इस मामले में गाज भी गिर चुकी है दर्शन उक्त समय में ग्रामीणों के द्वारा अवैध रेट परिवहन करने के मामले में वन कर्म की संलिप्त को लेकर मामले की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की गई थी मामले पर हरकत में आते हुए विभाग में संबंधित कर्मचारियों को वहां से हटकर अन्य स्थान में पदस्थ कर दिया।
मामले को लेकर कंपनी प्रबंधन किया अनसुना
तिरुपति बालाजी कंपनी के द्वारा लग रहे आप में एक तरफ जहां अवैध रेट को खरीद कर प्रयोग करने का आरोप ग्रामीणों के द्वारा लगाया गया है.
वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले को लेकर जब कंपनी के कैंप पर जाकर हमने कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया उक्त समय में कंपनी प्रबंधन का कोई भी अधिकारी सामने आकर बात करने को तैयार नहीं हुआ वही कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से फोन पर संपर्क करने के उपरांत कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह अभी मीटिंग में है ऐसे में कंपनी प्रबंधन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं मिल सका है।