SINGRAULI NEWS : : किसी भी अपराध या फिर किसी भी ऐसे कार्य को करना जिसकी इजाजत संविधान हमें नहीं देता है वह अपराध की श्रेणी में आता है और ऐसे मामलों को लेकर कानून का पाठ पढ़ाने के लिए पुलिस सदैव तत्पर रहती है दरअसल जिस पुलिस पर शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है वही पुलिस विभिन्न आपराधिक गतिविधियों एवं अपराधों को लेकर लगातार क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ता रहता है एवं क्षेत्रवासी राहत की सांस ले पाते हैं.
किसी भी होने वाले अपराध को लेकर अपराध की विवेचना कर संबंधित मामले को पंजीबद्ध कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होता है एवं इसमें सबसे महत्वपूर्ण विवेचना ही होती है तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो अपराधी आसानी से कानून के चंगुल से निकल जाते हैं सिंगरौली जिले में बीते कुछ वर्ष पूर्व में हुए हत्याकांड को लेकर एक ऐसे ही विवेचना के कारण लगभग आधा दर्जन से ज्यादा आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।
जाने पूरा मामला
नीरज नामदेव की SDOP सिंगरौली (मोरवा) पदस्थापना के दौरान पुलिस थाना बरगवां ज़िला सिंगरौली में अनुसूचित जनजाति (बैगा) समुदाय के फ़रयादी श्री रामकुमार बैगा ने दिनांक 11.03.2020 को मौखिक रिपोर्ट की थी कि अभियुक्तों क्रमशः 1. अरविन्द कुमार यादव 2. साहबलाल यादव 3. बृजेन्द्र यादव 4. राम प्रसाद यादव 5. लालताप्रसाद यादव 6.सुरेश यादव तथा 7. रामबरन यादव द्वारा एकराय होकर उसके पिता को दिनांक 10.03.2020 को होली के दिन गाय चराने की बात को लेकर कुल्हाड़ी तथा लाठी डंडे से मारकर चोट पहुंचाई है जिसके बाद पिता को बैढ़न अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अस्पताल में ही पिता रामप्यारे बैगा की मृत्यु हो गयी है.
जिस पर थाना बरगवां में सातों अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क्रमांक 93/20 धारा-302,323,34 भादावि तथा 3(2)(v) अनुसूचित जाति एवं जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया तथा दिनांक 05.06.2020 को विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।तथा मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रकरण को सनसनीखेज एवं चिन्हित श्रेणी में रखा गया था।
साक्षी बने मददगार
संबंधित घटनाक्रम के बाद मृतक को न्याय दिलाने के मामले में 19 अभियोजन साक्षी,5 प्रतिरक्षा साक्षी,44 अभियोजन प्रदर्श,8 प्रतिरक्षा प्रदर्श,7 भौतिक सामग्रियों के कूट परीक्षण, फरियादी तथा साक्षियों के बयान,ज़ब्ती,एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर सभी 07 अभियुक्तों को दिनांक 11.08.2023 को विशेष न्यायाधीश,अनुसूचित जाति एवं जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम न्यायाधीश सुशील कुमार द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई।उक्त प्रकरण में शासन की ओर से शेख वसीम विशेष लोक अभियोजक सिंगरौली ने शासन का पक्ष रखा। इस दौरान थाना बरगवां के उनि सुधाकर परिहार श्री नामदेव की विवेचना में सहायक के रूप में कार्यरत थे।
SINGRAULI NEWS : विलुप्त होने वाली जनजाति में शुमार था मृतक
प्रकरण की विशेष बात यह थी की पीड़ित व्यक्ति बैगा जनजाति से सम्बन्धित थे जो कि मध्यप्रदेश की अत्यंत पिछड़ी तथा विलुप्त होने वाली जनजाति में शुमार है ऐसे में अतिसंवेदनशील होकर विवेचना करने की आवश्यकता थी तदोपरांत कुछ साक्षियों द्वारा न्यायालय में पक्ष विद्रोही कथन दिए गए थे इसके बाद भी विवेचक डीएसपी नीरज नामदेव द्वारा अपने अखंडित साक्ष्य तथा उत्कृष्ट विवेचना से विवेचना को न्याय हेतु प्रमाणित किया जिसके आधार पर सभी सातों आरोपियों को आजावीन कारावास की सजा सुनाई गयी।
SINGRAULI NEWS : बेहतर एवं सराहनीय कार्यों के लिए जाने जाते हैं डीएसपी
डीएसपी नीरज नामदेव वर्तमान में अलिराजपुर जिले की जोबट तहसील में एसडीओपी के रूप में पदस्थ हैं जो अपनी विशेष कार्यशैली तथा तेज-तर्रार छवि के लिए जाने जाते है इसके साथ ही आम जनमानस के साथ अच्छे संबंध एवं लोगों को कानून के प्रति सचिन कर पुलिस एवं आम जनमानस के बीच सामंजस्य स्थापित कर अपराध में कमी लाने की दिशा में बेहतर कार्य किया गया लगभग काफी समय से ज्यादा बीत जाने के बाद भी श्री नामदेव भले ही सिंगरौली जिले में अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं परंतु आज भी उनके कार्यों को लेकर आम जनमानस याद किया करते हैं।
श्री नामदेव सदैव कमजोर वर्ग,अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करते हैं जिससे विभाग में इनकी छवि उत्कृष्ट अधिकारी के रूप में जानी जाती है,पूर्व में भी इनके द्वारा गंभीर अपराधों में आरोपियों को सजा दिलाकर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया गया है।