SINGRAULI NEWS (शशी कांत कुशवाह):सिंगरौली जिला औद्योगिक गतिविधियों के लिए देशभर में जाना जाता है वर्ष 2008 में सिंगरौली जिला अपने अस्तित्व में आने के बाद से लगातार विकास के नए आयाम को रच रहा है एक तरफ जहां औद्योगिक इकाइयों के द्वारा उत्पादन को लेकर नए कीर्तिमान बखूबी रचे जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सिंगरौली जिले के स्थानीय जनता विभिन्न स्थानीय समस्याओं से आज भी ग्रसित है। जिला बनने के बाद में लोगों को एक उम्मीद जगी थी कि जिले की स्थानीय समस्याओं सहित जिले के समुचित विकास को लेकर गति मिलेगी परंतु विकास की जो रफ्तार का आकलन स्थानीय जनता ने किया था यह उनकी सोच से परे ही निकला।
औद्योगिक इकाइयों के संचालन को गति प्रदान करने वाले मैनपावर की बात करें तो सिंगरौली जिले एवं एवं अन्य प्रांत क्षेत्र से आकर सिंगरौली जिले में बसने वाले लोगों ने जिले के विकास को लेकर अपना योगदान तो दे दिया परंतु जिले में आने के बाद उन्हें स्थानीय समस्याओं से ही दो-चार होना पड़ रहा है। सिंगरौली जिला भले ही जिला बन चुका है परंतु आज भी यहां लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर कठिनाइयों में जी रहे हैं फिर चाहे जिले की कनेक्टिविटी हो या फिर स्वास्थ्य सुविधाएं हो आज भी इन सुविधाओं में काफी कुछ सुधार की आवश्यकता है.
इसके अलावा जिले में शिक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर कार्य किया जाना शेष है दरअसल सिंगरौली जिले में रहने वाले लोगों के समक्ष हमेशा से ही उच्च शिक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति निर्मित होती है की उच्च शिक्षा को लेकर उनके बच्चे आखिरकार कहां जाएंगे लंबे अरसे से जिले वासियों की मांग रही है कि जिले में ही मेडिकल कॉलेज सहित इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे संस्थानों की स्थापना करा दी जाए जिसे लेकर प्रयास काफी किए गए जिस किसी तरह तो मेडिकल कॉलेज को लेकर भवन निर्माण की प्रक्रिया चालू कर दी गई है वही इंजीनियरिंग कॉलेज को लेकर अभी भी कार्य किया जाना शेष बचा हुआ है।
आवागमन को लेकर कनेक्टिविटी आज भी एक बड़ी समस्या
सिंगरौली जिले को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग में से एक राष्ट्रीय राजमार्ग 39 दशकों से निर्माण अधीन है बदहाल सड़क को लेकर हमेशा से यह सुर्खियों में ही बना रहता है ऐसे में जिले वीडियो सहित एवं शहर में आने वाले आगंतुकों के द्वारा यह चर्चा का विषय बना होता है कि सरकार के खजाने को भरने वाला यह जिला आज भी उपेक्षित है।
समय रहते यदि इस सड़क का निर्माण हो जाता तो जिले के लिए एक बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकती थी आखिरकार यह अपने संभाग से भी इसी सड़क के कारण ही कटा हुआ है इसके अलावा रेल मार्ग की हम बात करें तो सिंगरौली से लेकर सीधी रीवा को जोड़ने वाला निर्माणाधीन ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन एक तरफ जहां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया लंबे अरसे से ठंडे बस्ते में पड़े इस परियोजना को लेकर कार्य की शुरुआत भले ही ना हो पाई हो परंतु यह परियोजना दलालों एवं भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ चुकी है और अभी भी यह नई रेल लाइन परियोजना कब तक सुचारू रूप से संचालित हो पाएगी इसे भी लेकर लोगों में शंकाओं के बादल छाए हुए हैं। एयर कनेक्टिविटी कि यदि हम बात करें तो शुरुआत से ही जिले वासियों सहित औद्योगिक संस्थानों की यह मांग रही है.
कि सिंगरौली जिले में एयर कनेक्टिविटी को लेकर हवाई अड्डे का निर्माण किया जाए परंतु सिंगरौली जिले का अब इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि जिले में हवाई अड्डा ना बनाकर इसे हवाई पट्टी के रूप में विकसित किया जा रहा है ऐसे में स्थानीय नेता का आरोप है कि हवाई पट्टी के नाम पर सिंगरौली वासियों के साथ में छल किया जा रहा है। सिंगरौली जिला मुख्यालय में भी विगत कई वर्षों से लगातार बाईपास सड़क की मांग की जा रही है मास्टर प्लान 2031 के तहत बाईपास का निर्माण होना है परंतु यह कब तक हो पाएगा यह आने वाला समय ही बता सकता है बाहर हाल इस पूरे मामले पर चुनाव के समय यह बात उठना इस बात की तरफ इंगित कर रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा जोर पकड़ सकता है।
शुद्ध पेयजल एवं जल निकासी को लेकर नहीं हुए कोई सार्थक कार्य
सिंगरौली जिला मुख्यालय नगर पालिक निगम सिंगरौली के विकास कार्य की राह देख रहा है दर्शन नगर निगम क्षेत्र में आज भी जल निकासी को लेकर व्यापक स्तर पर सुविधाएं मुहैया कराना नगर निगम की जिम्मेदारी है परंतु जल निकासी को लेकर नगर निगम की जिम्मेदार भी इस पूरे मामले पर सार्थक पहल दिखाने से बच रहे हैं तेजी से बढ़ते आवास एवं लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी की निकासी को लेकर कई वार्ड एवं मोहल्ले ऐसे भी हैं.
जहां पर सुविधाएं नहीं मिली है लोगों के घरों के आसपास ही गंदा पानी एकत्र होता है गंदा पानी एकत्र होने से लोगों में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बना रहता है वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र के विकास को लेकर जिम्मेदार नगर निगम अमला एवं नगर निगम के जनप्रतिनिधि भी इस पूरे मामले पर कोई ठोस पहल करते नजर नहीं आ रहे फनी जनता की मांग है कि जिम्मेदारों को जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण करा देना चाहिए। एवं लोगों को स्वच्छ पेयजल भी मुहैया कराने की दिशा में नगर निगम अमला उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं जिसे भी बदलने की बेहद आवश्यकता है।
विस्थापन को लेकर बने विशेष कमेटी
सिंगरौली जिला उद्योग गतिविधियों के लिए तो जाना जाता है जिले में औद्योगिक विकास को लेकर जिले में आने वाले औद्योगिक संस्थानों को किसानों की जमीन अधिग्रहित कर मुहैया कराई जाती रही है परंतु विस्थापन का दंश झेलने वाले किसान लगातार कंपनियों को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते रहे.
ऐसे में जिला प्रशासन ने विस्थापन के मामले में ठोस कदम उठाने चाहिए थे परंतु वह अभी धरातल पर मौजूद नहीं है ऐसे में स्थानीय जनता का कहना है कि जिला प्रशासन को संबंधित मामले को लेकर एक विशेष कमेटी का गठन करना चाहिए जो कि विस्थापितों की समस्याओं को समय रहते हुए किसानों को उनका अधिकार दिला सके एवं स्थानीय किसानों की समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द किया जा सके
स्वास्थ्य सुविधाओं पर कार्य करने की है जरूर
सिंगरौली जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी इस के हालात कुछ अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं वर्तमान समय में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मौजूद अस्पतालों की यदि हम बात करें तो जिला मुख्यालय पर स्थित जिला चिकित्सालय कम ट्रामा सेंटर भले ही एक विशाल भवन निर्मित हो चुका है.
परंतु अस्पताल में मौजूद संसाधनों एवं आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर लाभ अभी भी नहीं मिल पा रहा है आज भी गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को इलाज के लिए जिले को छोड़कर अन्य शहरों का रुख करना पड़ रहा है जो अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अभी भी काफी कुछ किया जाना शेष बचा हुआ है।