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SINGRAULI NEWS : फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोप की जाँच में विभाग ने बिता दिया 9 साल

SINGRAULI NEWS : एक तरफ देश में बेरोजगारी का आलम है वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारों की लंबी कतार होने के कारण एन केन प्रकारेण नौकरी प्राप्त करने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं वहीं कुछ लोग गलत तरीके से भी नौकरी प्राप्त करने से भी नहीं चूकते हैं.

प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ऐसे कई मुन्ना भाई धरे जा चुके हैं। वहीं सिंगरौली जिले में भी नौकरी प्राप्ति को लेकर फर्जी दस्तावेजों के आरोप में घिरे एक शिक्षक चर्चाओं में आ चुके हैं .

इस पूरे मामले पर शिकायत होने के बाद से जहां प्रशासनिक तंत्र हरकत में आया था वहीं दूसरी तरफ जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने के बावजूद थी इसे वरिष्ठ कार्यालय का हवाला देते हुए अभी तक इस पूरे मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है सिर्फ जांच की ही यदि हम बात करें तो भोपाल स्थित कार्यालय में यह जांच विगत 9 वर्षों से लंबित है परंतु अभी तक इस पूरे मामले पर जांच कमेटी जांच ही नहीं कर सकी है। ऐसे में एक बार पुनः यह मामला अब जोर पकड़ने लगा है। SINGRAULI NEWS

इसके साथ ही प्रशासनिक अमले की सरपरस्ती का आरोपी अब लग रहा है आखिरकार किसी एक जांच को इतना लंबा समय कैसे हो सकता है क्या इस पूरे मामले पर कहीं संबंधित शिक्षक को बचाने का प्रयास तो नहीं है।

जाने पूरा मामला

सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है संबंधित मामले में विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवप्रसाद चक्रवर्ती पर आरोप है.

कि संबंधित मामले में प्रधानाध्यापक के द्वारा नौकरी प्राप्त करने को लेकर जमा कराए गए दस्तावेजों में से जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत की गई थी एवं संबंधित मामले में शिकायत प्राप्त होने के उपरांत विभाग के द्वारा संबंधित मामले की जांच कराई गई संभागीय उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास रीवा का पत्र क्रमांक 922 दिनांक 23 जुलाई 2013 में उल्लेखित किया गया है. SINGRAULI NEWS

कि संबंधित जमा किए गए दस्तावेज तहसीलदार रघुराज नगर जिला सतना ने उक्त प्रमाण पत्र की दायर पंजी में दर्ज नहीं होने का लेख किया है साथ ही जाति एवं निवास प्रमाण पत्र की छाया प्रति पर फर्जी होने की टिप दी गई है। ऐसे में इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अब विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई न करने का आरोप शिकायतकर्ता के द्वारा भी लगाया गया है।

राज्य स्तरीय छानबीन समिति कर रहा 9 वर्षों से जांच

शिव प्रसाद चक्रवर्ती प्रधानाध्यापक शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरई संकुल केंद्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरई जिला सिंगरौली के जाति प्रमाण पत्र के मामले में जांच के उपरांत आदिवासी विकास कार्यालय की तरफ से दिनांक 24 मार्च 2014 को आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश भोपाल को पत्र लिखकर संबंधित मामले में राज्य स्तरीय छानबीन समिति को देख कर आवश्यक करवाई का पत्र जारी किया था परंतु आज लगभग 9 साल पूर्ण हो जाने के बाद भी छानबीन समिति के द्वारा की जा रही जांच अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं.

कि संबंधित मामले को लेकर छानबीन समिति के द्वारा अभियुक्त को बचाने के प्रयास किया जा रहे हैं आखिरकार इतना लंबा समय अंतराल बीत जाने के बाद भी आज तक इस पूरे मामले पर कार्रवाई क्यों नहीं हो सकी है। क्या यह माना जाए की छानबीन समिति को अब इस पूरे मामले पर किसी तहरीर का इंतजार है।दरअसल, आरक्षित पदों पर अन्य जातियों के लोगों द्वारा नौकरी अर्जित करना न केवल संविधान की मंशा का मखौल है ,

अपितु वास्तविक आरक्षित जातियों व अनारक्षित जातियों के साथ घोर अन्याय भी है। भारत के संविधान में आरक्षण एक अस्थायी व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को समानता के स्तर पर लाना है। लेकिन यदि वास्तविक हकदारों को आरक्षण नहीं मिल पाएगा तो यह केवल एक अनंत काल की व्यवस्था में तब्दील होकर रह जाएगी।

कार्रवाई करने से क्यों कतरा रहे हैं जिम्मेदार

प्रधानाध्यापक शिव प्रसाद चक्रवर्ती के द्वारा जमा किए गए दस्त भेजो कि जांच उपरांत जहां चौंकाने वाले तथ्य निकलकर सामने आए हैं सतना के रघुराज नगर तहसीलदार ने पंजी में दायर न होने की बात को पत्र के माध्यम से स्वीकार किया है.

जिसका उल्लेख शासकीय पत्राचार किए गए पत्रों में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है ऐसे में इस पूरे मामले में विभिन्न दस्तावेजों की जांच एवं जांच से संबंधित सभी पत्र विशेष छानबीन समिति भोपाल को अग्रेषित किया जा चुके हैं एवं अब नव वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी इस पूरे मामले पर छानबीन समिति की चाल एक तरफ जहां बेहद पुस्तक दिखाई पड़ रही है. SINGRAULI NEWS

वहीं दूसरी तरफ अब इस समिति के ऊपर भी आरोप लगने लगे हैं कि इस पूरे मामले पर छानबीन समिति संबंधित प्रधानाध्यापक को बचाने का प्रयास कर रहा है इस पूरे मामले पर जिम्मेदार कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे।

इनका कहना है

प्रधानाध्यापक के द्वारा लगाए गए जाति प्रमाण पत्र के संबंध में सिंगरौली जिले के आदिवासी कल्याण विभाग प्रभारी संजय खेड़कर से बात की गई जिस पर उन्होंने अपना तर्क रखते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर संबंधित पत्र विशेष जांच समिति भोपाल को लिखा जा चुका है जो भी कार्रवाई होनी है वह भोपाल से होगी।

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