SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले के नगर पालिक निगम क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है नगर निगम के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों के हाल इन दिनों हैरान कर देने वाली है.
जिले में किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल पा रहा। नगर पालिक निगम क्षेत्र में कई ऐसे आंगनवाड़ी केंद्र है जहां आज भी ताला लटक रहा है तो कई आंगनबाड़ी केंद्र पशुओं का चारागाह तक बन चुका है। जिम्मेदारों को इसकी जानकारी के बावजूद भी जिम्मेदार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्रों में लगे समूह संचालक चांदी काट रहे हैं।
आंगनबाड़ी केंद्र मां और बच्चों की देखभाल का केंद्र माना जाता है यह योजना बच्चों की भूख और कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए भारत सरकार द्वारा 1975 में शुरू की गई थी आंगनवाड़ी का अर्थ होता है.
आंगन आश्रय प्रत्येक गांव में आंगनबाड़ी लगभग 400 से 800 लोगों की जनसंख्या के आधार पर बनाई जाती है आंगनबाड़ी केंद्र का उद्देश्य बच्चों का मानसिक विकास करना है जिससे वह प्राथमिक स्कूल में और बेहतर तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सके इसलिए आंगनबाड़ी के बच्चों को खेल-खेल में दी जाती है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधित सभी प्रकार के समस्याओं का हल करना है।
महीनों से नहीं हुई कई आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण
शहरी क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में कई महीनों से आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण तक नहीं किया गया जिसके कारण समूह संचालक और आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकर्ता अपने मनमानी पर उतारू नजर आ रहे हैं आसपास के रहवासियों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की समस्याओं को लेकर कई बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जाता यदि किसी कार्यकर्ता की शिकायत अधिकारियों को मिलती है तो उनसे पैसे की मांग की जाती है
अन्यथा उनके वेतन रुकवाने की चेतावनी दी जाती है क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रो पर समूह संचालकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण भोजन पहुंचाया जा रहा है सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सुबह नाश्ता वह बच्चों को भोजन दिया जाना निश्चित किया गया था लेकिन समूह संचालक अपनी मनमानी रवैया के कारण नाश्ते को बंद कर भोजन ही करा रहा है और भोजन भी ऐसा कि देखकर आप दंग रह जाएंगे।
आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों को पौष्टिक एवं स्वच्छ आहार के लिए प्रतिदिन का मीनू निर्धारित किया जा चुका है परंतु अब इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि दिन चाहे कोई भी हो परंतु आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को दिया जाने वाला आहार महेश्वरम पूर्ति भर के लिए ही होता दिखाई पड़ रहा है। मंगलवार को विशेष रूप से बच्चों को खीर पूरी उपलब्ध कराई जानी है । परंतु बच्चों को ज्यादातर खिचड़ी मुहैया कराकर खानापूर्ति की जा रही है।
वह आपको बताते चलें कि सिंगरौली जिले में 200 आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने को लेकर एक तरफ जहां करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए परंतु आज भी उनकी हालत जज की तस्वीर बनी हुई है करोड़ों रुपए की हुई इस खरीदारी में विभाग के ऊपर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं।