SINGRAULI NEWS : अंचल सिंगरौली के विभिन्न हिस्सों में संचालित होने वाले निजी कॉलेजों को लेकर कई बार खबरें प्रकाशित होने के बाद से हरकत में आए प्रशासन ने एक तरफ जहां निजी कॉलेजों की जांच के लिए जांच कमेटी गठित कर दी ।
वही जरूरी दस्तावेजों के बिना ही संचालित होने वाले इन कॉलेज को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि कैसे युवाओं के भविष्य के साथ में खिलवाड़ करने वाले इन निजी कालेज संचालकों की मनमानी की खबर प्रशासन को नहीं लग सकी । जिला मुख्यालय बैढऩ के डिग्री कॉलेज रोड में आधा दर्जन से उपर नीजि कॉलेज का संचालन किया जा रहा है।
इन कॉलेजो के गतिविधियों पर नजर दौड़ाये तो कैसे संचालित हो रहे है इसकी विधिवत जांच होनी चाहिये। क्योंकि शिक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से ठगी जैसी बात निकालकर सामने आ रही है। मुख्यालय के डिग्री कॉलेज रोड में एक ऐसे कई कॉलेज है जो ग्रामीण अचंल से मान्यता लेने की बात कही जाती है।
लेकिन संंचालन मुख्यालय में हो रहा है। आखिर इनके गिरेबान तक पहुचने में उच्च शिक्षा विभाग हिलाहवाली क्यो कर रहा है क्यों जिम्मेदार इन पर मेहरबान हैं। इनकी विधिवत जांच होने में नरमी क्यो दिखाई जा रही है। कई ऐसे सवाल है जो विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे है।
जरूरी दस्तावेज के बिना ही संचालित है जिले में निजी कॉलेज-जाँचकर्ता अधिकारी
सिंगरौली जिला के जिला मुख्यालय में स्थित अग्रणी शासकीय महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जाँच दल के अधिकारी ने मंच अपनी से अपनी बात साझा करने के दौरान कहा कि मैं एक निजी कॉलेज में जाँच के लिए पहुँचा था एक भी जरूरी दस्तावेज मुझे उस कॉलेज में नही मिले फिर भी उसका संचालन हो रहा है हम यहाँ से उस कॉलेज को लेकर रिपोर्ट भेज देंगे फिर भी उस कॉलेज का संचालन बंद होने वाला नही है चढ़ोत्तरी देने के बाद उसका संचालन पुनः चालू हो जाएगा , सिंगरौली में शिक्षा नही शिक्षा का व्यापार हो रहा है और यह कहने में मुझे बिल्कुल झिझक नही हो रहा है।
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद से जांच करता दल एवं मनमानी तरीके से संचालित निजी कॉलेजों की मनमानी को लेकर यह कहना गलत नहीं होगा कि विद्यार्थियों के साथ होने वाले इस धोखाधड़ी का अंत होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ संबंधित मामले में जांच करता अधिकारी के द्वारा खुले मंच से कहीं जा रही बातों पर गौर करें तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके वरिष्ठ कार्यालय की जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
मानको के विपरीत निजी कॉलेजों के संचालन Operation of private colleges contrary to norms
सिंगरौली जिले में संचालित निजी कॉलेजो के द्वारा विद्यार्थियों के साथ खुलेआम धोखा किया जा रहा है।
उसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि उच्च शिक्षा विभाग को खुलेआम कमीशन भेट किया जाता है। तभी तो न बिल्डिंग है और न ही पार्किंग और न ही खेल मैदान इसके अलावा परमिशन संचालन का कही और है और चल रहा है कही और। फिर भी कार्यवाही न होना कही न कही उच्च शिक्षा विभाग के उदासीन रवैये का परिणाम कहना गलत नही होगा ।
जिला मुख्यालय बैढऩ में शिक्षा को लेकर स्थिति बेहद गंभीर है। शिक्षा के नाम पर सिर्फ लूट खसोट चल रही है ऐसी कई बातें निकलकर सामने आ चुकी है । पैसे हो तो डिग्री लाना बहुत बड़ी बात नही है। शिक्षा के स्तर को नीजि कॉलेज के संचालको ने बेहद गंभीर बना दिया है एक तरफ गुडवत्ता विहीन कॉलेज संचालन से विद्यार्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है ।
इसका जीता जागता उदाहरण कॉलेज चौक से लेकर डिग्री कॉलेज के आस-पास सहित पचखोरा रोड में देखा जा सकता है। इन कॉलेज संचालको के पास शासन की गाइड लाइन का अक्षरस पालन नही हो रहा है। कई ऐसे नामचीन कॉलेज है जिन कॉलेज संचालको के पास न ही बिल्डिंग है और न ही पार्किंग व खेल का मैदान है फिर भी उच्च शिक्षा विभाग से साठ-गाठ करके कॉलेज का संचालन कर रहे है। कुछ तो ऐसे कॉलेज है.
जिनका संचालन मुख्यालय से नही है अन्य ग्रामीण क्षेत्र से है। फिर भी कॉलेज जिला मुख्यालय के कॉलेज रोड मेंं चला रहे है। एक नही कई ऐसे चर्चित नीजि कॉलेज है जो नियम को धत्ता बताकर मनमानी तरीके से चल रहे है। आखिर ऐसे कॉलेज संचालको के गिरेबान पर उच्च शिक्षा विभाग क्यो नही पहुच रहा है.
यह बात समझ से परे लगती नजर आ रही है। इससे तो साफ जाहिर होता है कि कही न कही उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के साठ-गाठ के चलते शिक्षा के नाम पर बैढऩ में खेल चल रहा है। इस खेल में भले ही संचालक मालामाल हो रहे हो लेकिन विद्यार्थियों ेके भविष्य के साथ बड़ा खेल खेल रहे है।