Madhya Pradesh Patwari Association : सिंगरौली जिले सहित प्रदेश भर के पटवारी विगत कई दिनों से प्रदेश में हड़ताल जारी है। राजस्व संबंधी सभी कार्य विगत कई दिनों से प्रभावित हैं.
वही काश्तकार लगातार सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।राजस्व संबंधी सभी तरह का काम बाबुओं के हवाले हो गए हैं। इसी वजह से भूस्वामियों को दस्तावेजों के लिए भटकना ही पड़ रहा है। दरअसल पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से भूमि संबंधी सभी तरह के काम पर प्रभावित हो गया है।
ऐसे में रिपोर्ट, दस्तावेज, नकल आदि मिलना भी मुश्किल हो गया है।भूमि संबंधित मामले में भी कास्तकार परेशानी का सामना कर रहे हैं इतना ही नहीं लोगों की पेशियां तक नहीं हो पा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि हड़ताल की वजह से सिंगरौली जिले की 6 तहसीलों में लगभग हजारों राजस्व सहित अन्य प्रकरण अटक गए हैं। ऐसे में यहां पदस्थ एसडीएम, तहसीलदार,नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों पर काम का बोझ बढ़ने लगा है।
विगत दो वर्षों से अपनी मां को लेकर एक से ज्यादा बार प्रदर्शन करने के बाद भी पटवारी संघ की मांग प्रदेश सरकार के द्वारा नहीं मानी गई वहीं उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद में पूर्व में हुई हड़ताल को पटवारी संघ ने वापस लेते हुए कामकाज पर लौट गए थे परंतु सरकार के द्वारा मांगे नहीं मानी जाने के कारण पुनः प्रदेश व्यापी पटवारी संघ की हड़ताल शुरू हो चुकी है। पटवारी संघ की तरफ से पांच सूत्री मांगों को लेकर पटवारी संघ हड़ताल पर है
संसाधनों के अभाव में कार्य कर रहे पटवारी
अनिश्चितकालीन पर सिंगरौली जिला मुख्यालय पर विगत कई दिनों से हड़ताल पर बैठे पटवारी संघ की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल के मध्य नजर अपने कार्य को बंद कर बैठ चुके हैं । मध्य प्रदेश के सभी पटवारी द्वारा केंद्र व राज्य शासन की विभिन्न विभागों की अनेक योजनाएं जैसे पीएम किसान कम किस स्वामित्व योजना मुख्यमंत्री आवास योजना अधिकारी योजना धारणाधिकार गिरदावरी फसल कटाई का कार्य सर ऐप पर उनकी निजी मोबाइल से किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश पटवारी संघ (Madhya Pradesh Patwari Association) द्वारा विगत कई वर्षों में कई बार ज्ञापन प्रस्तुत कर शासन से उक्त कार्यों के लिए अपडेटेड मोबाइल की मांग की गई परंतु आज दिनांक तक उक्त संबंध में संसाधन उपलब्ध कराने हेतु कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। अब ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के पटवारी जिस तरह से कार्य कर रहे हैं उन्हें समुचित संसाधनों के अभाव में कार्य करना पड़ रहा है
क्रमोन्नति व समय वेतनमान को भूली सरकार
मध्य प्रदेश के पटवारी को ग्रेड पे के सापेक्ष समय मान वेतन दिया जा रहा है जबकि नियमानुसार पद के सापेक्ष समय मान वेतन प्रति 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिया जाना चाहिए वही मध्य प्रदेश में पटवारी संवर्ग को समय मान वेतन पद के सापेक्ष ना होकर पे ग्रेड के सापेक्ष में दिया जाता है।प्रदेशव्यापी पटवारी संघ की हड़ताल को लेकर पटवारी संघ की तरफ से जिन मांगों को लेकर हड़ताल किया गया है.
उसमें से क्रमन्नति अथवा समय वेतनमान की मांग को प्रमुख रूप से भी शामिल किया गया है ज्ञात हो कि क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान तब दिया जाता जब कर्मचारी की आवश्यक योग्यता होने पर भी पदोन्नति प्राप्त नहीं होता। तो उनके लिए क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान का प्रावधान किया गया है। इसमें कर्मचारी का वेतनमान अगले पद का मिलता है लेकिन वह उसी पद में रहता है।
विगत कई वर्षों से पटवारी का कार्य कर रहे कर्मचारी की मांगों को सरकार के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है लंबे अरसे से कार्य कर रहे इन सरकारी कर्मचारियों को अपनी समय वेतनमान को लेकर काफी उम्मीदें थी परंतु जब सरकार के द्वारा समय वेतनमान को भी नजरअंदाज किया गया यह पटवारी संघ को नागवार गुजरा। विगत कई दशकों से कम करने वाले पटवारी को सरकार से जो अपेक्षाएं रही उस पर सरकार खरी नहीं उतर रही है।
पदोन्नति के साथ भत्तो में बढ़ोतरी की भी है मांग
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए पटवारी संघ की तरफ से पदोन्नति सहित भक्तों में बढ़ोतरी की मांग की गई है आपको बताते चलें कि विगत 10 वर्षों से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी पटवारी के किसी भी भत्ते में कोई भी वृद्धि नहीं की गई पटवारी संघ का संबंधित मामले में कहना है कि भक्तों को लेकर लगातार उनके साथ भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है.
दरअसल एक तरफ जहां अन्य कर्मचारियों को उनके वेतन के प्रतिशत की दर से उन्हें गृह भत्ता प्रदान किया जाता है ऐसे में पटवारी संघ की मांग है कि उन्हें भी उन्हें भी इस तरह से लाभ दिया जाए अपनी बातों को रखते हुए सिंगरौली जिले के पटवारी संघ के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने कहा कि हमें आने कई हल्के में भेजा जाता है जिसके लिए दिया जाने वाला भत्ता बेहद कम है ऐसे में भत्ते को बढ़ाया जाना न्यायोचित रहेगा।
विगत कई दिनों से प्रदेश स्तरीय पटवारी संघ की हड़ताल को लेकर पूरे प्रदेश भर के किस एक तरफ जहां परेशान नजर आ रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ आगामी कुछ माह में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखो का एलान होना है नजदीक आने को है ऐसे में चुनाव संबंधित कार्यों को करने के लिए पटवारी की ड्यूटी लगाई जाती है जिस तरह से प्रदेश पर के पटवारी लगातार हड़ताल में है उसे देखकर तो यही लगता है कि इस पूरे मामले में चुनाव कार्य भी प्रभावित हो सकता है.
चुनाव को लेकर सिंगरौली पटवारी संघ के अध्यक्ष से जब बातचीत की गई उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रदेश स्तरीय निर्णय के बाद में ही कार्यों पर पटवारी संघ लौटेगा कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि सरकार के द्वारा समय रहते कोई ठोस पहल नहीं की गई तो आगामी विधानसभा चुनाओं में भी पटवारी संघ की इस हड़ताल का असर दिखाई पड़ेगा।