SINGRAULI NEWS : नगर पालिक निगम सिंगरौली के मोरवा ज़ोन में स्थित वार्ड क्रमांक 9 तथा अन्य में पानी की गंभीर समस्या को लेकर वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद शेखर सिंह, वार्ड क्रमांक 1 के पार्षद जे पी सिंह, वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद पति चंद्रिका वर्मा, वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद पति आशीष सिल्लू अग्रहरि और यूथ कांग्रेस के साथी नगर निगम के मोरवा जोनल कार्यालय के ठीक सामने सोमवार की सुबह धरना पर बैठ गए।
ननि पार्षद व कांग्रेस के विधानसभा सिंगरौली के अध्यक्ष शेखर सिंह ने बताया कि उनके वार्ड के नागरिक पिछले लगभग 8 दिनों से पानी की बूंद बूंद के लिये तरस रहे हैं। इस समस्या को लेकर उनके द्वारा संबंधित ठेकेदार से कोई बार मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उक्त संविदाकार द्वारा फोन नहीं उठाने पर स्थानीय एसडीओ से आज बात की गई तो उन्होंने बिजली विभाग को इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।
नोडल अधिकारी का कहना है कि वोल्टेज लो होने के कारण मोटर जल गया। श्री सिंह ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि, बिजली विभाग की समस्या को कौन देखेगा- क्षेत्रीय जनता अथवा पार्षद देखेंगे या यह दायित्व निगम के नोडल अधिकारियों का है।
श्री सिंह ने बताया कि यह समस्या बेहद गंभीर है। हमारे वार्ड के नागरिकों के पास शौच आदि क्रियाओं के लिये भी पानी नहीं है। तीज और श्रीगणेश स्थापना का त्योहार है, महिलाएं परेशान हैं। नागरिक पानी की समस्या से त्रस्त हैं। लेकिन नगर निगम प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा।
उन्होंने बताया कि उक्त समस्या को लेकर नगर निगम मुख्यालय बैढ़न के वरिष्ठ अधिकारी श्री उपाध्याय से मोबाइल पर चर्चा की तो उन्होंने हैरान कर देने वाली बात कह दी, उन्होंने कहा कि इस की जानकारी उनके संज्ञान में अब आई है, सो अब वे इसे देखेंगे।
पार्षद शेखर सिंह ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि निगम की व्यवस्था लचर और बेपटरी हो चुकी है। उन्होंने ऐसी दुर्व्यवस्था के लिए आयुक्त नपानि सिंगरौली को भी जिम्मेदार ठहराया। धरना में शामिल वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद पति आशीष अग्रहरि सिल्लू ने कहा कि जनता से नगर निगम टैक्स वसूलता है और समस्या आने पर उसकी जिम्मेदारी बिजली व अन्य विभागों पर टालने का प्रयास करता है।
ज्ञात हो कि पार्षद श्री सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि समस्या के अविलंब समाधान के अभाव में बड़ा आंदोलन भी किया जा सकता है जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम सिंगरौली की होगी।