- लोकसेवा केंद्रों के टेंडर प्रक्रिया में धांधली का आरोप
- आवेदन निरस्त करने के बाद 15 तारीख को जारी हुआ पत्र और 18 तारीख को दिए सूचना
- न्यायालय की सरण में जायेंगे आवेदक,कलेक्टर ने कहा कराएंगे जांच
SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले के लोकसेवा केंद्रों के टेंडर प्रक्रिया में धांधली करने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है,बताते हैं कि पिछले दिनों आवेदन आमंत्रित किए गए थे,इसके बाद प्रक्रिया के तहत कमेटी द्वारा समस्त आवेदनों का परीक्षण उपरांत टेंडर खोलने की बारी आई तो कई आवेदन त्रुटियां बताकर निरस्त कर दिया गया,
हैरत की बात यह है कि आवेदन पत्र निरस्त करने के बाद 15 सितंबर को लेटर जारी किया गया और 18 सितंबर को यानी चार दिन बाद आवेदकों को ईमेल के जरिए सूचना दी गई,यही नहीं बताया जाता है कि रात में ईमेल किया गया, और आपत्ति करने का डेट अगले दिन यानी 19 सितंबर तक निर्धारित किया गया,ऐसे में आरोप लगाए जा रहे हैं कि जानबूझ कर इस तरह का खेल किया गया ताकि कई आवेदन निरस्त होने के बाद आवेदक आपत्ति दर्ज ना कर सकें,जाहिर सी बात है एक दिन का समय निर्धारित करने की स्थित में कुछ ऐसे आवेदक जो दूर दराज रहते हैं उनको आपत्ति दर्ज कराना संभव नहीं रहेगा,फिलहाल कई इस तरह के आवेदकों ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर कुछ व्यक्ति विशेष आवेदकों को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का खेल किया गया है,फिलहाल इस संबंध मे विंध्य सत्ता समाचार पत्र से कलेक्टर सिंगरौली ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी तथा नियम के तहत कार्यवाही की जाएगी
कई लोगों ने दर्ज कराई आपत्ति
मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे कई आवेदक जिनका आवेदन निरस्त कर दिया गया है ऐसे आवेदकों ने बताया कि लोक सेवा प्रबंधक कार्यालय में लिखित आपत्ति दर्ज करा दी गई है,तथा यदि निष्पक्ष टेंडर प्रक्रिया नही होती है तो न्यायालय की सरण में जायेंगे
ये हैं कमेटी में शामिल
लोक सेवा केंद्रों के टेंडर प्रक्रिया में एक कमेटी गठित हुई है जिसने गजेन्द्र सिंह नागेश सीईओ जिला पंचायत, रमेश पटेल लोक सेवा प्रबंधक, संजीव पांडेय ज्वाइंट कलेक्टर, ट्रेजरी ऑफिसर मदन पैकरा, प्रियंका सिंह चंदेल लेखा अधिकारी शामिल हैं,तथा आरोप लगाए जा रहे हैं कि जब आवेदन पत्र में त्रुटियां थी तो परीक्षण के बाद तत्काल क्यों नहीं सूचना दी गई साथ ही आवेदन पत्रों में सुधार का अवसर क्यों नहीं दिया गया,फिलहाल जिनके आवेदन पत्र निरस्त हुए हैं उन लोगों ने काफी आक्रोश व्याप्त है
पत्र जारी होते ही क्यों नहीं दिए सूचना
आरोप लगाए जा रहे हैं कि यदि कमेटी द्वारा निष्पक्ष टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है तो जिस दिन आवेदन निरस्त होने की सूचना देने जा पत्र जारी हुआ उसी दिन आवेदकों को पत्र क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया,
कौन सा आवेदकों के घर में पहुंचाना था ईमेल तो करना था फिर चार दिन बाद ईमेल ही तो किया गया वो भी रात में ताकि उस दिन कोई आपत्ति दर्ज ना करा सके ,और चार दिन बाद जब पत्र ईमेल किया गया तो आपत्ति दर्ज करने का समय एक ही दिन क्यों निर्धारित किया गया ताकि लोग चाह कर भी आपत्ति दर्ज ना करा सकें,क्योंकि कोई जरूरी तो नहीं की सारे आवेदक लोक सेवा प्रबंधक के दफ्तर के इर्द गिर्द हर समय रहते हों और रात में पत्र के जरिए सूचना मिली सुबह आपत्ति दर्ज करा दें,कुल मिलाकर आवेदकों का मानना है कि जानबूझ कर इस तरह का पूरा खेल किया गया है
इनका कहना है
इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी तथा जांच के बाद निष्पक्ष एवं नियम के तहत कार्यवाही की जाएगी
अरुण कुमार परमार (कलेक्टर सिंगरौली)