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सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना के विस्थापितों के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन

सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना के विस्थापितों के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन

सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना के विस्थापितों के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन

SINGRAULI NEWS : सरई तहसील अन्तर्गत खनुआ नया टोला गांव में सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना के विस्थापितों के लिए एपीएमडीसी (आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) द्वारा तैयार कराए जा रहे बेहतरीन पुनर्वास कॉलोनी में मंगलवार को 1600 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया गया।

पुनर्वास कॉलोनी में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नवीनतम तकनीकों और उपकरणों से लैस है, जो उच्चतम स्तर की दक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है। पुनर्वास कॉलोनी में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नवीनतम तकनीकों और उपकरणों से लैस है,

जो उच्चतम स्तर की दक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है। विस्थापितों के लिए पर्याप्त स्वच्छ पानी की व्यवस्था हेतु पानी के 5.6 लाख लीटर क्षमता वाले दो बड़े टैंक बनवाए गए हैं। इस दौरान एपीएमडीसी के डीजीएम श्री सुब्बा रेड्डी, सिविल मैनेजर श्री गिरधर धाकड़, खनुआ नया टोला के सरपंच श्री मोतीलाल सिंह और झलरी पंचायत के सरपंच श्री दिलीप साह और स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

गौरतलब है कि एपीएमडीसी को आवंटित सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना से प्रभावित गांवों के विस्थापितों के लिए पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन स्कीम के तहत 123 हेक्टेयर क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक बेहतरीन पुनर्वास कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है।

विस्थापित परिवारों के लिए मकान और प्लॉट की व्यवस्था, पक्की सड़क, पक्की नालियां, रौशनी की व्यवस्था, शुद्ध पेय जल, उचित मूल्य दूकान, आंगनबाड़ी भवन, हाट बाजार, विद्यालय भवन, सार्वजनिक खेल का मैदान,स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन और शौचालयों की व्यवस्था जैसी बुनियादी जरूरतों का खास ख्याल रखा गया है। इस बुनियादी ढांचे ने आवश्यक ऊर्जा परियोजना से प्रभावित लोगों के सम्मानजनक पुनर्वास में नया मानदंड स्थापित किया है।

पुनर्वास कॉलोनी के 1200 छात्र-छात्राओं की बेहतर पढ़ाई के लिए एक भव्य स्कूल का निर्माण किया गया है। इस स्कूल में 3 डी मॉडल पर आधारित अत्याधुनिक 38 कमरे हैं। इस एपीएमडीसी मॉडल स्कूल में अब स्थानीय बच्चे अंग्रेजी माध्यम में सीबीएसई बोर्ड के तहत नर्सरी से 10वीं तक की पढ़ाई कर सकेंगे और उन्हें इसके लिए बाहर जाने की जरुरत नहीं होगी।

स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनज़र कॉलोनी परिसर में हीं आधुनिक सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल का निर्माण कराया जा रहा है जो कुछ ही दिनों में बनकर पूरी तरह तैयार हो जायेगा। अब यहां के निवासियों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और कम से कम समय में मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाया जा सकेगा।

पुनर्वास कॉलोनी के अंतर्गत 18 किलोमीटर पक्की सड़क और जल प्रवाह के लिए 28 किलोमीटर पक्की नाली का निर्माण किया गया है ताकि किसी मौसम में जल जमाव नहीं हो। परियोजना से विस्थापित हर परिवार को पुनर्वास के लिए इस कॉलोनी में 90X60 वर्ग फुट का प्लाट आवंटित किया गया है जो सीधे पक्की सड़क से जुड़ी है।

विस्थापित परिवारों को रात में भी आवागमन में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए कॉलोनी के सभी सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ हीं बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए इस कॉलोनी के लिए अलग से विद्युत् सब स्टेशन स्थापित की गयी है। बेहतरीन सुविधाओं से युक्त सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना के विस्थापितों के लिए बनाई गयी पुनर्वास कॉलोनी निश्चित तौर पर आसपास के क्षेत्रों के लिए एक उदहारण है।

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