SINGRAULI NEWS : कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अरूण परमार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश विधान सभा निर्वाचन, 2023 के आम निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की गई है। निर्वाचन कार्यक्रमों की घोषणा हो जाने के फलस्वरूप सम्पूर्ण मध्यप्रदेश सहित जिला सिंगरौली में भी दिनांक 9 अक्टूबर 2023 से आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। उन्होने बताया कि सामान्यतः यह पाया गया है
कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान प्रचार-प्रसार आदि के लिये अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाता है जो सामान्य नागरिकों को परेशान कर देता है एवं उन्हें गम्भीर असुविधा का सामना करना पड़ता है। विशेषकर छात्रों की पढ़ाई तथा रोगी एवं बृद्धों को गम्भीर असुविधा होती है।
जहां प्रजातांत्रिक प्रक्रियाओं के लिये अभिव्यक्ति का अधिकार महत्वपूर्ण है, वहीं इस अधिकार को इस प्रकार परिभाषित किया जाना भी आवश्यक है कि वह सामान्य जन मानस को मानसिक, शारीरिक क्लेश न पहुंचाये।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अरूण परमार द्वारा निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने एवं निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिले में लोक प्रशांति बनाये रखने के उद्देश्य सम्पूर्ण जिला सिंगरौली में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये दिनांक 09.10.2023 से दिनांक 05.12.2023 तक के लिये तत्काल प्रभाव से ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित लगाया गया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा विधानसभा आम निर्वाचन 2023 को निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने एवं निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिले में लोक प्रशांति बनाये रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये दिनांक 09.10.2023 से दिनांक 05.12.2023 तक के लिये तत्काल प्रभाव से ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित का आदेश जारी किया गया है।
जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति तथा उम्मीदवार, इलेक्शन एजेन्ट, या राजनैतिक दलों के सदस्य एवं समर्थक आदि ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं लोक सम्बोधन प्रणाली का उपयोग उक्त आदेश के प्रभावशील रहने की अवधि में केवल 1/4 वाल्यूम (ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि मानक – 10 डी. बी. ए. से अनधिक) ही प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक तथा केवल “विहित प्राधिकारी” (अनुविभागीय दण्डाधिकारी) की पूर्वानुमति प्राप्त कर ही कर सकेगा।
रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे के बीच किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्र या लोक सम्बोधन प्रणाली का उपयोग नही किया जावेगा एवं उक्त अवधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकेगी।मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 5 के उपबन्धों के तहत कोलाहल प्रतिबंधित शांत क्षेत्रों, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, निर्सिग होम, टेलीफोन एक्सचेन्ज, न्यायालयीन क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थाओं, क्षात्रावासों, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालयों, बैकों तथा अन्य क्षेत्र जिन्हें शांत क्षेत्र घोषित किया जाये ऐसे स्थानों से 200 मीटर की परिधि के बाहर ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति दी जा सकेगी।
उपरोक्त स्थानों से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किसी भी खुले स्थल या लोक स्थल में टेप या अन्य प्रकार के पूर्व से रिकार्ड की हुई संगीत या आवाज को बजाने के लिये नहीं किया जा सकेगा। इस अधिनियम के प्रयोजन के लिये अधिनियम की कण्डिका 2घ के तहत “ समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेटों” को उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत “विहित प्राधिकारी” घोषित किया जाता है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी यह प्रतिबंध प्रशासन की ओर से घोषणाएं करने पर लागू नहीं होगा। इस आदेश तथा मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 का उल्लंघन किया जाना अपराध होगा। जो कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा या उल्लंघन करने का प्रयास दुष्प्ररणा से करेगा वह उक्त अधिनियम के उपबंधों के तहत शास्ति, 06 (छ) माह तक के कारावास या 1000/ रुपये के जुर्माने से अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकेगा। अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत हेड कांस्टेबल व उससे वरिष्ट किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा बिना अनुमति के उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों सामग्री को अधिग्रहित किया जा सकेगा।