Period Pain & Cramp in women : पीरियड्स के दौरान 3 से 5 दिन तक ब्लीडिंग होना सामान्य बात है। लेकिन अगर यह ब्लीडिंग पांच दिन से ज्यादा हो रही है तो चिंता का कारण है।
कई दिनों तक लगातार ब्लीडिंग होने से महिलाओं को काफी दर्द भी सहना पड़ता है। महिलाएं कई बार इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन सात दिनों से अधिक ब्लीडिंग होना सामान्य नहीं है और यह किसी बीमारी का संकेत हो सकती है।
पीरियड्स (periods) यानी माहवारी महिलाओं में एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो गर्भधारण के लिए बहुत जरूरी है। महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दौर से गुजरना पड़ता है। इस दौरान उन्हें तीन से सात दिनों तक ब्लीडिंग होती है। अक्सर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कमर और पेट में दर्द होता है। कुछ महिलाओं को यह दर्द सामान्य होता है लेकिन कुछ के लिए यह दर्द बहुत पीड़ादायक होता है।
सामान्यतः पीरियड्स (periods) तीन से सात दिनों तक होती है और महिलाओं को इस दौरान काफी दर्द भी जाना पड़ता है। कुछ महिलाओं को ज्यादा दर्द सहना पड़ता है जिन्हें पीरियड्स ज्यादा दिनों तक चलते हैं।
इस बात को इस तरह समझ सकते हैं की महिलाओं के गर्भाशय की म्यूकस मेंब्रेन मेंस्ट्रूअल साइकिल के दौरान संभावित गर्भधारण (Pregnancy) के लिए खुद को तैयार करने हेतु मोटी हो जाती है और जब प्रेगनेंसी नहीं होती है तो यह पीरियड्स के दौरान यह यूटेरस से रक्त के साथ बाहर निकल जाता है।
लड़कियों के शरीर में पीरियड्स की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर स्वयं को संभावित गर्भावस्था (Pregnancy) के लिए तैयार कर रहा है। सामान्यतः पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग तीन से सात दिन ही होती है लेकिन यदि आपको लंबे समय तक ब्लीडिंग हो रही है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
सामान्य से ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग होने के कारण –
टीनएज लड़कियों में पीरियड्स की गड़बड़ी हार्मोनल असंतुलन के कारण सबसे ज्यादा होती है। इसमें कई बार पीरियड्स लंबे समय तक चलते हैं।
खास तौर पर प्यूबर्टी की शुरुआत में पीरियड्स लंबे चलते हैं। वहीं व्यस्कों में गर्भावस्था से संबंधित संभावित बीमारियों जैसे फाइब्रॉयड्स और एडिनोमायोसिस एवं संकरण की वजह से भी अधिक दिनों तक पीरियड्स की समस्या होती है। यदि लगातार सामान्य से अधिक दिनों तक पीरियड्स की समस्या बनी रहती है तू संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर महिलाओं को पीरियड्स 7 दिनों से अधिक चलते हैं या ब्लड क्लॉट्स दिखाई देते हैं तो इसे महिलाओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए। पीरियड्स के दौरान रंग का भी विशेष ध्यान देना चाहिए कि उनके पीरियड्स का रंग कैसा है।
ज्यादा ब्लीडिंग के पीछे हो सकती हैं ये बीमारियां –
अगर किसी भी महिला को 20 दिनों तक पीरियड्स की समस्या है तो यह बिल्कुल भी सामान्य नहीं है और इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस तरह की समस्या के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं –
• हार्मोनल असंतुलन : महिलाओं में प्रजनन प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार एस्ट्रोजेन और प्रोस्टेरोन हार्मोन के बीच असंतुलन की वजह से 20 दिन तक पीरियड्स हो सकते हैं।
• फाइब्रॉयड्स (Fibroids) : इस तरह की बीमारी में गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। गर्भाशय में हल्की गांठों (एक तरह का ट्यूमर) की तरह होते हैं जो महिलाओं में काफी आम है। लेकिन यह पीरियड्स के दौरान असहनीय पीड़ा और ऐंठन, हैवी ब्लीडिंग, सेक्स के दौरान दर्द और तेज पीठ-कमर दर्द का कारण बन सकते हैं। इससे प्रजनन क्षमता में दिक्कत होती है।
- • कैंसर (Cancer) : पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के भीतर कैंसर की वृद्धि की वजह से हो सकता है।
- • बीमारी – एचआईवी, रूबेला, मंप्स ऐसी कुछ बीमारियां हैं जो आपके रक्त को पतला कर सकती हैं और पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग का कारण बन सकती है।
- • गर्भनिरोधक : पीरियड्स में गड़बड़ी इंट्रा यूटराईन डिवाइस (IUD) की वजह से भी हो सकती है।
- • दवाओं का सेवन : रक्त को पतला करने वाली एस्पिरिन जैसी दवाएं भी ऐसी समस्या उत्पन्न कर सकती है। गर्भनिरोधक गोलियों का गलत तरीके से सेवन, खास तौर पर जब आप इसे तय समय पर ना लें, तो इससे भी दिक्कत हो सकती है।
क्या है संभव इलाज :
पीरियड्स से जुड़ी किसी भी समस्या का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबी या हेवी ब्लीडिंग या दर्द में कुछ दवाएं दी जा सकती है, जिनसे त्वरित राहत मिल जाती है। लेकिन फिर भी यदि परेशानी बनी रहती है तो फिर बायोप्सी और आगे का इलाज किया जाता है।
Disclaimer : यदि पीरियड्स से संबंधित परेशानी है तो उचित विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।