पावन खिंड दौड़ में उत्साह से दौड़े शहरवासी
सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू हुई दौड़ में लोगों को बताई गई वीर शिवाजी के अखंड शौर्य की गाथा
सम्मिलित प्रतिभागियों का प्रमाण देकर हुआ सम्मान
सिंगरौली~: 20 जून दिन गुरुवार को छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा हिंदवी स्वराज स्थापना के 350 में वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम का पावन खिंड दौड़,अखंड भारत माता की रंगोली,351 दीप प्रज्वलन व भारत माता के महा आरती के साथ रामलीला मैदान पर सफलतापूर्वक समापन हुआ। हिंदवी स्वराज स्थापना के 350 में वर्ष के अवसर पर कार्यक्रम पूरे उत्सव के रूप में मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल बिलौंजी से हुई।
जहां पावन खिंड दौड़ में शामिल होने के लिए भारी तादाद में लोग समय के पहले से ही ईक_ा होने लगे सबसे पहले अतिथि गणों द्वारा पावन खिंड की मिट्टी के तिलक एवं रोली के बाद भगवा ध्वज लहराकर पावन खिंड दौड़ का भगवा झंडा दिखाकर शुभारम्भ किया गया।
सरस्वती शिशु मंदिर बिलौंजी का मैदान उत्साह से लबरेज बच्चे और बडों के चेहरे पर मुस्कान लिए दौडऩे के लिए तैयार दिखे। भगवा झंडी एवम भिसिल का इशारा मिलते ही वीर शिवाजी के अखंड शौर्य गाथा को बताने के लिए सभी ने पावन खिंड दौड़ शुरू की। शहर की सड़कों पर उनको दौड़ते देख राहगीर भी कुछ देर के लिए ठिठक गए लेकिन जब दौड़ की जानकारी हुई तो उनका सिर भी गर्व से तन गया। ऐसा नजारा हर जगह देखने को मिला जहां से दौड़ में शामिल प्रतिभागी निकले,इस दौड़ में 13 से 90 वर्ष तक आयु के लोगों ने भाग लिया कार्यक्रम की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ऑन रिकॉर्ड अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने वीर शिवाजी की गाथा वा पावन खिंड की मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भगवा ध्वज लहराकर एवम भगवा झंडा दिखाकर पावन खिंड दौड़ की शुरुवात कराई वरिष्ठ अधिवक्ता श्री दुबेजी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर आरडी पांडेय आयोजन प्रमुख जिला संयोजक हिन्दवी स्वराज्य 350वां वर्ष समारोह आयोजन समिति सिंगरौली की खुले मन से सराहना की।
पावन खिंड दौड़ में शामिल शहरवासियों में गजब का उत्साह रहा। दौड़ की शुरुआत से पहले अश्वनी दुबेजी ने वीर शिवाजी के शौर्य गाथा बताई।दौड़ में हर आयु वर्ग का व्यक्ति, महिला व बच्चे भी शामिल हुए। यह दौड़ सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू होकर ट्रामा चौक,मेन रोड बिलौंजी चौक, सत्य होटल एक्सीलेंस चौक, विवेकानंद चौक, बड़े हनुमानजी महाराज जी तोरणद्वार होते हुए तुलसी मार्ग से रामलीला मैदान पर समाप्त हुई। प्रतिभागियों को जगह जगह जलपान की व्यवस्था की गई थी।अंत में इस पावन खिण्ड दौड़ में भाग लेने बाले सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र द्वारा मंच पर बुलाकर आयोजकों ने प्रमुख अतिथियों से सम्मानित करवाया। इस अवसर पर लोगों ने भारत माता एवम श्रीमंत योगी छत्रपति शिवाजी महाराज की जय के नारे लगाए। कुल 1021 बच्चे बालक बालिका स्त्री पुरुष दौड़ में सम्मिलित हुए थे रामलीला मैदान में शाम 7:00 बजे कार्यक्रम का समापन हुआ जहां 351 दीप, अखण्ड भारत माता के रंगोली द्वारा बनाये गए छायाचित्र पर प्रज्वलित किए गए और भारत माता की महाआरती की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सहसंघ चालक अनिल झा ने किया। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अतिथि गणों में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी दुबेजी, संजय प्रताप सिंह रेड क्रॉस सोसाइटी एवं चेंबर ऑफ कॉमर्स, बृजेंद्र पांडेय जी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सिंगरौली रहे।वही समापन अवसर पर प्रमुख अतिथियों एवम वक्ताओं ने अपने अपने उद्बोधन दिए जहां अतिथि गणों को अंग वस्त्र एवं श्रीमंत योगी छत्रपति शिवाजी के जीवनी पर आधारित पुस्तक भेंट कर आयोजन समिति द्वारा स्वागत सत्कार किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर आरडी द्विवेदीजी पैथोलॉजिस्ट रिटायर्ड सीएमओ नेहरू हॉस्पिटल एवम डायरेक्टर रेड क्रॉस ब्लड बैंक ,विशेष अतिथि संतोष सिंह वरिष्ठ समाजसेवी, मुख्य वक्ता अंजनी पांडेयजी आयोजन समिति के विभाग संयोजक एवम विभाग कार्यवाह सिंगरौली/सीधी, नगर संघ चालक एन वी सिंहजी रहे। कार्यक्रम के बारे में डॉक्टर आर डी पांडेय आयोजन प्रमुख जिला संयोजक हिंदवी स्वराज्य 350 वा वर्ष समारोह आयोजन समिति जिला सिंगरौली महाकौशल प्रांत ने बिधिवत प्रकाश डाला एवम वीर शिवाजी के पावन आदर्शो पर चलने हेतु अनुरोध किया।मुख्य वक्ता ने बीर शिवजी के बारे में बताया कि उन्होने बचपन के खेल में भी विदेशी आक्रांताओं का किला ढहाने का खेल खेलते थे इसी से प्रेरित होकर उनकी माता जीजाबाई ने उन बिदेशी मुगल आक्रान्ताओं का बास्तविक किला ढहाने को कहा जिससे प्रेरित होकर वीर शिवाजी जी 13 वर्ष की आयु में विदेशी मुगल आक्रांताओं पर हमला कर युद्ध जीता एवम किला ढहाया। आगे पावन खिण्ड के बारे में बताया कि बिदेशी मुगल आक्रांता आदिल शाही हमारे देश मे आक्रमण कर हमारे सैनिकों को गाजर मूली के तरह काट रहा था जिसे देखकर उनके सिपहसलाकार बाजी प्रभुदेश पाण्डेय ने उन्हें आगे बढ़ने एवम स्वयं की उसके 50 हजार सैनिकों से अपने 500 सैनिकों के साथ लोहा लेने हेतु कहा और उन्हें यह बचन दिया कि जब तक आप विदेशी आक्रांता आदिल शाही का वध नही कर देते तब तक मैं युद्ध करता रहूंगा चाहे मेरे शरीर के टुकड़े टुकड़े ही क्यों न हो जाय कारण की पावन खिण्ड की घाटी पर दर्रे से जाना होता था और दुश्मन की फौज दर्रे के दूसरे तरफ हमारे सैनिकों का वध कर देते थे।तब बाजी प्रभुदेश पाण्डेय ने दोनों हाथों से तलवार भांजते हुए शत्रु की सेना को गाजर मूली की तरह काट डाला और शिवाजी को आगे भेज दिया जहाँ वो विदेशी आक्रांता था शिवजी चंद समय मे अपने कुछ ही सैनिकों को साथ लेकर 63 द्मद्व दौड़कर उस बिदेशी आक्रांता आदिल शाही का वध किया और 3 तोपो की सलामी दी तब घायल बाजी प्रभुदेश पाण्डेय ने अपना दम तोड़ा। यही है पावन खिण्ड दौड़ की असली गाथा।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एसडी सिंह संरक्षक गोविंद पांडेय संरक्षक, ओमकार शुक्ला,जी के द्विवेदी सुसंस्कार फाउंडेशन संरक्षक,जी पी सिंह,गजमोचन सिंह सचिव,अजय द्विवेदी सह सचिव, अमित राज,आईपी सिंह शत्रुघ्न पांडे, श्रीनिवास श्रीवास्तव ,राम नरेश त्रिपाठी,शिवा मिश्रा,अश्विनी कुमार सोनी प्राचार्य, जे पी पाण्डेय प्राचार्य,संजय पाठक,शिवेन्द्र पाण्डेय,सतेंद्र पाण्डेय, अमरदीप भरुका,,ममता अग्रवाल, अनुराग अग्रवाल,सत्यनारायण बंसल, राजाराम केसरी, राकेश चतुर्वेदी, जितेंद्र सिंह, स्वप्निल श्रीवास्तव पुष्प लता सिंह आकांक्षा पाठक, उषा सिंह, सुधा पांडेय,डॉक्टर आईपी शुक्ला ,शारदा त्रिपाठी आरपी सिंह ,श्याम सुंदर सिंह, हरिओम पांडे,गोविंद तिवारी ग्राम भर्ती, सुशील सिंह चंदेल जिला सचिव विद्याभारती,अर्पित गुप्ता, डॉ ओ पी राय, सुरेंद्र सोनी,रमेश सिंह, लकी सिंह,डॉक्टर डीके मिश्रा, मिथिलेश मिश्रा, विवेक त्रिपाठी,सुमित पाण्डेय, सुरेन्द्र चौरसिया,प्रेम सागर शर्मा, स्वप्निल श्रीवास्तव,सावित्री प्रजापति,शिखा मिश्रा, रचना सोनी, नीता विश्वकर्मा, सौरज पाण्डेय,सुभम सिंह, दुर्गावती सिंह, राजकुमार विश्वकर्मा जन अभियान ,अर्चना मिश्रा, संध्या मिश्रा,दिलीप शाह,सुंदर शाह,राजू गुप्ता,समीरजी उपस्थित रहे। छोटी उम्र की बालिका दिव्यांशी पाण्डेय, सोनाक्षी चतुर्वेदी, अलंकृता पाठक का उत्साह प्रेरणादायक रहा। कार्यक्रम के सफल संचालन करने में डा आर डी पांडेय आयोजन प्रमुख की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिन्होंने सभी का हार्दिक स्वागत बन्दन अभिनंदन किया।सम्मिलित सभी प्रतिभागियों को मिष्टान्न का प्रसाद वितरण किया गया। अखंड भारत माता की रंगोली एवम 351 दीप की सज्जा आचार्य संजय पाठक एवम महाआरती का संगीत के साथ गायन आचार्य बालकृष्ण शर्मा एवम टीम के द्वारा किया गया। धन्यवाद अर्पित एस डी सिंहजी द्वारा किया गया।
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हिंदवी स्वराज्य के 350 वें वर्ष के कार्यक्रम का रामलीला मैदान में सफलता पूर्वक हुआ समापन
