लगातार चलेगा अभियान, हर जगह पहुंचेगी टीम,नवरात्रि तक में 20,000 से अधिक छात्राओं एवं महिलाओं को प्रशिक्षित करने का रखा है लक्ष्य
सिंगरौली ~: बुधावर को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलौंजी में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वयंसिद्धा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ मॉ सरस्वती जी का पूजन अर्चन एवं पुष्प अर्पण कर की गई।पुलिस अधीक्षक महोदया श्रीमती निवेदिता गुप्ता द्वारा बताया गया कि सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपमें होनी चाहिये, वह है साहस। यदि आपमें साहस नहीं होगा, तो सारी सिखलाई हुई बातें धरी रह जायेगीं। आपको अपनी सत्ता सिद्ध करने के लिये कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। स्वंय को आप पहचानिये कि आप हो कौन, आप कितनी महत्वपूर्ण हो। आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है जो आपको अपने आस-पास के वातावरण के बारे में अधिक जागरूक होने और किसी भी समय अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने में मदद करता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से, आपको मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से इतना मजबूत बनना है कि वे संकट के समय में आप खुद की रक्षा कर सकें। आत्मरक्षा प्रशिक्षण तकनीक आप में आत्मविश्वास जागृत करती है और आपकी शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है। इसके अलावा प्रतिद्वंद्वी की कमज़ोरियों और शरीर के किन क्षेत्रों से उन्हें अक्षम किया जाना है, इस पर ध्यान केंद्रित कर स्वयं का बचाव करना है। उदाहरण के लिए, गले पर वार, आँख में चोट और कमर पर वार। आपको यह सीखना भी है कि बिना शारीरिक बल का उपयोग किए स्थितियों को संभावित रूप से कैसे कम किया जाए।
क्या है आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वयंसिद्धा
आत्मरक्षा प्रशिक्षण उसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जिसमें बालिकाओं एवं महिलाओं के साथ नित्य प्रतिदिन हिंसा, छेड़छाड़, लूटपाट, दुष्कर्म आदि की अनेकानेक घटनाएं घटित हो रही हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण छात्राओं एवं महिलाओं को सबसे अपनी सुरक्षा करने में सक्षम बनाएगा। आत्मरक्षा एक जवाबी ही उपाय है, जिसमंर नुकसान से स्वयं के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करना शामिल है। प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्राओं एवं महिलाओं को यह सिखाने में काफी मदद करता है कि उन क्षेत्रों और स्थितियों से कैसे बचा जाए जो अधिक खतरनाक हैं। सेल्फ डिफेंस यानी आत्मरक्षा के कुछ तरीके जिसमें किसी हमले की हालत में बैठे अटैकर की आंखों में उंगलियों से वार करें, हथेली का कप बना कर कानों पर मारे या घुटनों पर किक करें। अगर हमलावर ने आपको पूरी तरह से घेर लिया है तो आप उसकी गिरफ्त से बाहर आने के लिए उसके शरीर के सबसे सेंसिटिव और कमजोर हिस्सों को निशाना बना सकती हैं। इसमें आंख, नाक, गर्दन, घुटने और पुरुषों के प्राइवेट पार्ट आते हैं। इन हिस्सों पर जोरदार तरीके से पंच मारने पर हमलावर का ध्यान बंटने में मदद मिलेगी, जिससे आप उसकी गिरफ्त से छूट सकती हैं। अगर आपको ऐसा लगे कि हमलावर ज्यादा संख्या मे है और आपको लगता है कि सामना करने से ज्यादा बेहतर है वहां से भाग जाना, तो इसी ऑप्शन को चुनें। आपके पास यदि मोबाइल है तो अपने परिजनों एवं आपातकालिन नंबरों पर कॉल करें। अगर आपके सामने से कोई बस गुजर रही हो या आपके आसपास ऑटो वालों की भीड़ हो तो आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए आसानी से उस जगह से निकल सकती हैं। मुमकिन है कि एक बार उन स्थितियों से बाहर निकलने के बाद आपको दोबारा उनका सामना ना करना पड़े। इन आसान तरीकों को अपनाकर आप ना सिर्फ हमलावर को कड़ी टक्कर दे सकती हैं, बल्कि खुद की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकती हैं। आप इसे अपने घर परिवार के सदस्यों एवं पास पड़ोस में रहने वाली महिलाओं के साथ घर पहुंच कर जरुर शेयर करें। विद्यालय की छात्राओं ने काफी रुचि लेकर आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपनी बातों को भी सामने रखा। छात्राओं ने आश्वस्त किया कि आज की सिखलाई को सभी के साथ शेयर करेंगी, लगातार अभ्यास कर स्वयं तो सीखेंगे ही और भी पांच लोगों को सिखलायेगे।
क्यों जरुरी है नियमित अभ्यास
आपको नियमित रूप से आत्मरक्षा का अभ्यास क्यों करना चाहिए? आत्मरक्षा कौशल जानना एक बात है और खतरनाक स्थिति आने पर उन्हें कैसे लागू करना है, यह जानना दूसरी बात है। नियमित अभ्यास के बिना, आप अपने द्वारा सीखे गए कौशल के साथ अपनी बढ़त खो देते हैं। नतीजतन, जब आपको खुद का बचाव करने की ज़रूरत होती है तो आप कम पड़ सकते हैं। इसलिए आपको नियमित अभ्यास करने की आवश्यकता है, ताकि आपकी मांसपेशियाँ तैयार रहें, आपमें लचीलापन हो और जब आपको अपने कौशल का उपयोग करने की आवश्यकता हो तो आप संतुलित रह सकें।कार्यक्रम में सहायक उपनिरीक्षक अशोक सिंह तोमर, प्र,आर. आशीष सिंह बागरी, नातीलाल, ज्योति पाण्डेय, आर. धनंजय यादव, अरुण वास्कले, अभिषेक चंद्रपुरिया, पूर्वा पचौरी, विद्यालय प्राचार्य श्री अरूण कुमार सोनी, सेल्फ डिफेंस टेक्निकल डायरेक्टर गणेश सिंह, खुशबू साकेत, वंदना प्रजापति, अर्पिता विस्वास अपनी टीम सहित उपस्थित रहे। विद्यालय में उपस्थित लगभग 700 से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए।आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला सिंगरौली के विभिन्न विद्यालयों में टीम द्वारा जाकर क्रियान्वित कराया जा रहा है। हमारी बहन बेटियां जो स्वयं सेल्फ डिफेंस सीखने के लिए बाहर नहीं जा सकती हैं, उनके लिए यह अत्यंत उपयोगी है।