शराब ठेकेदार द्वारा होटलों तथा गुमतियों में की जा रही अवैध शराब की आपूर्ति
सिंगरौली ~: कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों अवैध शराब ढाबों, होटलों, गुमतियों तथा किराना की दुकानों में खुलेआम बिक रही है। शराब ठेकेदार द्वारा अवैध शराब के विक्रेताओं को उनके ठिकाने पर शराब लगातार पहुंचायी जाती है और पुलिस तथा आबकारी विभाग की मिलीभत से अवैध शराब की धड़ल्ले से बिक्री करायी जा रही है। जगह जगह शराब की उपलब्धता से जहां युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जा रही है वहीं सरकार को राजस्व की बड़ी क्षति हो रही है। सोशल मीडिया में इन दिनों एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमेंं एक शराब की दुकान ने बोरी में भरकर बाइक पर दो लोग शराब लेकर जाते दिखायी दे रहे हैं।
जगह-जगह शराब की हो रही बिक्री का नतीजा यह निकल रहा है कि लोग जमकर नशा कर रहे हैं, जिससे कई परिवार टूट रहे हैं तो वहीं वाहन दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। जगह-जगह खुली शराब की दुकानों में धड़ल्ले से बिक रही शराब को देखकर भी आबकारी पुलिस शराब ठेकेदारों के सामने लाचार है। आबकारी पुलिस को यह जानकारी होने के बाद भी अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मध्य प्रदेश राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू किया जाए प्रोफेसर जी ने की मांग
जिला सिंगरौली ग्राम जैतपुर निवासी प्रोफेसर जी ने आबकारी आयुक्त ग्वालियर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग भोपाल सचिन आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्रालय भोपाल जिला कलेक्टर सिंगरौली डिप्टी सचिव कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट मंत्रालय भोपाल तमाम अधिकारियों को सूचित करते हुए मध्य प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग की है मध्य प्रदेश राज्य में परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छा बनाने के लिए, शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने कि मध्य प्रदेश में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाय मध्य प्रदेश में आने वाली पीढ़ी शराब पीने की आदत पा रही है आने वाली पीढ़ी को शराब सेवन से बचाने के लिए व पार्टी में शराब उपयोग होता है नई युवा पीढ़ी का शराब की तरफ ज्यादा झुकाव है शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर युवा पीढ़ी को नशा से बचाया जा सकता है
मानव संसाधन जब कोई बच्चा पढ़ाई पूरा करके नौकरी के काबिल होता है तब उससे उपयोगिता की पूर्ति होती हे वह मानव संसाधन के बराबर होता है शराब के वजह से मानव संसाधन में कमी आ रही है मानव संसाधन का निर्माण नहीं हो पा रहा है उससे पहले ही यूवा पीढ़ी शराब पीने लग जा रही हैं और मानव संसाधन का निर्माण होने के बाद शराब पीने लग जाते हैं जिसके वजह से उपयोगिता की पूर्ति नहीं होती है शराब मानव संसाधन के निर्माण में बाधक है इसलिए शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना न्यायोचित है
शराब के वजह से पारिवारिक आर्थिक स्थिति का विकास नहीं हो पाता है पारिवारिक स्थिति बदत्तर हो जाती है घर का मुखिया शराब पीता है परिवार चलाने के लिए खर्चे की कमी पड़ती है जिसके वजह से दिन प्रतिदिन झगड़े होते हैं शराब की वजह से शरीर का किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंग जल्दी खराब हो जाते हैं जिससे परिवार पर मेडिसिन का आर्थिक बोझ बढ़ जाता है इलाज न होने पर एक कमाऊँ व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है जिसकी वजह से पूरा परिवार आर्थिक संकट में डूब जाता है शराब के वजह से पतियों द्वारा पत्नियों के साथ मारपीट किया जाता है और लवकर बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाता है शिक्षा ग्रहण करने में जो खर्च लगता है वह खर्च परिवार सहन नहीं कर पाता है शिक्षा के लिए घर के मुखिया का गाइडलाइन भी नहीं मिल पाता है इसलिए शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए