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सम्राट अशोक का साम्राज्य भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण एवं विशाल साम्राज्य में से एक

सम्राट अशोक का साम्राज्य भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण एवं विशाल साम्राज्य में से एक

सम्राट अशोक का साम्राज्य भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण एवं विशाल साम्राज्य में से एक

सम्राट अशोक का साम्राज्य भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण एवं विशाल साम्राज्य में से एक था। अशोक के शासनकाल का समयावधि लगभग 268 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक था। उनके साम्राज्य का क्षेत्रफल बहुत बड़ा था और यह भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों को शामिल करता था।

सम्राट अशोक के साम्राज्य का क्षेत्रफल बहुत बड़ा था, जिसमें भारत के अधिकांश भाग, नेपाल, बांगलादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बर्मा, थाईलैंड, और इंडोनेशिया शामिल थे।

सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान, उन्होंने धर्मविजय के तहत बौद्ध धर्म को प्रमोट किया और अपने साम्राज्य को धर्मिक सामंजस्य की ओर ले जाने का प्रयास किया। उन्होंने अपने धर्मकार्य के लिए अनेक स्तूप और पिल्लर्स बनवाए जिनमें उनकी धर्मिक उपदेश लिखे गए थे।

सम्राट अशोक का साम्राज्य उनके सामय के भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण था और उनका योजनाबद्ध शासन और धर्मिक अपनायन भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण रहा।सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के प्रमुख राजा में से एक थे, और उन्होंने अपने साम्राज्य का बहुत बड़ा क्षेत्र आपातकाल में विस्तारित किया था, जिसे “अखंड भारत” के स्वरूप में जाना जाता है। अशोक सम्राट के शासनकाल में, उन्होंने अपने शासन क्षेत्र को भारतीय सुबक्षेत्रों को शामिल करके विस्तारित किया था, जिससे विशाल भूभाग अखंड भारत के समीप आया था।

अशोक का योजनाबद्ध और सुशासनकारी शासन, जिसे “धर्मविजय” या “धर्माशासन” के रूप में जाना जाता है, भारत के विभिन्न भागों में शांति और सामाजिक सुधार को प्रोत्साहित किया। उनकी स्तूपों और अशोकान लिपि के अवशेष आज भी भारतीय सभ्यता के महत्वपूर्ण अंश हैं। अशोक का यह योजनाबद्ध शासन और उनके समय का अखंड भारत भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण घटना है।

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