Old Pension Scheme In Madhya Pradesh: आप सभी को बता दे कि पुरानी पेंशन योजना के सहारे कांग्रेस फिर से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश कर रही है, कांग्रेस का कहना हैं कि अगर वह सत्ता में दुबारा आती हैं तो वह पुरानी पेंशन योजना को दुबारा अगु करेगी, पूरी जानकारी विस्तार से पढ़े-
Old Pension Scheme In Madhya Pradesh: कांग्रेस एक बार फिर मध्य प्रदेश की सरकार बनाने के लिए पुरानी पेंशन योजना का उपयोग कर रही है। 2023 के अंतिम महीने में चुनाव होने हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी पहले से ही चुनाव की तैयारी कर रही है। सत्ताधारी पार्टी भी इससे पीछे नहीं है। कांग्रेस ने हाल ही में कहा है कि वह सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन योजना को लागू करेगी। कांग्रेस पार्टी की यह घोषणा उसे प्रधानमंत्री बना सकती है। क्योंकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान, दो पड़ोसी राज्यों में, पिछले चुनावों से कांग्रेस की सरकार है 2018 में भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन आपसी खींचतान में भाजपा ने सत्ता जीती।
कांग्रेस महासचिव का बयान
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हाल ही में कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य में सत्ता में आने पर सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। प्रियंका गांधी ने सत्ता में आने पर मध्य प्रदेश की जनता से पांच वादा तोड़ दिए हैं। उनका दावा है कि मध्यप्रदेश में बदलाव का दौर चल रहा है। सिर्फ आम लोगों के दुःख में शरीक होने की आवश्यकता है।
जानकारों का मत
जानकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर बहुत अधिक आर्थिक बोझ नहीं उठाएगी। माना जाता है कि अधिकांश वरिष्ठ कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। प्रदेश में 3.35 लाख कर्मचारियों के अंशदाई पेंशन में प्रति महीने 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी से लगभग 344 करोड़ रुपए की बचत होगी। यह पेंशन नियम 1972 के दायरे से बाहर हैं, क्योंकि जनवरी 2005 के बाद मध्य प्रदेश में 3.35 लाख से अधिक कर्मचारी सेवा में आ चुके हैं। 2008 में 2.87 लाख शिक्षक शिक्षक बने हैं, इन पर नवीन पेंशन योजना लागू है।
कांग्रेस सरकार कब हुई और कैसे गिर गई
2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने जीत हासिल की। कमलनाथ को पार्टी ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन राज्य की जनता और कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहा। बहुत से विधायक उनके साथ थे। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई विधायक बगावत पर उतर आए। कांग्रेस की सरकार पिरणाम रूप से गिर गई। उस समय हुए इन राजनैतिक घटनाक्रमों की वजह से शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर सत्ता हासिल की।
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