रीवा राज घराना भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रीवा जिले से संबंधित है, और यह एक प्रमुख राजपुत राजघराना है। इस राजघराने के सदस्य अपने धर्म, संस्कृति, और राजा-महाराजा के समय के इतिहास के प्रति गर्व महसूस करते हैं।
रीवा राजघराने का इतिहास महाराजा धीरजपल और महाराजा राजमहल सिंह द्वारा स्थापित किया गया था, जिनका कार्यकाल 18वीं और 19वीं सदी के आस-पास था। इस घराने के सदस्यों ने अपने साम्राज्य के समय विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक कार्यों में भाग लिया और अपनी समृद्धि के साथ अपने क्षेत्र में प्रमुख रूप से योगदान किया।
रीवा राजघराने के सदस्य ब्राह्मण राजपूत होते हैं और वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति विशेष आदर रखते हैं। इस घराने के सदस्य भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति अपनी सांस्कृतिक विशेषज्ञता के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
रीवा राजघराने के सदस्य अधिकांशत: इलाहाबाद, प्रयागराज, और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में बसे हुए हैं, और वे अपने इतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने के लिए संगठित रूप से काम करते हैं। इस राजघराने के सदस्य आज भी अपने परंपरागत धार्मिक प्रथाओं, पूजा-अर्चना, और समाज में चर्चा के रूप में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
रीवा राजघराने का इतिहास और उसके सदस्यों की विशेषता उनके संबंधित समुदाय के इतिहास और संस्कृति के प्रति गहरी भावना और गर्व का प्रतीक हैं।