मध्य प्रदेश के मंडला जिले से धान भंडारण में हेराफेरी का मामला सामने आया है. इसमें करीब 4 करोड़ की हेराफेरी और 2 करोड़ से ज्यादा का धान खराब हो गया है. पूरे मामले में कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है. दरअसल सेम्परखापा और हीरापुर के ओपन कैप में धान का भंडारण किया गया था. यहाँ संरक्षण, धान की हेराफेरी गोग्रीन वेयरहाउस प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के कारण हुई, जो रखरखाव और सुरक्षा के तहत भंडारित धान की सुरक्षा और रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं।
जानकारी के मुताबिक समर्थन मूल्य पर खरीदा गया धान ओपन कैप में भंडारित किया गया था, जहां 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक ने ओपन कैप का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक ने पाया कि कंपनी द्वारा कैप्स में भंडारित धान की आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गयी है.
खुले में पड़ा करोड़ों का धान सड़ रहा है
मंडला के सेमरखापा के ओपन कैप में 50 हजार 997 और हीरापुर के ओपन कैप में 34 हजार 280 मीट्रिक टन धान संग्रहित है। इसमें से सेमरखापा कैप में 1517 मीट्रिक टन धान खराब हो गया है और 275 मीट्रिक टन धान खराब हो गया है. वहीं, हीरापुर कैप में 761 मीट्रिक टन धान का गबन हुआ है और रक्खराब में लापरवाही के कारण 768 मीट्रिक टन धान खराब हो गया है. दोनों ओपन कैप में 4 करोड़ के धान की हेराफेरी की गई है। इसके अलावा 2 करोड़ के धान की क्षति हुई है.
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक ने पाया कि गोग्रीन वेयरहाउस प्राइवेट लिमिटेड के ओपन कैप में भंडारित करोड़ों का धान सड़ रहा है. इस पूरे मामले को लेकर मंडला कलेक्टर डाॅ. सलोनी सिडाना ने कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच के निर्देश जारी किए हैं