वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान उज्जैन शहर एवं आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन हुआ था और ये मजदूर अपने मूल निवास स्थान पर पहुंच गये थे। इन मजदूरों ने 17 नवंबर 2023 को होने वाले मतदान में भी हिस्सा लिया, इसलिए चुनाव आयोग ऐसे मजदूरों को वोट देने के लिए खबरें भेज रहा है.
झाबुआ, पेटलावद और राजस्थान के कई मजदूर और कामगार उज्जैन में निजी संस्थानों और अन्य स्थानों पर काम करते थे। वह लंबे समय से यहां काम कर रहा था, इसलिए उसका वोटर आईडी बनवाया गया था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान यह मजदूर अपने मूल स्थान पर पहुंच गया. ऐसे मजदूरों की संख्या करीब 2500 है, इनमें से ज्यादातर मजदूर राजस्थान गए हैं और फिर कभी वापस नहीं लौटे. इसी तरह झाबुआ, पेटलावद, अलीराजपुर क्षेत्र के मजदूर भी बड़ी संख्या में उज्जैन और आसपास के खेतों में काम करते थे।
संख्या अधिक होने के कारण चुनाव आयोग की नजर इन मजदूरों पर पड़ी और श्रम विभाग से वोटर आईडी के आधार पर वहां पंजीकृत और उनके मूल निवास तथा राजस्थान व अन्य राज्यों में पलायन कर गये मजदूरों की जानकारी ली गयी. चुनाव आयोग की ओर से स्थानों की पहचान कर ली गई है। राजस्थान सरकार और प्रदेश के अन्य जिलों को बड़ी संख्या में होने के कारण पत्र लिखा गया है।
इस पत्र में चुनाव आयोग से 17 नवंबर 2023 को होने वाले मतदान के लिए मजदूरों को उज्जैन भेजने के लिए कहा गया है. इसी तरह झाबुआ पेटलावद, अलीराजपुर क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर इन मजदूरों को उज्जैन क्षेत्र में मतदान करने के लिए कहा गया है.