Diwali Puja : दिवाली का त्यौहार हिंदूओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन मनाई जा रही है। दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से मां प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना शुभ माना गया है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि अगर कोई भी काम शुभ मुहूर्त में किया जाए, तो देवी-देवता प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शुभ मुहूर्त में किए काम निर्विघ्न पूरे होते हैं और देवताओं की कृपा बनी रहती है।
पूजन का शुभ मुहूर्त 2022
- प्रदोष व्रत पूजा- 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त- 24 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक
- अमृत काल मुहूर्त – 24 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- 24 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 05 बजकर 12 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक
आपको बता दें कि इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है और 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट तक है। 25 अक्टूबर को इस बार अमावस्या तिथि होने कारण 24 अक्टूबर को ही दिवाली का त्यौहार मनाया जा रहा है।
लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि
दिवाली की सुबह सबसे पहले पूजा का संकल्प करते हुए गणेश जी, लक्ष्मी मां और सरस्वती जी के साथ-साथ कुबेर देव की पूजा के लिए उनकी मूर्ति स्थापित करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर वहां सभी देवी-देवताओं की मूर्ति रखें और एक-एक करके पूजा की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद देवी-देवताओं के सामने घी का दीया प्रवज्जलित करें और ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें। इसके बाद पूजा में एक एकाक्षी नारियल और 11 कमलगट्टे रखें। श्री यंत्र और महालक्ष्मी यंक्ष की पूजा करें। बता दें कि यंत्र को उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित कर आखिरी में देवी सूक्तम का पाठ करें।