सिंगरौली

SINGRAULI NEWS:दो विभागों के बीच में फंसी एमडीएम की फाइलें

जनपद व बीआरसी तय नहीं कर पा रहे किसको करना है काम,छ महीने से लंबित पड़े पड़ी हैं फाइलें

SINGRAULI NEWS देवसर, जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत एमडीएम का कार्य इन दिनों दो विभागों के बीच में फंसा हुआ है, जनपद एवं बीआरसी दोनों विभागों के जिम्मेदार आपस में निर्णय नहीं ले पा रहे हैं कि काम किसे करना है,

ऐसे में करीब 6 महीने से एमडीएम की फाइलें पड़ी हुई हैं एमडीएम संबंधित कई कार्य 6 महीने से लंबित पड़े हुए हैं, दरअसल विकासखंड देवसर अंतर्गत जिन स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का कार्य वैकल्पिक व्यवस्था के रूप मे शाला प्रबंधन समिति चला रही हैं

उन विद्यालयों में एमडीएम का कार्य संचालन करने के लिए स्व सहायता समूहों ने करीब छः महीने पहले आवेदन किया था, लेकिन जिम्मेदारों ने आज तक सभी फाइलें दबा के रखा है जबकि अब तक सभी प्रक्रिया पूरी कराते हुए स्व सहायता समूह को एमडीएम का कार्य सौंप देना चाहिए, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या फिर उदासीनता वजह चाहे जो भी हो लेकिन बीआरसी एवं जनपद के बीच में एमडीएम की फाइलें धूल फांक रही है

 मामले पर एक नजर

दरअसल विकासखंड देवसर अंतर्गत कई विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन का कार्य शाला प्रबंधन समिति कर रही है, इस तरह की विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन का कार्य करने के लिए स्व सहायता समूह ने सभी प्रक्रिया पूरी कर बीआरसी कार्यालय देवसर में फाइल जमा की है,

बीआरसी कार्यालय (BRC Office)से फाइल आगे बढ़ानी थी लेकिन कार्यालय के जिम्मेदारों ने करीब 6 माह से फाइल दबा के रखा है, अब इन दिनों बीआरसी कह रहे हैं कि एमडीएम संबंधित कार्य बीआरसी कार्यालय से नहीं बल्कि जनपद कार्यालय से होते हैं, वही जनपद कार्यालय के कर्मचारी कह रहे हैं कि यह कार्य बीआरसी कार्यालय से ही होना है ऐसी स्थिति में दोनों विभागों के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी संबंधित कार्य करने के लिए अपने अपने हाथ खड़े कर रहे हैं अब वास्तविक रूप से यह कार्य किस विभाग से होना है इसकी जानकारी ना तो बीआरसी कार्यालय दे रहा है और ना ही जनपद

 प्रभारी सीईओ (CEO incharge) भी बने अनजान

उक्त संबंध में प्रभारी सीईओ अशोक मिश्रा भी अनजान बन रहे हैं, वह भी इस मामले के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं हालांकि उन्होंने एसडीएम देवसर कार्यालय में संबंधित कार्य होने की बात कही है लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब प्रारंभिक प्रक्रिया ही एसडीएम कार्यालय से होगी तो फिर बीआरसी एवं जनपद कार्यालय का औचित्य इस कार्य के प्रति क्या रह जाएगा यह अपने आप में विचारणीय पहलू है

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