सिंगरौली

किरकिरी के बाद जागा जिला प्रशासन, जाँच में मिली बड़ी खामियाँ

SINGRAULI NEWS: जिले के सिंगाही में संचालित शासकीय वितरण प्रणाली की दुकान पर सेल्समैन के द्वारा की जा रही अनियमितता की शिकायत पर जागा जिला प्रशासन मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की दरअसल इस पूरे मामले की शिकायत जनपद सदस्य पारस नाथ प्रजापति के द्वारा पूर्व में की गई थी एवं संबंधित मामले में लिखित रूप से की गई शिकायत पर जिला प्रशासन ने पहले तो कोई ध्यान नहीं दिया.

जिसके बाद संबंधित मामले को लेकर जनपद सदस्य पारसनाथ प्रजापति का गुस्सा फूट पड़ा जिला प्रशासन से नाराज जनपद सदस्य ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकट की जहां पर शासकीय कार्य प्रणाली सहित अपनी शिकायत को लेकर वह काफी नाराज हुए आखिरकार संबंधित मामले को मीडिया तक आने में देर नहीं लगी एवं इस पूरे मामले को मीडिया ने भी पर्चा लिखा जिसके बाद जिला प्रशासन की किरकिरी होने के बाद आखिरकार जिला प्रशासन एवं संबंधित मामले की जांच की एवं जांच के उपरांत की गई शिकायत सही पाई गई.

सिंगरौली जिले के विभिन्न दूरस्थ अंचलों में गरीबों को मिलने वाला अंत्योदय योजना के तहत राशन में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का काला खेल खेला जाता है जिसके संबंध में आए दिन शिकायत सामने आती रहती है संबंधित मामले में शिकायतों पर जिला प्रशासन किस कदर गंभीर है इसका अंदाजा मात्र आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जनपद सदस्य की शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन को काफी समय लग गया ऐसे में आमजन की शिकायतों पर जिला प्रशासन किस कदर कार्य कर रहा है वह आप भली-भांति समझ सकते हैं.

दरअसल एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं क्षेत्रों में लगातार विकास यात्रा निकालकर सरकार के कार्यों का गुणगान किया गया तो वहीं दूसरी तरफ जमीनी हकीकत यह है कि गरीबों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से नहीं मिल पा रहा है ऐसा जिला प्रशासन का अमला भी मान रहा है जिला प्रशासन के द्वारा की गई विभिन्न जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि गरीबों के हकों में सेंधमारी करने वाले बिचौलियों की तादाद भी तेजी से बढ़ी है.

परंतु इस पर अंकुश लगने की बजाय लगातार ऐसे लोगों की तादाद बढ़ रही है अब इसके पीछे की प्रमुख वजह जिला प्रशासन या बीच वाले ही बता सकते हैं परंतु जो तथ्य प्रमुख रूप से निकलकर सामने आए हैं उससे तो यही प्रतीत होता है कि ऐसे बिचौलियों पर प्रशासनिक अमला किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करता है एवं बिचौलियों को संरक्षण मिलता रहता है जिस कारण से इनके हौसले बुलंद हो जाते हैं।

एसडीएम की जांच में खुलासा व्यापक पैमाने पर हुआ भ्रष्टाचार

सखौहां जनपद सदस्य पारसनाथ प्रजापति के समक्ष हुई कारवाही जांच में पाई गई बड़ी गड़बड़ी। शासकीय उचित मूल्य दुकान सिंगाही में उपखण्ड अधिकारी माड़ा के जांच में बड़ी गड़बड़ी पाई गई है क्षेत्रीय जनपद सदस्य पारसनाथ प्रजापति व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी किशनपाल के समक्ष जांच कार्यवाही की गई जांच में जनवरी-फरवरी दों माह का कुल 214 कार्ड धारकों को राशन नहीं दिया गया है एवं जो अंत्योदय परिवार के कुल 29 हितग्राहियों को जनवरी माह में 35 किलो की जगह 14 किलो राशन दिया गया है 21 किलो राशन विक्रेता राम लल्लू शाह के द्वारा गोलमाल किया गया है शासकीय उचित मूल्य दुकान सिंगाही सैकड़ों कार्ड धारकों ने अपनी आपबीती व जूझ रहे समस्या से माड़ा उपखण्ड अधिकारी से रूबरू हुए लोगों ने यह भी बताया कि विक्रेता के द्वारा सही समय पर राशन दुकान नहीं खोला जाता है एवं दुकान के संचालन में बड़ी लापरवाही की जाती है विक्रेता राम लल्लू शाह फिंगर लगाने के लिए बुलाता है फिंगर लगाकर बिना राशन दिए हम लोगों को वापस भेज देता है फिर हम लोग राशन पाने के लिए राशन दुकान का चक्कर काटते काटते परेशान हो जाते हैं और मार्च माह प्रारंभ हो गया लेकिन अभी तक हम लोगों को जनवरी-फरवरी का राशन प्राप्त नहीं हुआ है।

सिंगाही जैसे जिले में और भी हैं मामले

गरीबों की खाद्यान्न को बाजार में बेचना यह कारनामा सेल्समैनो के द्वारा बखूबी किया जा रहा है आए दिन होने वाली शिकायतों पर गौर करें तो शिकायतें ऐसा ही बताती हैं परंतु संबंधित शिकायतों के बीच सेल्समैन पर या सेल्समैन के नाम से की गई शिकायत पर जिला प्रशासन का अमला किसी प्रकार की कार्रवाई करने से बचता है और शासन की इसी कमजोरी का फायदा यह भी चोरी उठा लेते हैं

दरअसल गरीबों को मिलने वाला खाद्यान्न गरीबों को ना मिलकर बाजार में खुलेआम बेचा जाता है जब कभी इस पूरे मामले की शिकायत प्रशासनिक अमले से होती है तो प्रशासनिक अमला संबंधित मामले को गंभीरता से नहीं लेता है एवं स्तर से होने वाली शिकायतों एवं कार्रवाई ना होने से सेल्समैन के द्वारा की जा रही अनियमितता पर हौसले बुलंद हो जाते हैं और शायद इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

कि संबंधित मामले की जानकारी प्रशासनिक अमले के जिम्मेदार लोगों को भी हो दरअसल गरीबों के खाद्यान्न को बाजार में बेचना यह कोई नई बात नहीं है हां यह बात अलग है कि जब कभी कार्रवाई होती है तो संबंधित मामले में सिर्फ सेल्समैन तक ही मामला सीमित हो जाता है जबकि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि इस पूरे मामले में आखिरकार कौन कर्मचारी एवं अधिकारी लिखते हैं बिना किसी संरक्षण के शासकीय वस्तुओं को बाजार पर कोई व्यक्ति कैसे बेच सकता है।

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