
Explosive factory : कंपनियों में हादसों को लेकर गंभीर नही जिला प्रशासन
Explosive factory: सिंगरौली जिले में दसको पूर्व हुए विस्फोटक फैक्ट्री में विस्फोट के बाद से जिले में मौजूद विस्फोटकों को तैयार करने वाली कंपनियों की सुरक्षा एवं मांगों को लेकर आवाज बुलंद हुई थी.
संबंधित मामले को लेकर सीएम शिवराज ने भी माना था कि ऐसी फैक्ट्री को आबादी से दूर होना चाहिए दशक से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी आज तक इस पूरे मामले पर कोई भी कार्य होता नहीं दिखा इसी बीच विगत कुछ दिन पूर्व में त्रिमूला इंडस्ट्रीज के बॉयलर फटने से आधा दर्जन मजदूर घायल हो गए ।
प्रमिला इंडस्ट्रीज के सूत्र बताते हैं कि विगत कुछ दिन पूर्व हुए विस्फोट से सप्ताह भर व पूर्व में ही बॉयलर का मेंटेनेंस किया गया था एवं वाले में पानी जाने के बाद से हुए विस्फोट को हादसे का प्रमुख वजह माना जा रहा है। आखिरकार किसी एक चूक के कारण एक काफी बड़ा हादसा होते होते रह गया फिर भी इसने अपनी चपेट में कुछ लोगों को ले ही लिया इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन ने हादसे को लेकर मामला दर्ज कर लिया है एवं पुलिस लगातार जांच में जुटी हुई है.
मुख्यमंत्री का निर्देश भी बेअसर
प्रदेश का उर्जाधानी के नाम से विख्यात सिंगरौली जिला बारूद की ढेर पर बसा है। इसके पीछे की प्रमुख वजह है शहर के बीचों बीच मे बारूद व केमिकल की कई फैक्टरियां संचालित हैं। 13 साल पहले बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 30 लोगों की मौत व 120 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
सिंगरौली जिले में बारूद फैक्ट्री में अब तक का सबसे बड़ा हादसा वही था जिसे लोग आज भी याद करके सिहर जाते हैं बजाए हादसे से सबक लेने के बलियरी में बारूद फैक्ट्रियों को अधिकारी नजर अंदाज कर रहे हैं। सीएम के निर्देश के बाद भी औद्योगिक क्षेत्र में बारूद फैक्ट्रियों को शिफ्ट नहीं किया।
बलियरी में बारूद फैक्ट्रियों में भी हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। संचालित हो रही दर्जन भर फैक्ट्रियों में शहर के बीचो बीच विस्फोटक पदार्थ का परिवहन किया जा रहा है। कभी भी दिल दहलाने वाली घटना हो सकती है। बारूद फैक्ट्रियों को अन्यत्र शिफ्ट करने की कवायद 13 साल बाद भी पूरी नहीं हुई। ऐसे में शहर को सुरक्षित कैसे मान सकते हैं।
करीब तेरह वर्ष पहले हुए विस्फोट से 30 श्रमिकों की मौत हुई थी और 120 घायल हो गए थे। इस बीच एक हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन फैक्ट्रियों में बारूद का परिवहन घनी आबादी वाले क्षेत्र से हो रहा है। अंबेडकर चौक, तुलसी मार्ग स्थित पूरा बाजार संचालित है। इस दौरान कोई हादसा हो गया तो पूरा काफी जनहानि जाएगी। प्रशासन को इस गंभीर समस्या की ओर समय रहते ध्यान देना चाहिए।
विस्फोटक पदार्थ की बढ़ी मांग
सिंगरौली जिले में स्थापित नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड किए कई कोयला खदानों में जिले में मौजूद कंपनियां बारूद की सप्लाई करती है इन बारूद को ड्रिल कर गड्ढों में भरा जाता है एवं विस्फोट के साथ ऊपर ही मिट्टी को हटाया जाता है.
जिसके बाद कोयला निकालने की प्रक्रिया शुरू होती है लगातार बढ़ रहे अपने टारगेट को देखते हुए विस्फोटकों की आपूर्ति पहले की अपेक्षा ज्यादा हो चुकी है इसके अलावा अन्य कई नई खुदा ने भी जिले में संचालित हैं एवं अन्य के प्रस्तावित भी हैं बलियरी में संचालित बारूद फैक्ट्रियों में विस्फोटक पदार्थ का परिवहन शहर के बीचो बीच हो रहा है।
बारूद फैक्ट्रियां कोयला कंपनियों को विस्फोटक उपलब्ध कराती हैं। नई कंपनियों के आने पर विस्फोटक पदार्थों की मांग बढ़ गई है। संचालित हो रहीं फैक्ट्रियां, आइडियल एक्सप्लोसिव बारूद फैक्ट्री, ब्लास्टिक प्राइवेट इंडिया लिमिटेड, सोलर इंडस्ट्रियल इंडिया लिमिटेड, प्रीमियर एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड, केईएल एक्सप्लोसिव लिमि. व रीवा केमिकल रीवा गैसेज वैढ़न इंजीनियरिंग,
एक नज़र ज़िले की व्यवस्था पर
अगर हम बात करें कि जिले में कितनी व्यवस्था उपलब्ध तो ,नगर निगम में दमकल वाहन 04, कंपनियों में दमकल की संख्या 12, शहर की कुल आबादी लाख में लगभग 4.30, संचालित फैक्ट्रियों की संख्या 11, बारूद परिवहन वाहन लगभग 50, परिवहन के दौरान घनी आबादी वाला क्षेत्र 10 अभी मौजूद है।