सिंगरौली

पोषण पखवाड़ा समारोह 20 मार्च से शुरू, मोटे अनाज के जरिए पोषण को बढ़ावा

देशभर में 20 मार्च से 3 अप्रैल तक पांचवां पोषण पखवाड़ा मनाया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से मनाए जा रहे इस पखवाड़ा का उद्देश्य, जन आंदोलन और जन भागीदारी के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और खान-पान की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देना है।

पोषण पखवाड़ा की थीम

पोषण पखवाड़ा 2023 की थीम है- “सभी के लिए पोषण: एक साथ, स्वस्थ भारत की ओर।” 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में घोषित होने के साथ, इस वर्ष पोषण पखवाड़ा का केंद्र-बिंदु, कुपोषण को दूर करने के लिए एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में ’श्री अन्न’ -जिसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है- को लोकप्रिय बनाने पर होगा।

पोषण पखवाड़ा के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रम

मोटे अनाज आधारित खाद्य पदार्थों को पूरक पोषण से जोड़ने, घर-घर तक पहुंचने, आहार परामर्श शिविर आदि के आयोजन के माध्यम से पोषण-कल्याण के लिए मोटे अनाज को बढ़ावा देना और इन्हें लोकप्रिय बनाना।

स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा समारोह के तहत अच्छे पोषण, अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए प्रतिस्पर्धा की स्वस्थ भावना पैदा करके परिभाषित मानकों के अनुरूप ‘स्वस्थ बालक’ की पहचान करना और इसका उत्सव मनाना

सक्षम आंगनवाड़ियों को लोकप्रिय बनाना: आंगनवाड़ियों को लोकप्रिय बनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे, इसके लिए आंगनवाड़ियों को बेहतर पोषण, प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के केंद्रों के रूप में उन्नत अवसंरचना और सुविधाओं के साथ सक्षम किया जाएगा।

पोषण के संदेश के प्रचार

प्रसार के लिए आंगनवाड़ी केंद्र एवं परियोजना स्तर पर अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। आंगनवाड़ी केंद्र पर पोषण रैली, प्रभात फेरी, माता समूह के साथ बैठक, गृह भ्रमण, हैंड वाशिंग, वृद्धि निगरानी, आपदा प्रबंधन, पोषण वाटिका की स्थापना, संध्या बैठक का आयोजन, दिवाल लेखन, किशोरी समूह की बैठक, प्रश्नोतरी, चित्रकारी, निबंध/रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन, योग एवं आयुष गतिविधि, जीविका समूह के साथ बैठक एनीमिया कैंप आदि गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।

पोषण पखवाड़ा की कब हुई शुरुआत

पीएम मोदी ने 8 मार्च 2018 को पोषण अभियान शुरू किया था, जो कि लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और पोषण पर चर्चा को मुख्यधारा में लाने में सहायक रहा है। पोषण अभियान की शुरुआत पोषण संबंधी परिणामों में समग्र रूप से सुधार लाने के उद्देश्य से की गयी थी। कुपोषण-मुक्त भारत के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण घटक है- व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन।

पोषण पखवाड़ा प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में 15 दिनों तक मनाया जाता है। इसी तरह, सितंबर के महीने को, पूरे देश में राष्ट्रीय पोषण (national nutrition) माह के रूप में मनाया जाता है। अब तक मनाए गए पोषण माह और पखवाड़ा में; सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, अग्रिम पंक्ति की संस्थाओं, मंत्रालयों के साथ-साथ आम लोगों की व्यापक भागीदारी देखी गयी है। पोषण पखवाड़ा, 2022 में देश भर में करीब 2.96 करोड़ कार्यक्रम आयोजित किये गए थे।

गौरतलब हो कि भारत सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने के लिए चरणबद्ध ढंग से पोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जीरो से 6 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती दूध पिलाने वाली माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार के लिए महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय पोषण मिशन का गठन किया गया है। देश में पोषण के प्रति जागरूकता के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।

इनमें आगनबाड़ी केंद्र (anganwadi center) के माध्यम से बच्चों और गर्भवति, किशोरियों को जागरूक किया जाता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आशा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक केंद्रों में, सहायता समहू के माध्यम से माध्यम से महिलाओ, लड़कियों, बच्चों को खाने के आहार दिए जा रहे है जिससे उनके शारीरिक विकास में वृद्धि हो पाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button