SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले की नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड Northern Coalfield Limited की एक परियोजना में हादसा होने से एक मजदूर की जान चली गई वहीं एक अन्य हादसे में बस दुर्घटनाग्रस्त होने से दो दर्जन से ज्यादा मजदूर घायल हो गए। एक तरफ कंपनी सुरक्षा मानकों सहित सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता होने का दवा लगातार करती आ रही है.
इतना ही नहीं कंपनी हर वर्ष सुरक्षा सप्ताह के नाम पर भी कई लाख रुपए खर्च कर रही है सुरक्षा व्यवस्था एवं मानकों एवं नियमावली के पालन को लेकर व कायदा सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए हैं बावजूद इन सब के कंपनी में हो रहे हादसे इस बात की तरफ इंगित करते हैं कि कंपनी प्रबंधन हादसों को लेकर गंभीर नहीं है या फिर यूं कहें कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी लगातार की जा रही है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और इसका खामियाजा आम तौर पर खदान में कार्य करने वाले मजदूरों को ही भुगतना पड़ता है अमूमन देखने में आया है.
कि खदान में होने वाले अधिकतर हादसों में अब तक कई मजदूर अपनी जान गवा चुके हैं हादसे के बाद से खदानों एवं मजदूरों के हित की बात करने के लिए मजदूर संगठन सिर्फ और सिर्फ हादसे के बाद ही नजर आते हैं जबकि विभिन्न मामलों में मजदूर संगठन सुप्त अवस्था में ही दिखाई पड़ता है दरशल खदान एरिया में अब तक कई मजदूर काल के गाल में समा चुकें हैं वहीं खदान में होने वाले हादसों से कंपनी प्रबंधन कोई सबक लेने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहा है।
जाने पूरा मामला
दरअसल प्राप्त जानकारी के अनुसार रीवा जिले के त्योंथर के रहने वाले प्रशांत शुक्ला 28 वर्ष रोजगार की तलाश में सिंगरौली आये एवं एनसीएल दुद्धिचुआ परियोजना में ओवर वर्डन हटाने का कार्य करने वाली गुरमीत सिंह कंपनी के संविदाकार चंद्रा माइनिंग कंपनी में बतौर साइट इंचार्ज के पद पर कार्यरत थे ।
कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ओवर वर्डन हटाने के कार्य मे लापरवाही की गई ।कर्मचारी बतातें हैं कि साइट इंचार्ज को जानकारी मिली कि ओवर वर्डन कार्य मे लगे ट्रकों में छमता से ज्यादा मटेरियल लोड किया जा रहा है संबंधित मामले की जानकारी उपरांत मौके की जाँच करने गए थे । वहीं ओवर वर्डन डंप के दौरान हादसा हो गया और हादसे में साइट इंचार्ज की जान चली गई ।
हादसे के उपरांत कंपनी प्रबंधन ने आनन फानन में पीड़ित को जयंत में स्थित नेहरू शताब्दी अस्पताल में ले जाया गया जहाँ परीक्षण उपरांत मृत घोषित कर दिया गया। हादसे के बाद से मजदूर यूनियन के नेताओं का जमावड़ा देखा गया हर कोई मुआवजा की बात कर रहा था तो वही समाज सेवी लगातार कंपनी प्रबंधन पर मामला दर्ज करने की बात पर अड़े रहे।
खदान में पलटी बस
एनसीएल के बीना परियोजना क्षेत्र की खदान में सोमवार को एक बस बेलगाम होकर पलट गई। जिसमें बैठे 30 से अधिक कर्मचारी घायल हो गये हैं। ये दुर्घटनाग्रस्त बस बीना में कार्यरत ओबी कंपनी बीजीआर की बतायी जा रही है, जिसमें बीजीआर कंपनी के ठेका कर्मी सवार थे। ये हादसा बीना माइंस के भीतर वन देवी के समीप वाली हॉल रोड में दोपहर करीब डेढ़ बजे के करीब हुआ है।
हादसे की सूचना कुछ ही देर में जिम्मेदारों तक पहुंची और आनन-फानन में सभी घायलों को बीना की परियोजना डिस्पेंसरी में ले जाया गया। जहां सभी का प्राथमिक उपचार कराया गया और करीब 22 लोगों को ज्यादा चोट लगने के कारण तत्काल नेहरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। नेहरू अस्पताल में इन सभी 22 घायलों को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया ।
हादसे एवं मुआवजे तक ही सीमित है एनसीएल प्रबंधन
एनसीएल की कोयला खदान में जिस तरह से आए दिन हो रहे हादसों में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है वहीं हादसों के बाद में मजदूर संगठन के नेता सिर्फ मुआवजे को लेकर पीड़ित परिवार के साथ खड़े दिखाई पड़ते हैं वही संबंधित मामले में गौर करें तो अब तक हुए हादसों में कंपनी प्रबंधन या फिर संबंधित जिम्मेदारों के विरुद्ध कोई भी वैधानिक कार्यवाही की मांग नहीं करता है .
ऐसे प्रबंधक की मनमानी यों का दौर यहीं तक सीमित नहीं है विगत कई हादसों में जान गंवाने वाले परिवारों के हालात कुछ अच्छे नहीं है कंपनी प्रबंधन अपने संविदा कार के द्वारा किए जा रहे मजदूरों को भुगतान को लेकर भी सक्रिय दिखाई नहीं पड़ता मजदूरों का शोषण एवं लापरवाही के कारण मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
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