भोपाल, आज ज्येष्ठ मास की कृष्ण चतुर्दशी है। हिंदू पंचाग के अनुसार प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि के रूप में मनाने की परंपरा है। भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत रखते हुए विधि-विधान पूर्वक शिव जी का पूजन, अभिषेक किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद शर्मा बताते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव की व्रत कथा का श्रवण या वाचन करना चाहिए। व्रत कथा सुनने से मन पवित्र होता है, क्लेश मिटता है, पाप कटते हैं और व्रत के बारे में जानकारी मिलने के साथ पुण्य फल भी प्राप्त होता है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी 28 मई, शनिवार को दोपहर 01:09 से शुरू होकर अगले दिन यानी 29 मई, रविवार को दोपहर 02.55 तक रहेगी। मासिक शिवरात्रि को रात में भगवान शिव के पूजन का विधान है। पूजन का शुभ मुहूर्त 28 मई को रात 11:58 बजे से देर रात 12:39 बजे तक तक है।
मान्यता है कि जिस पर भगवान शिव की कृपा हो जाए, उसके जीवन से तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं। तमाम तरह की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का विधि-विधान पूर्वक रुद्राभिषेक करना विशेष शुभ फलदायी माना जाता है।
मासिक शिवरात्रि को करें ये काम
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव का विधि-विधान पूर्वक पूजन, अभिषेक करें। पूजन में चंदन, धतूरा, दूध, आक, गंगा जल, और बेल पत्र आदि अवश्य शामिल करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। पूजा करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। भगवान शिव के साथ माता पार्वती का भी पूजन करें। भगवान को भोग लगाएं और आरती करें। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए निम्न उपाय भी किए जा सकते हैं:-
– यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो मासिक शिवरात्रि की शाम को कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर दान करें। ऐसा करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
– भगवान भोलेनाथ के पूजन के दौरान अक्षत यानी चावल अर्पित करते समय ध्यान रहे कि चावल खंडित यानी टूटा हुआ ना हो।
– मासिक शिवरात्रि के दिन सफेद चीजों जैसे दही, सफेद वस्त्र, दूध और शक्कर का दान करना श्रेष्ठ माना गया है।
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