SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले में भले ही औद्योगिक कंपनियों की भरमार है बावजूद इसके जिले के स्थानीय युवा बेरोजगारी की कगार पर है बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं को नोकरी न मिलने से युवाओं में निराशा है ।
जिले के स्थानीय युवा बेरोजगारी के साथ अब नसे के आदी होते जा रहे हैं एवं इसके साथ ही आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगे हैं वहीं जिले में स्थापित औद्योगिक इकाइयों के द्वारा स्थानीय युवाओं की उपेक्षा कर अन्य राज्यों या फिर अन्य क्षेत्रों के लोगों को रोजगार दे दिया जाता है जिसमें स्थानी युवाओं का आरोप है कि बेरोजगारी विस्थापन का झेलने वाले लोगों को कंपनियों के द्वारा दरकिनार किया जा रहा है कंपनियों की मनमानी यही तक सीमित नहीं है दरअसल स्थानीय कंपनियों में निकलने वाली भर्तियों में नेताओं के इशारे पर भारतीय की जाती हैं कई मामले ऐसे भी निकाल कर सामने आ चुके हैं जिसमें की स्थानीय युवाओं से पैसे लेकर रोजगार के नाम पर उनके साथ में ठगी तक का कारोबार जोरों पर चल रहा है ऐसे कुछ मामलों में पुलिस ने आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया है।
नेताओं के इशारे पर होती है भर्तियाँ
नेताओं के इशारे पर हो रही भारतीयों के कुछ मामले भी निकाल कर सामने आ चुके हैं विगत कुछ महत्वपूर्ण में सिंगरौली विधायक का एक पत्र भी सोशल मीडिया में जोरों पर वायरल हुआ था जिसमें दावा किया गया कि विधायक की इशारे पर भारतीय की जा रही है संबंधित आरोपों को लेकर स्थानीय युवाओं में काफी आक्रोश देखने को मिला इसके साथ ही युवाओं का कहना है कि क्षेत्र की विधायक को जनता के साथ होना चाहिए ना कि किसी विशेष वर्ग या जाति के लोगों के साथ।
एनसीएल (NCL) की विभिन्न परियोजनाओं में स्थित ओबी कंपनी मिट्टी हटाने का कार्य करती है जिसमें की कई सैकड़ो मजदूरों की भर्तियां करती हैं क्योंकि एनसीएल के अधीनस्थ कार्य करने वाली कंपनियां कार्य करने वाले मजदूरों को भुगतान के लिए अधिकतम मेहनत आना प्रदान करती है जिस कारण से आज कोयला खदानों में कार्य करने वाली ओबी कंपनी को ज्वाइन करें युवा आर्थिक तंगी को दूर करना चाहते हैं परंतु नेताओं एवं दलालों की हस्तक्षेप के कारण स्थानीय युवाओं का यह हक भी उनसे छीन लिया जाता है।
भर्तियों के नाम पर लाखों रुपये का होता है खेल
एनसीएल के विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत ओबी कंपनी में भर्ती के नाम पर युवाओं से कंपनी में नौकरी के नाम पर लाखों रुपए की मांग की जाती है आपको बताते चले की वर्तमान समय में ड्राइवर एवं हेल्पर जैसे पदों पर भारती के लिए दो से ढाई लाख रुपए तक की मांग की जा रही है और यह खेल बदस्तूर जारी है ऐसा भी नहीं है कि संबंधित मामले की खबर प्रशासन से लेकर कंपनी प्रबंधन को ना हो जानकारी होने के उपरांत भी समस्त अनैतिक गतिविधियों पर रोक न लगाने के पीछे कंपनी प्रबंधन पर हमेशा से यह आरोप लगाते रहे हैं कि कंपनी प्रबंधन की संरक्षण एवं बिचौलियों के साथ मिली भगत से इस पूरे खेल को अंजाम दिया जाता है.