बलिया ~: गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के प्रणेता रमाशंकर तिवारी ने हुकुम छपरा,गंगापुर,रामगढ़,दुबे छपरा, गंगा घाटों पर फैली गंदगी का निरीक्षण करते हुए कहा की शासन प्रशासन की तमाम योजनाओं तमाम प्रयासों के बावजूद भी नवंबर से जून तक गंगा सूखने लगती है,जो बड़े ही चिंता नहीं विषयहै, गंगा प्रदूषण के दर्द को अनसुना करना लगता है की आम जनमानस की आदत बन गई है,तभी तो आस्था की देवी कहीं जाने वाली मां गंगा के गोद मे आम जनमानस कूड़ा कचरा और गंदगी फेंकते चला जा रहा है, जब तक आम जनमानस का माँ गंगा के प्रति आस्था की जागृति नहीं होगी,तब तक गंगा साफ सुथरा नहीं होंगी, गंगा को साफ रखने के लिए एक एक व्यक्ति जब तक जागरूक नहीं होगा तब तक गंगा का जल पवित्र कैसे होगा, शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च तो किए जाते हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण इलाको में पहले की गंगा जल की तरह साफ सुथरा गंगाजल दिखाई नहीं देता है,आखिर कब होगा गंगा का उद्धार, कब होगा गंगा का पानी साफ, कब गंगा को गंदगी से निजात मिलेगी,यह एक बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न बना हुआ है, श्री तिवारी ने कहा कि जब तक टिहरी बांध से गंगा के प्रवाह को बढ़ाया नहीं जाएगा, तब तक गंगा का पानी साफ सुथरा नहीं होगा, तमाम प्रयासों के बाद भी प्रयागराज से पटना तक गंगा में गंदे नाले गिर रहे हैं,गंगा की तकदीर सुधरेगा,तब ही राष्ट्र की तस्वीर सुधरेगी,गंगा उत्तरी भारत की जीवन रेखा है,इस सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता,
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