सिंगरौली ~: एनटीपीसी-विंध्याचल में राजभाषा पखवाड़ा, 2024 का उद्घाटन परियोजना के प्रशासनिक भवन सीवी रमन सभागार में हर्षोल्लास के साथ किया गया। राजभाषा अनुभाग द्वारा दिनांक 14 सितंबर 2024 से 29 सितंबर, 2024 तक राजभाषा पखवाड़ा, 2024 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कर्मचारियों, गृहणियों, स्कूली बच्चों, संविदकर्मियों एवं नगरवासियों के लिए विभिन्न प्रतियोगितायें जैसे -हिंदी हस्तलेखन, कविता पाठ, हिंदी मुहावरे, कहानी, हिंदी वर्ग पहेली, नारा प्रतियोगिता, हिंदी प्रश्नोतरी आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल है।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुये दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। तत्पश्चात एनटीपीसी गीत गाकर कार्यक्रम को गति प्रदान की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कार्यकारी निदेशक (विंध्याचल) श्री ई सत्य फणि कुमार, विशिष्ट अतिथि मुख्य महाप्रबंधक(प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री समीर शर्मा, महाप्रबंधक(मेंटीनेंस) श्री आशुतोष सत्पथी, महाप्रबंधक(हरित रसायन) श्री सूजय कर्माकर, महाप्रबंधक(संविदा एवं सामग्री) श्री डी के अग्रवाल, मानव संसाधन प्रमुख(विंध्याचल) श्री राकेश अरोड़ा के साथ-साथ सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, अपर महाप्रबंधकगण, राजभाषा विभागीय प्रतिनिधिगण, यूनियन एवं एसोसिएशन के पदाधिकारीगण एवं मीडिया प्रतिनिधिगण शामिल हुये। इसके अतिरिक्त ष्ठक्कस्, ष्ठद्ग-क्कड्डह्वद्य स्कूल, विंध्यनगर के हिंदी शिक्षकगण के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्राचार्य(सरस्वती शिशु मंदिर, विंध्यनगर) श्री मुद्रिका प्रसाद दुबे उपस्थित रहें।
सर्वप्रथम मानव संसाधन प्रमुख(विंध्याचल) श्री राकेश अरोड़ा ने कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि, मुख्य वक्ता एवं सभी अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि 14 सितंबर 1949 के दिन संविधान सभा ने हिंदी को भारत संघ की राजभाषा का दर्जा दिये जाने का निर्णय लिया था। साथ-ही यह संकल्प भी लिया गया था कि संघ सरकार राजभाषा हिंदी के प्रयोग की दिशा में क्रमिक विकास के लिये प्रयासरत रहेगी। उन्होनें परियोजना में पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाली राजभाषा प्रतियोगिताओं में सभी को अधिकाधिक मात्रा में भाग लेने हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक(विंध्याचल) श्री ई सत्य फणि कुमार नें अपने सम्बोधन में सभी कर्मचारियों को राजभाषा अनुभाग द्वारा पूरे पखवाड़े के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता करने हेतु प्रेरित किया। उन्होनें यह भी कहा कि व्यावहारिक रूप से अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करने के लिए भाषा को सरल एवं सहज रूप में लिखा जाए ताकि आम जनता को वैज्ञानिक तथा तकनीकी विषयों के बारे में पर्याप्त रूप से जानकारी प्राप्त हो सके। साथ ही श्री फणि कुमार द्वारा सभागार में उपस्थित सभी कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक कार्यालयीन काम-काज हिंदी में करने हेतु हिंदी शपथ भी दिलाई गई। तत्पश्चात श्री फणि कुमार ने इसी के साथ राजभाषा पखवाड़ा, 2024 के विधिवत शुभारंभ की घोषणा की। इसी कड़ी में मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री समीर शर्मा ने अपने उद्बोधन में सभी लोगों को राजभाषा पखवाड़ा, 2024 के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने हेतु प्रेरित किया।तत्पश्चात मुख्य वक्ता प्राचार्य(सरस्वती शिशु मंदिर, विंध्यनगर) श्री मुद्रिका प्रसाद दुबे नें सभागार में उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए राजभाषा हिन्दी के महत्व एवं उसके विकास पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होनें कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र को एकसूत्र में पिरोने की जो क्षमता हिंदी में है, वही हिंदी की विशेषता है। उन्होने हिंदी के इतिहास से लेकर उसके वर्तमान प्रयोग तक की जानकारी दी। श्री दुबे ने कहा कि हमारे सभी समाज-सुधारकों ने भी इस बात पर विशेष ज़ोर दिया है कि भारत को एकता के सूत्र में पिरोने की क्षमता हिंदी भाषा में ही है । हिंदी बड़ी ही लचीली एवं एकात्म करने वाली भाषा है अर्थात हिंदी ने किसी भी भाषा के शब्द का विरोध नहीं किया है । इसमें उर्दू, अरबी, फारसी, रूसी, चीनी, इंग्लिश के साथ-साथ भारतीय भाषाओं-बंगाली, गुजराती और अनेक प्रादेशिक भाषाओं के शब्द कुछ इस तरह से एकाकार हो गए हैं कि उन्हें हिंदी से अलग करना कठिन है । हिंदी की इन्हीं विशेषताओं के कारण हमारे संविधान निर्माताओं ने 14 सितंबर, 1949 को इसे भारत संघ की राजभाषा का दर्जा दिया ।
कार्यक्रम का सफल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रबन्धक (मानव संसाधन) श्रीमती कामना शर्मा द्वारा किया गया। उन्होने अपने संचालन के दौरान राजभाषा पखवाड़ा, 2024 के अंतर्गत आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं की विस्तृत जानकारी दी।
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