सासन पावर ने प्रदूषण बोर्ड के बिना अनुमति से बना दिया राखड़ बांध
सिंगरौली ~: म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल ने सासन पावर लिमिटेड सिद्धिखुर्द को बड़ा झटका दिया है। एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के सदस्य-सचिव एए मिश्रा ने औद्योगिक संयंत्र के संचालन की अनुमति को पर्यावरण सुरक्षा के नियमों के पालन में लापरवाही बरतने के कारण 5 सितम्बर के तहत आवेदन किये गए सीसीए को निरस्त कर दिया है।
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार विशिष्ट कारणों से उपरोक्त कंपनी का संचालन की अनुमति निरस्त किया है। बोर्ड के द्वारा कारण उल्लेख किया है कि सासन पावर लिमिटेड ग्राम सिद्धिखुर्द के राखड़ बाँध में दरार की घटना होने के कारण छः लोगों की मृत्यु हुई थी और तीन गाँवों के 550 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। राखड़ बाँध टूटने से गोवैया नाला, करकट्टा नाला तथा रिहन्द जलाशय में भारी मात्रा में राख जमा हो गई थी। एनजीटी राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 18 जनवरी 2022 को कंपनी प्रबंधन को गोवैया नाला और रिहन्द जलाशय में जमा राख को साफ करने का आदेश दिया था। एनजीटी के आदेशानुसार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा जिला प्रशासन से बनी निगरानी समिति ने 5 मई 2022 को जाँच में पाया कि सासन पावर लिमिटेड ने गोवैया नाला, करकट्टा नाला और रिहन्द जलाशय के आसपास के खेतों के किनारे से राख की सफाई नहीं की गई है। कंपनी द्वारा निर्माण किए गए राखड़ बाँध की कुल परीधीय लंबाई लगभग 6.5 किलोमीटर है तथा सतही क्षेत्रफल लगभग 335 हेक्टेयर है। लेकिन धूल के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए पानी के छिड़काव यंत्र केवल एक किलोमीटर परीधीय क्षेत्रफल तक ही लगाए गए हैं। राख बाँध के पास लगभग 6 गाँव हर्रहवाँ, सिद्धिखुर्द, भाड़ी, करकट्टा, झाँझीटोला और सिद्धिकला मौजूद है।
म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भारी मात्रा में धूल के उत्सर्जन को पाया गया है। कोयला स्टॉक यार्ड के चारो तरफ कम से कम 15 से 18 फीट की पवन अवरोधक दीवार स्थापित नहीं किया गया है तथा राख साइलो क्षेत्र में पानी छिड़काव की उचित व्यवस्था कंपनी प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया है। सासन पावर लिमिटेड ने म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थापना व संचालन की अनुमति लिए बिना ही राखड़ बाँध का निर्माण कर संचालित किया जा रहा है। फिलहाल म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के उक्त कार्रवाई से अन्य कंपनियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि यह आदेश पिछले माह 27 सितम्बर का है। वही उक्त कंपनी का पीआर सेक्सन का अमला का जवाब नही आया।