SINGRAULI NEWS : सिंगरौली जिले में संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भारी अनियमितता देखने को मिली है । वहीं देशभर में आंगनवाड़ी केंद्र ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बाल विकास के लिए बहुत उपयोगी साबित हुए हैं। इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आई है और महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है।
आंगनवाड़ी भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा सेवाएं प्रदान करना है। यह एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के तहत संचालित होती है। परंतु बीते कुछ सालों में सिंगरौली जिले के विभिन्न क्षेत्र से जिस तरह की तस्वीर निकलकर आ रही हैं वह सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना एवं सरकार की इच्छा भी को धूमिल कर रही है दरअसल जिले के विभिन्न जगहों पर मौजूद आंगनबाड़ी केदो पर बिचौलियों का कब्जा देखने को मिला है तो वही पोषण आहार के नाम पर खुलेआम लूट की जा रही है बिचौलिए नोनीहालों के हक में डाका डालने का कार्य कर रहे हैं और जिम्मेदार कभी भी संबंधित मामले को लेकर कार्रवाई नहीं करते हैं जिस कारण से इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। आंगनबाड़ी केदो को जहां सुबह 10:00 बजे से संचालित होना चाहिए था कई आंगनबाड़ी केंद्र तो खुलते ही नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ महज मंगलवार को कुछ आंगनबाड़ी केंद्र खोलने हैं जो की कोरम पूरा कर पुनः बंद कर दिया जाता है।
घंटों आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर बैठी रही तहसीलदार मुख्य द्वार पर लटका रहा ताला
बीते 8 फरवरी शनिवार को आंगनबाड़ी केंद्र अमिलहवा डाँड़ चितरवाई कला की जांच करने पहुंची तहसीलदार प्रीति सिकरवार कई घन्टे आँगनवाड़ी केंद्र के मुख्यद्वार पर बैठी रही , परन्तु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और अन्य लोगों ने केन्द्र पर पहुँचने की जहमत नहीं उठाई।यही हालात जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का है जहाँ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका मंगलवार को ही देखने को मिलते हैं। इस पूरे मामले में सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित सहायिका अपने पढ़िए कर्तव्यों का निर्माण ठीक ढंग से नहीं कर रही है तो सुपरवाइजर और अन्य अधिकारियों ने कभी निरीक्षण कर कार्रवाई क्यों नही की ?
जयंत परिक्षेत्र के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों का बुरा हाल
शहरी क्षेत्र में मौजूद जयन्त इलाका जो कि जिला मुख्यालय से लगा हुआ है यहां के हालात भी बद से बद्तर हो चलें हैं केंद्र खुलते ही नही और कुछ खुलते हैं तो मंगलवार को। जयंत के यादव बस्ती जैतपुर , गोलाई बस्ती वार्ड क्रमांक 14 के बैगा बस्ती एवं अन्य कई हैं । परन्तु कागजों पर सब कुछ शासन के नियमानुसार संचालित है कागजों में बच्चों को मीनू अनुसार पौस्टिक आहार दर्शाकर पैसे का आहरण किया जाता है। वहीं कागजों में बच्चों की संख्या भी काफी है पर जमीनिहक़ीक़त कुछ और है। जैतपुर इलाके में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्र पूर्ण रूप से अव्यवस्था का शिकार हो चला है यहां आंगनबाड़ी केंद्र के चारों तरफ घास उगी है केंद्र खुलता नहीं।
इनका कहना है
मैंने भी देखा है केंद्र ,बजट के आभाव में मरम्मत नही हो पा रहा है प्रपोजल बना कर शासन को भेजा गया है।
शैलेन्द्र साकेत (शहरी आंगनबाड़ी केंद्र प्रभारी)