Ford का नाम सुनते ही मन में एक ही ख्याल आता है कि भारत में भी कोई ऑटो कंपनी थी। जो अपना कारोबार बंद करके भारत से वापस लौट आए। जमीन के नीचे 150 फीट की गहराई पर दुनिया की पहली फैक्ट्री फोर्ड स्थापित है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंसास में चूना पत्थर की खदानें हैं, जिसे अब व्यावसायिक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कंसास में दुनिया का सबसे बड़ा भूमिगत परिसर है, जिसे सबट्रोपोलिस के नाम से जाना जाता है।
चूना पत्थर की खदान में स्थित है फोर्ड कंपनी
2015 में कॉम्प्लेक्स का किराया 187 रुपये प्रति वर्ग फुट था, जो शहर में काफी सस्ता है। इसका एक कारण यह है कि यहां कई कंपनियों ने अपने शोरूम और गोदाम जमीन से करीब 150 फीट की गहराई पर स्थापित किया है। 1964 में शुरू हुआ यह बिजनेस कॉम्प्लेक्स कंसन लैमर हंट के दिमाग की उपज है। आज यहां खाने की पैकेजिंग से लेकर कारें तक सब कुछ बनता है। यहां हर साल मैराथन का भी आयोजन किया जाता है। जिसके लिए 10 किलोमीटर की भूमिगत मैराथन है। 16किलोमीटर लंबी सड़कें और करीब 33km लंबी रेलवे लाइन है।
Ford कॉम्प्लेक्स 78 करोड़ वर्ग फीट और छत 17 फीट ऊंची
यह कॉम्प्लेक्स 78 करोड़ वर्ग फीट जमीन पर बना है, जिसके छत की ऊंचाई 17 फीट ऊंची है। जहां फोर्ड अपनी कारें बनाती है। जो कई फूड पैकेजिंग कंपनियां एक साथ मिलकर अपना कारोबार करती हैं। व्यापारिक परिसर का तापमान वर्ष भर एक समान रहता है। इसलिए कंपनियां इसका इस्तेमाल स्टोरेज के लिए करती हैं। ई-कॉमर्स, फार्मा, हेल्थ सेक्टर और ऑटोमोबाइल कंपनियों ने यहां जमीन खरीदी है। अमेरिकी राष्ट्रीय अभिलेखागार और अभिलेख प्रशासन ने डाक टिकटों के भंडारण के लिए यहां जमीन पट्टे पर दी है।
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