सीपीआर एक जीवनरक्षक प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया है :डॉ डी के मिश्रा
सिंगरौल~: इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी सिंगरौली द्वारा संचालित 03 दिवसीय प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण का कार्यक्रम रेडक्रॉस सोसायटी सिंगरौली के चेयरमैन एस डी सिंह के मार्गदर्शन में
फर्स्ट एड ट्रेनिंग ऑफिसर डॉ डी के मिश्रा के द्वारा एनटीपीसी रिहंद में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारीगण को कर्मचारी विकास केंद्र में प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण की जानकारी प्रदान करने का कार्य किया गया ।
प्रशिक्षण के शुरुआत करने से पूर्व रेडक्रॉस सोसायटी के कार्यों एवं इसके उत्पत्ति तथा इतिहास के बारे में भूमिका बताते हुए पूरी कार्यशैली के बारे में जानकारी दिया गया । रेड क्रॉस द्वारा संचालित विभिन्न विंग्स के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया गया । प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार(फर्स्ट एड) कैसे दिया जा सकता है और न केवल उसकी जान बचाई जा सकती है बल्कि घायल होने या बीमार पड़ने पर उसके ठीक होने में लगने वाले समय को भी कम किया जा सकता है । प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रशिक्षित अधिकारियों को आपात स्थिति/आवश्यकता के दौरान कार्यालय, साइट आदि पर प्राथमिक चिकित्सा करने के लिए सशक्त बनाना है।
इसके उद्देश्य, घायल व्यक्ति को कैसे प्राथमिक उपचार प्रदान किया जाए, इस दौरान हेल्प के लिए कैसे कॉल करें, एवं सीपीआर टेक्नीक के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया जिससे किसी भी व्यक्ति को पुनर्जीवित कैसे किया जा सकता है । किसी भी घायल को किस परिस्थितियों में सी पी आर देना है उसके बारे में विस्तार पूर्वक डम्मी के माध्यम से सीपीआर देने का प्रैक्टिस भी कराया गया । इसके साथ ही रिकवरी पोजीशन, मेडिकल इमरजेंसी एवं सर्जिकल इमरजेंसी के बारे में भी बताया गया ।इसके पश्चात बोंस, ज्वाइंट, मसल्स एवं फ्रैक्चर्स के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया ।सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी की चोट एवं अस्थिभंग होने पर उसको कैसे सपोर्ट देना चाहिए, एवं एट शेप बैंडेज, कॉलर बोन टूटने पर कैसे मैनेज करना है, स्प्लिंट्स का उपयोग के बारे में बताया गया ।
इसके साथ ही किसी भी घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर पर कैसे शिफ्ट करना है ट्रांसपोर्ट टेक्नीक्स एवं लाठी और कंबल के सहारे से स्ट्रेचर बनाने का तरीका तथा फ्रैक्चर मैनेजमेंट के बारे में एवं हार्ट, ब्लड सर्कुलेशन, ब्लीडिंग, आग लगने पर कैसे सुरक्षा प्रदान किया जाए, गैस रिसाव के दौरान सुरक्षा, कुत्ते, सांप, मधुमक्खी के काटने पर व्यक्ति को कैसे प्राथमिक उपचार प्रदान किया जाए, चोकिंग, पानी में डूबे हुए व्यक्ति को कैसे बचाए इत्यादि के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया ।
सीपीआर क्या है और कब देना चाहिए
सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह भी एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर और दम घुटने पर सीपीआर से पीड़ित को आराम पहुंचाया जा सकता है। हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने पर तो सबसे पहले और समय पर सीपीआर दे दिया जाय तो पीड़ित की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। अगर किसी पीड़ित को दिल का दौरा पड़ जाय तो सबसे महत्वपूर्ण है कि प्राथमिक चिकित्सा देने वाला व्यक्ति खुद ना घबराए और पूरा धैर्य रखे। किसी भी तरह की फर्स्ट एड देने से पहले एंबुलेंस को कॉल करे या फिर हॉस्पिटल को सूचित करे की आप बहुत ही कम समय में हार्ट अटैक के मरीज को लेकर वहां पहुंचने वाले हैं।पीड़ित के हाल की जांच तुरंत करें। ये देखने की कोशिश करें कि मरीज होश में है कि नहीं। उसकी सांस चल रही है कि नहीं। अगर उसकी सांस चल रही है तो मरीज को आराम से रिकवरी पोजिशन में लेटा देना चाहिए ।यदि मरीज को होश नहीं आ रहा हो, उसके दिल की धड़कने बंद हो गयी हो या साँस नहीं चल रही हो तो सीपीआर प्रक्रिया अपनाएं। यदि किसी भी दुर्घटना स्थल पर किसी भी व्यक्ति की पल्स, धड़कन एवं सांसे थम जाए और फर्स्ट एडर वहां पर पांच मिनिट के अंदर पहुंच जाते है तब ऐसे स्थिति में तत्काल परिस्थितियों का आंकलन कर सीपीआर देने से किसी भी घायल व्यक्ति की जान बचाया जा सकता है । इस दौरान एन टी पी सी रिहंद के एच ओ पी, डॉ तनमय मिश्रा, देवाशीष नाग एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी अधिकारी एक कर्मचारी इत्यादि लोग उपस्थित रहे । इस पूरे प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के सहयोगी बतौर जय प्रकाश दुबे द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।