SINGRAULI NEWS : अपराध और शिकायत पर कारवाई को लेकर दिए गए आवेदन पत्र पर पुलिस की कार्यशैली पर पुनः प्रश्नचिन्ह लगा है । मामला सिंगरौली जिले के कोतवाली का है जहाँ पीड़ित ने गाली गलौज सहित धमकाने के मामले को लेकर लिखित शिकायत कोतवाली पुलिस को दी पर मामले में पुलिस बीते 9 माह से उक्त आवेदन पत्र को लेकर भी जाँच पड़ताल शुरू नही कर सकी , आजकल करते हुए धीरे धीरे आज 9 माह बीत चुके हैं वहीं पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि विवेचना के सम्बंध में विवेचक के द्वारा 5000 रुपये की माँग की रुपये न देने की वजह से आजतक मामले की जाँच पड़ताल शुरू नही हो सकी , जिससे व्यथित निराश होकर मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में कर दी है। वहीं लंबे समय से लिखित शिकायत लंबित होने व मामले में कार्रवाई न होना भी पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। वहीं पीड़ित लोगों को उनके अधिकारों की रछा सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने का दावा करने वाली पुलिस और पुलिस अधीक्षक की छवि को धूमिल कर रही है।
जाने पूरा मामला
सिंगरौली जिले के जिला मुख्यालय में मौजूद काली मंदिर सड़क के मुख्य मार्ग में महादेव बुक डिपो से पीड़ित ने निजी विद्यालय की किताबें खरीदी जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति ने दुकान पर मौजूद व्यक्ति से खरीदी गई किताबों का पक्का बिल माँगा , ग्राहक का दुकानदार से पक्का बिल माँगना दुकानदार को नागवार गुजरा जिससे कि दुकानदार आपा खोते हुए गाली गलौज करते हुए धमकी देना प्रारम्भ कर दिया और वहीं से सारी बात बिगड़ गई। निराश व डरा सहमा पीड़ित व्यक्ति ने कोतवाली थाने का रुख करते हुए थाने पहुंचकर मामले की लिखित शिकायत की ।पुलिस को लिखित शिकायत देने व पुलिस आश्वासन पर पीड़ित व्यक्ति चला गया ।
वहीं मामले कि विवेचना प्रधान आरक्षक सूर्यभान साकेत को मिला। आरोप है कि विवेचना के संबंध पीड़ित व्यक्ति को कई बार थाने बुलाकर बैठाया जाता और व्यस्तता के हवाला देकर अगले दिन आने को कहा जाता रहा।जिसके बाद कई दिन तक कोतवाली थाने का चक्कर लगाने के बाद भी कार्रवाई न होने से पीड़ित निराश होता चला गया एवं सम्बंधित जाँच कर्ता के द्वारा मामले की विवेचना को लेकर 5000 रुपये की माँग की गई जिस पर पीड़ित व्यक्ति ने असमर्थता जताई और मामला अधर में अटक गया आज दिनाँक तक मामले पर कोतवाली पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई । वहीं पीड़ित व्यक्ति ने मामले एव पुलिस कर्मी के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन का सहारा लिया है सम्बंधित मामले में आरोप है कि लंबे समय से जिला मुख्यालय में पदस्थ पुलिस कर्मी के ऊपर विभागीय अधिकारियों की सरपरस्ती और राजनैतिक सरपरस्ती के कारण ही पदस्थ हैं। उक्त कर्मचारी को लेकर कोई भी जनप्रतिधि और पुलिस विभाग के आलाधिकारी भी कार्रवाई करने से कतराते हैं।
लंबित मामले में कार्रवाई न होना पुलिसकर्मी के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह
लिखित शिकायत देने के उपरांत भी 9 माह में कार्रवाई न होने से पुलिस कर्मी के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है वहीं पुलिस कर्मी के ऊपर लग रहे आरोप भी इसी बात की तरफ इशारा कर रहे हैं और सवाल तो कोतवाली प्रभारी सहित पुलिस कर्मी पर भी खड़े हो रहें हैं ।सिंगरौली जिला अपने सर्वाधिक राजस्व व खनन सहित विधुत उत्पादन के लिए विख्यात है उसके साथ ही कोयला कबाड़ डीजल व अवैध रेत उत्खनन के मामलों के लिए भी जाना जाने लगा है।
लगातार तेजी से बढ़ते अवैध कारोबार के मामले में भी पुलिस प्रशासन की सरपरस्ती की बात सामने आ चुकी है।न्याय पाने की आस लगाए आमजन आपराधिक गतिविधियों व मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर पुलिस की तरफ टकटकी लगाए रहते हैं आमजन की उम्मीद और उन उम्मीद पर पानी फिरना कोतवाली पुलिस की पुलिसिंग अब सवालों के घेरे में है अब देखने वाली बात है कि उक्त मामले को लेकर एव पुलिस की धूमिल होती छवि को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं या मामला ठंडे बस्ते में जाकर दम तोड़ देगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा ।